Fixed Deposit - एफडी से पैसा डबल करने का आ गया समय, बैंकों से जमा घटने का असर 
 

  एफडी कराने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। बैंकों ने पिछले कुछ महीनों में जमा पर ब्याज दरों में वृद्धि की है। आइए निचे खबर में जानते है लेटस्ट अपडेट 
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- सावधि जमा (एफडी) कराने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। बैंकों ने पिछले कुछ महीनों में जमा पर ब्याज दरों में वृद्धि की है लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज की बढ़ती मांग और नकदी की कमी उन्हें कम से कम आधा फीसदी से 0.75 फीसदी दरें और बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकती है। सरकारी क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने इसकी शुरुआत भी कर दी है।

आईओबी ने कहा है कि वह 10 नवंबर से अपनी खुदरा सावधि जमाओं पर ब्याज दरों में 0.60 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि नकदी की तंग होती स्थिति और कर्ज में दशक के उच्चतम स्तर की 18 प्रतिशत की वृद्धि तथा जमा में कमी बैंकों को एफडी दरें बढ़ाने पर विवश कर रही है। मौजूदा समय सरकारी और निजी क्षेत्र के कुछ बैंक सामान्य खाताधारकों को एफडी पर 7.50 फीसदी तक ब्याज दे रहे हैं। जबकि वरिष्ठ नागरिकों को आठ फीसदी तक ऊंचे ब्याज की पेशकश कर रहे हैं।

निजी क्षेत्र का एचडीएफसी भी विशेष जमा पर 7.5 फीसदी ब्याज की पेशकश कर रहा है। जून और अक्तूबर के बीच, एसबीआई ने दो से तीन साल की श्रेणी में बढ़ोतरी की। हालांकि, पिछले सप्ताह के दौरान, कुछ सरकारी बैंकों ने विशेष जमा योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान किया जिससे उनकी ब्याज दरें 7.4 फीसदी तक हो गई हैं।


कर्ज के मुकाबले जमा पर कम वृद्धि-

इस साल मई से अब तक रिजर्व बैंक रेपो दर में 1.90 फीसदी तक इजाफा कर चुका है। बैंकों ने कर्ज पर ब्याज दरें रेपो दर के अनुसार बढ़ाई हैं। लेकिन जमा पर ब्याज दरों में औसतन 0.35 फीसदी तक वृद्धि हुई है। ऐसे में बैंक कर्ज की मांग को देखते हुए जमा पर भी ब्याज दरों में तेज वृद्धि कर सकते हैं।

बैंकों के पास घट रही नकदी-

एसबीआई की एक रिपोर्ट में के मुताबिक बैंकों में शुद्ध रूप से अप्रैल, 2022 में औसतन 8.3 लाख करोड़ रुपये की नकदी डाली गई। यह अब करीब एक-तिहाई कम होकर तीन लाख करोड़ रुपये पर आ गई है। ऐसे में ग्राहकों को कर्ज देने के लिए बैंको को भारी नकदी की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में बैंकों के पास जमा पर ब्याज दरें बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने कर्ज महंगा किया-

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ महाराष्ट्र (बीओएम) ने चुनिंदा अवधि के कर्ज के लिए कोष की सीमांत लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) बढ़ा दी है। बैंक ने बुधवार को शेयर बाजार को बताया कि एक साल की अवधि वाले एमसीएलआर को 7.80 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.90 प्रतिशत कर दिया गया है। वाहन, व्यक्तिगत तथा आवास ऋण जैसे उपभोक्ता कर्ज पर यही ब्याज लगता है। बैंक के अनुसार, संशोधित एमसीएलआर सात नवंबर, 2022 से प्रभावी हो गयी है। वहीं, एक महीने की अवधि वाली एमसीएलआर को 0.05 अंक बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके अलावा एक दिन की अवधि तथा तीन और छह महीने की अवधि वाले ऋण की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया गया है।

आईओबी एफडी पर आज से 0.60 प्रतिशत ऊंचा ब्याज देगा-

सार्वजनिक क्षेत्र के इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी) ने कहा कि वह 10 नवंबर से अपनी खुदरा सावधि जमाओं पर ब्याज दरों में 0.60 प्रतिशत तक बढ़ोतरी करेगा। इस बढ़ोतरी के साथ घरेलू और अनिवासी जमाकर्ताओं को 444 दिन, तीन साल और उससे अधिक अवधि के लिए जमाओं पर 7.15 प्रतिशत तक ब्याज मिलेगा। बैंक ने बयान में कहा कि 270 दिन से एक साल और एक साल से तीन साल की अवधि वाली सावधि जमाओं पर ब्याज दरों में 0.60 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।

डेढ़ फीसदी वृद्धि की जरूरत-

बैंकिंग क्षेत्र के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि मौजूदा समय में में जमा दरों को एक उत्पाद के रूप में आकर्षक बनाने और विकास में तेजी लाने के लिए एक से 1.50 फीसदी वृद्धि की जरूरत है। इसके अलावा यदि मौजूदा ऋण-जमा अनुपात (एलडीआर) को बनाए रखना है, तो वित्त वर्ष 22-25 के दौरान जमा में वृद्धि सालाना 16 से 20 की चक्रवृद्धि के क्रम की होनी चाहिए।