home page

Success Story- माफिया के 7 बार अटैक करने के बाद भी नहीं मानी हार आंख की रोशनी न होने पर भी UPSC में मारी बाजी

माफिया के 7 बार अटैक करने के बाद भी जिन्होंन हार नहीं मानी। आंखो की रोशनी चलने जाने के बाद भी जिन्होंन UPSC क्रैक कर बाजी मारी। आइए आज हम जानते है उनके जीवन की संघर्ष भरी कहानी। 
 | 
 माफिया के 7 बार अटैक करने के बाद भी नहीं मानी हार आंख की रोशनी न होने पर भी UPSC में मारी बाजी

HR Breaking News, Digital Desk- भ्रष्टाचार से लड़ाई को लेकर सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के PCS अधिकारी रिंकू सिंह राही ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है। रिंकू राही, अपनी ईमानदार और तेज-तर्रार छवि के लिए चर्चित हैं। अपने कार्यकाल में उन्होंने करोड़ों रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले की पड़ताल शुरू की तो उनके पीछे माफिया लग गए। उनपर ऐसा जानलेवा हमला हुआ कि चेहरे का आकार ही बदल गया। 2009 के मार्च में माफियाओं ने उन पर सात गोलियां दागी थीं।

कौन हैं रिंकू सिंह राही?- 


रिंकू राही उत्तर प्रदेश के साल 2007 बैच के पीसीएस अफसर हैं। यूपीपीएससी की पीसीएस परीक्षा पास करने के बाद वे साल 2008-09 में मुजफ्फरनगर में बतौर समाज कल्याण अधिकारी तैनात हुए। मुज्जफरनगर में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने 100 करोड़ से अधिक के भष्टाचार का खुलासा किया।

चली गई आंख की रौशनी, खराब हो गया कान- 


वो इस घोटाले की तह में जा ही रहे थे कि उन पर फायरिंग करवा दी गई। इस फायरिंग में रिंकू राही को सात गोलियां लगी थीं। चेहरा बिगड़ गया, एक कान खराब हो गया और एक आंख की रौशनी चली गई। कई महीनों तक अस्पताल में भर्ती रहे। रिंकू के अनुसार, जब वह ठीक होकर वापस आए तो उनके सहकर्मी ही उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं करते थे, वरिष्ठ अधिकारी सहयोग नहीं करते थे।

बता दें कि रिंकू एक बेहद साधारण और गरीब से आते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उनका बचपन बेहद अभाव में बीता, तभी दिमाग में आया कि अगर अधिकारी ईमानदार होते तो सरकारी सुविधाओं का लाभ हमें मिलता तो हमारी स्थिति ऐसी ना होती।

“मेरी सजा कभी नहीं रुकी”-


 राही ने TOI को बताया कि मायावती सरकार के कार्यकाल के दौरान उन पर हमला किया गया था। उन्होंने कहा, “मुझे समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान भ्रष्टाचार का विरोध करने पर एक मनोरोग अस्पताल में भेजा गया।” राही ने बताया कि यूपी में सरकारें आती रहीं, जाती रहीं लेकिन उनकी ‘सजा’ (परेशानी) कभी नहीं रुकी।’ राही कहते हैं कि वो अब सीख गये हैं कि स्थिति को कैसे संभालना है।

UPSC में 683वीं रैंक-


 रिंकू राही ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है और उन्होंने 683वीं रैंक हासिल की है। हालांकि रिंकू राही अब 40 साल के हो चुके हैं। यूपीएससी ने कुछ विशेष वर्ग के लोगों को आयु में छूट दी है जिससे राही को 40 की उम्र में भी यूपीएससी परीक्षा में बैठने में मदद मिली। राही ने कहा, “अपनी परीक्षा के दौरान, मैं सिस्टम से नहीं लड़ रहा था बल्कि सिस्टम मुझसे लड़ रहा था।”

News Hub