AC खरीदने के बारे में सोच रहे हो तो जानें Inverter और Non-Inverter AC में फर्क

Inverter AC व Non-Inverter AC Difference : कई लोग AC  खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। परंतु उनके मन में यह द्वंद्व चल रहा कि कौन से  AC लेना चाहिए। Inverter AC व Non-Inverter AC में कौन सा बेहतर रहेगा। आज हम आपको बताएंगे कि Inverter AC व Non-Inverter AC में क्या अंतर रहेगा। जानिए इसके बारे में जानकारी...

 

HR Breaking News, New Delhi: उमस भरी गर्मी से सभी का बुरा हाल है। अभी मॉनसून की बारिश की नहीं शुरू हुई तभी ये हाल है। जुलाई-अगस्त में तो उमस भरी गर्मी और भी बढ़ जाएगी, क्योंकि उस समय मॉनसून भी आ जाएगा। इस कारण वातावरण में आद्रता बढ़ जाएगी। इस कारण कई लोग AC  खरीदने के बारे में सोच रहे हैं। परंतु उनके मन में यह द्वंद्व चल रहा कि कौन से  AC लेना चाहिए। Inverter AC व Non-Inverter AC में कौन सा बेहतर रहेगा। आज हम आपको बताएंगे कि Inverter AC व Non-Inverter AC में क्या अंतर रहेगा। इसका  रेट में क्या अंतर है।

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प्राकृतिक स्रोतों और प्राकृतिक से खिलवाड़ होने के कारण पहले की अपेक्षा काफी ज्यादा गर्मी पड़ने लगी है। आज उमस भरा वातावरण होने के कारण कूलर से राहत तो मिल नहीं पाती, इससे ज्यादा और भी गर्मी व घुटन होने लग जाती है। क्योंकि रूम या घर में आद्रता और बढ़ जाती है। उसके लिए AC ही एकमात्र ऐसा विकल्प हैं जो हमें गर्मी से बचा सकता हैं। ऐसी भी कई तरह के आते हैं इसीलिए हमें अच्छे C की पहचान होना बहुत ही ज्यादा जरूरी हैं।

 यह बात तो ज्यादातर लोगों को पता हैं कि स्प्लिट एसी की कूलिंग विंडो एसी के मुकाबले काफी ज्यादा होती है इसीलिए स्प्लिट एसी खरीदना सही रहता है। इस बात को बहुत कम लोग जानते हैं कि स्प्लिट एसी में भी Inverter तथा Non-inverter दो तरह की Technology के एयर कंडीशनर आते हैं।

यदि हमें इनवर्टर और नॉन इनवर्टर टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी नहीं है, तो इस वजह से हमारे पैसों का भी नुकसान हो सकता है। इसीलिए एयर कंडीशनर खरीदने से पहले इन दोनों तरह की टेक्नोलॉजी के बारे में जान लेना जरूरी हैं। आज हम आपको Inverter vs Non-inverter Technology के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे जिसके पश्चात आपके लिए AC खरीदना बहुत ही ज्यादा आसान हो जाएगा।

AC में क्या है इन्वर्टर टेक्नोलॉजी


एसी में इन्वर्टर टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रिक वोल्टेज, करंट और फ्रीक्वेंसी के लिए कंट्रोलर के तौर पर काम करती है। यह इन्वर्टर एसी को कंप्रेसर में पावर की सप्लाई में हेरफेर करके कूलिंग या हीटिंग को कंट्रोल करने की अनुमति देता है। यह इन्वर्टर एसी को कूलिंग इफेक्ट पर सही कंट्रोल रखने की अनुमति देता है।

नॉन-इन्वर्टर एसी क्या होते हैं


नॉन-इन्वर्टर एसी में सिर्फ टेंपरेचर को एडजेस्ट करने के लिए कंप्रेसर को ऑन या बंद करने का ऑप्शन होता है। वे साफतौर पर तय कूलिंग पावर के साथ आते हैं, जिसका अर्थ है कि आसपास के टेंपरेचर के आधार पर एसी कंप्रेसर को ऑन या बंद कर सकता है।

इन्वर्टर vs नॉन-इन्वर्टर टेक्नोलॉजी


इन एसी के बीच बड़ा अंतर यह है कि वे कूलिंग और हीटिंग को मैनेज करने के लिए एसी के कंप्रेसर को ऑपरेट करते हैं और हैंडल करते हैं। इन्वर्टर एसी के पास अपनी ऑपरेटिंग कैपेसिटी में हेरफेर करने का ऑप्शन होता है, जबकि गैर-इन्वर्टर एसी सिर्फ एक तय कैपेसिटी पर ही काम कर सकते हैं। वे एसी की कूलिंग या हीटिंग कैपेसिटी को एडजेस्ट करने के लिए कंप्रेसर को मॉड्यूल नहीं कर सकते हैं।

Daikin के अनुसार, 1.5-टन का इन्वर्टर AC 0.3-टन और 1.5-टन के बीच काम कर सकता है, जबकि नॉन-इन्वर्टर AC हमेशा 1.5-टन पर काम करेगा।

इन्वर्टर एसी टेंपरेचर में उतार-चढ़ाव से बचा सकते हैं


सामान्य एसी के मुकाबले में इन्वर्टर एसी के असली फायदों में से एक यह है कि वे टेंपरेचर को स्टेबल रख सकते हैं। वहीं नॉन-इन्वर्टर एसी के साथ टेंपरेचर अलग-अलग हो सकता है। जैसे कि अगर आपने एसी को 24-डिग्री पर सेट किया है तो एक इन्वर्टर एसी पूरे ऑपरेशन के दौरान टेंपरेचर बनाए रखेगा, जबकि नॉन-इन्वर्टर एसी टेंपरेचर को 1 या 2 डिग्री बढ़ा या घटा सकता है।

इन्वर्टर एसी टेंपरेचर के लिए कम हानिकारक होते हैं

मॉडर्न इन्वर्टर एसी R32 रेफ्रिजरेंट का इस्तेमाल करते हैं जो न सिर्फ बेहतर कूलिंग कैपेसिटी प्रदान करते हैं, बल्कि कम हानिकारक एमिशन भी छोड़ते हैं

इन्वर्टर एसी महंगे हैं, लेकिन ज्यादा एनर्जी एफिशिएंट


इन्वर्टर एसी आमतौर पर नॉन-इन्वर्टर एसी से महंगे होते हैं। हालांकि, लंबे समय में उनकी ऑपरेटिंग कॉस्ट कम है, क्योंकि वे जरूरत के हिसाब से हाई और लो दोनों कैपेसिटी पर काम कर सकते हैं। एक नॉन-इन्वर्टर एसी सिर्फ कंप्रेसर को बंद कर सकता है और जरूरत पड़ने पर फिर से चालू कर सकता है। लेकिन कंप्रेसर को फिर से ऑन करने के लिए खपत की गई बिजली इसे बंद करने से बचाई गई बिजली से भी अधिक हो सकती है।

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इन्वर्टर एसी भी लंबे समय तक चलने वाले होते हैं


एसी कम से कम कुछ सालों तक चलते हैं। हालांकि सिर्फ ऑपरेटिंग विधि के चलते, इन्वर्टर एसी में कंप्रेसर अधिक टिकाऊ होते हैं और नॉन-इन्वर्टर एसी के मुकाबले में लंबे समय तक चलते हैं।