Chargesheet Order ये कर्मचारी और अधिकारी होगें चार्जशीट, आदेश हुए जारी
 

हरियाणा के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए इस समय बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक कर्मचारियों को 30 जून तक ऑनलाइन मांगी गई जानकारी में अपना पूरा ब्योरा जमा करना था। जिसके चलते ऐसा न करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों को चार्जशीट करने के आदेश जारी हो चुके है।
 
 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,  हरियाणा के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए बड़ी खबर है। हरियाणा में संपत्ति का ब्योरा नहीं देने वाले अधिकारी और कर्मचारी चार्जशीट होंगे।इसके लिए 30 जून लास्ट डेट रखी गई थी और ऑनलाइन जानकारी मांगी गई थी, बावजूद इसके जानकारी ना देने पर राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है।


दरअसल, हरियाणा सिविल सर्विसेज सरकारी कर्मचारी आचार नियम, 2016 के रूल 24 के तहत हर साल समय पर प्रॉपर्टी रिटर्न भरना जरूरी है। इसके तहत यह बताना आवश्यक है कि वाणिज्यिक, आवासीय, संस्थागत, खेती की जमीन कितनी है और इससे आमदनी कितनी है। बार-बार समय सीमा बढ़ाने के बावजूद कई कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन वार्षिक प्रापर्टी रिटर्न दाखिल नही किया गया, जिसके बाद राज्य सरकार ने कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है।

संपत्ति का ब्योरा छिपा रहे ऐसे सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को अब चार्जशीट किया जाएगा।इसमें ग्रुप ए, बी और सी के पदों पर काबिज जिन अफसरों और कर्मचारियों ने दो साल से संपत्ति का ब्याेरा नहीं दिया है। मानव संसाधन विभाग की ओर से आनलाइन वार्षिक प्रापर्टी रिटर्न नहीं भरने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडलायुक्त, हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और उपायुक्तों को आदेश जारी किए गए हैं।


खबर है कि संपत्ति का ब्योरा न देने वाले कर्मचारियों अधिकारियों को हरियाणा सिविल सर्विसेज सजा एवं अपील रूल्स, 2016 के रूल 7 और 8 के तहत चार्जशीट किया जाएगा।इसमें रूल-7 के तहत नौकरी से बर्खास्तगी, वार्षिक वेतन वृद्धि पर रोक, भारी जुर्माना, पदोन्नति से पदान्नवति और रूल-8 के तहत वार्षिक वेतन वृद्धि रोकना, सामान्य जुर्माना, पदोन्नति पर रोक इत्यादि के तहत कार्रवाई की जाएगी।

ये रहेंगे नियम

वही दो साल से रिटर्न न भरने वाले अधिकारी, कर्मचारी रूल-7 और दो साल से अधिक समय से संपत्ति का ब्योरा न देने वालों को रूल-8 के तहत चार्जशीट सौंपी जाएगी। आरोप पत्र का जवाब संतोषजनक न होने पर अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी, प्रमोशन, वेतन वृद्धि से लेकर नौकरी तक संकट मंडरा सकता है।अब सरकार ने लापरवाह कर्मचारियों को और समय न देते हुए दोषियों को चार्जशीट करने के निर्देश जारी किए हैं।

इतना ही नहीं प्रॉपर्टी का ब्योरा न देने वालों में 50 प्रतिशत से ज्यादा तो वरिष्ठ एचसीएस शामिल हैं। इनमें आईएएस के बच्चे, पूर्व आईपीएस की पत्नी, एचसीएस पति-पत्नी इत्यादि हैं।वही प्रदेश के 22 जिलों में डीआरओ, 94 तहसीलदार-नायब तहसीलदार और 49 उप तहसीलों में नायब तहसीलदार तैनात हैं, इनमें से 80 फीसदी ने प्रॉपर्टी रिटर्न नहीं भरी है।