Business Idea - अपना काम शुरू कर करोड़पति बना इंसान, बताया कैसे होता है मुनाफा
 

हमरे देश की जलवायु मछली पालन के लिए अनुकूल है. मछली पालन का व्यापार करने के लिए इसमें रिस्क कम होता है. जिन किसानों के पास अपनी जमीन और संसाधन उपलब्ध हो वे आसानी से मछली पालन का कारोबार कर सकते है. आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है कि कैसे एक आदमी अपना काम शुरू कर करोड़पति बन गया। आइए जानते है इनकी कहानी। 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- राजस्थान के भरतपुर जिले में भी मछली पालन के व्यापार की तरफ किसानों का रुझान बढ़ता जा रहा है. जानकारी के अनुसार भारत देश मे 60 प्रतिशत लोग मछली खाना पसंद करते है और इसीलिए मछली पालन का व्यापार लाभकारी हो रहा है.

मछली में प्रोटीन की मात्रा अधिक होने के कारण इसकी मांग और कीमत उच्च बनी रहती है. हमरे देश की जलवायु मछली पालन के लिए अनुकूल है. मछली पालन का व्यापार करने के लिए इसमें रिस्क कम होता है. जिन किसानों के पास अपनी जमीन और संसाधन उपलब्ध हो वे आसानी से मछली पालन का कारोबार कर सकते है. 

हमारे भारत देश में मछलियों की बहुत सारी जातियां उपजातियां आसानी से उपलब्ध हो जाती है. ग्रामीण क्षेत्र में महिला पुरुष आसानी से सस्ते दामों में मिल जाते है इस लिए किसानो को मछली पालन ,बकरी पालन और डेरी का विजनिस शुरू कर सकते है. भरतपुर के एक किसान ने मछली पालन से अपनी तीन बेटियों की शादी की और 7 बीघा खेत भी खरीद लिया . 55 वर्षीय किसान निहाल सिंह कामां तहसील के तरगोतरा उंधन  गांव का रहने वाला है लगभग 20 साल से मछली पालन का कार्य कर रहा है.  

दोस्तों की सलाह से शुरू किया मछली पालन- 


किसान निहाल सिंह ने बताया की हमारे भाइयों के बंटवारे के बाद मेरे हिस्से में 5 बीघा जमीन आयी थी परिवार बड़ा होने के कारण आर्थिक स्थिति भी मजबूत नहीं थी. 5 बीघा जमीन  में खेती  से कुछ खास फायदा नहीं होने से किसान परेशान रहने लगा था. निहाल सिंह ने अपने दोस्तों को अपनी परेशानी बताई तो दोस्तों ने मछली पालन का कारोबार करने की सलाह दी तो उसने अपने खेत में मछली पालन का कारोबार शुरू किया. मछली कारोबार से किसान निहाल सिंह को फायदा होने लगा तो किसान निहाल सिंह ने गांव में सरकारी तालाब को ठेके पर ले लिया और उसमे भी मछली पालन शुरू कर दिया.

दिल्ली फरीदाबाद में करते हैं सप्लाई- 


मछली पालन से ही किसान निहाल सिंह ने अपनी तीन बेटियों की शादी कर दी और 7 बीघा जमीन और खरीद ली है. किसान निहाल सिंह ने बताया की दिल्ली और फरीदाबाद की मछली मंडी में सप्लाई की जाती है और जो भरतपुर के व्यापारी हैं वो खुद आकर मछली ले जाते हैं.

मछली की मांग मछली के साइज से की जाती है और उसी के हिसाब दाम मिलते हैं. छोटी मछली के दाम कम मिलते है बड़ी मछली के ज्यादा. भरतपुर के व्यापारी जिस साइज की मछली लेनी होती है अपने आप निकाल कर ले जाते है और साइज के हिसाब से पैमेंट करते हैं. कुल मिलाकर मछली पालन से परिवार का लालन पालन सही हो रहा है.