Garlic Price Hike : टमाटर, प्याज के बाद एक और चीज हो गई महंगी, फटाफट कर लें स्टॉक

Garlic Price Hike : बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को एक और झटका। आपको बता दें अब टमाटर, प्याज के बाद इस चीज के दाम और महंगे होने वाले है... ऐसे में फटाफट कर लें इससे स्टॉक।  

 

HR Breaking News, Digital Desk- देश में महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है. टमाटर की तरह अभी भी लहसुन (Garlic) का रेट 170 रुपये किलो के पार ही है. कई शहरों में तो इसकी कीमत 180 रुपये किलो के करीब पहुंच गई है. पटना (patna) में अभी एक किलो लहसुन की कीमत 172 रुपये है. वहीं, कोलकता (Kolkata) में यह 178 रुपये किलो बिक रहा है. जबकि, तीन से चार महीने पहले यह काफी सस्ता था. मार्च महीने तक रिटेल मार्केट (retail market) में यह 60 से 80 रुपये किलो बिक रहा था. लेकिन मानसून के आगमन के साथ ही यह भी महंगा हो गया.
जबकि, पिछले साल थोक भाव में लहसुन काफी सस्ता था.

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की मंडियों में किसानों से 5 से 8 रुपये किलो लहसुन खरीदे गए थे. ऐसे में उचित कीमत नहीं मिलने की वजह से कई किसानों ने सड़क किनारे ही लहसुन फेंक दिया था. लेकिन, पिछले महीने कीमतों में उछाल आने के बाद सड़क पर लहसुन फेंकने वाले किसान इस साल मालामाल हो गए. उन्होंने थोक भाव में ही 150 रुपये किलो तक लहसुन बेचा. ऐसे में रिटेल मार्केट में आते- आते लहसुन और महंगा होगा. आखिर एक साल में ऐसा क्या हुआ कि लहसुन इतना महंगा हो गया.


50 प्रतिशत लहसुन का रकबा कम हो गया-
लहसुन के व्यापारियों का कहना है मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा लहसुन उत्पादक राज्य है. यहां का मौसम और मिट्टी लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त है. राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कुल उत्पादित लहसुन में मध्य प्रदेश की हिस्सेदारी 62.85 प्रतिशत है. लेकिन, पिछले साल उचित रेट न मिलने की वजह से लहसुन उत्पादक किसानों को काफी नुकसान उठना पड़ा. कई किसान कर्ज में डूब गए. ऐसे में किसानों ने इस साल लहसुन की खेती कम कर दी, जिससे करीब 50 प्रतिशत लहसुन का रकबा कम हो गया.ऐसे में डिमांड के हिसाब से बाजार में लहसुन की सप्लाई नहीं हो पाई. इसके चलते कीमतें अचानक बढ़ गईं.

मध्य प्रदेश से दूसरे राज्यों में होती है लहसुन की सप्लाई-

मध्य प्रदेश से पूरे देश में लहसुन की सप्लाई होती है. यहां से दक्षिण भारत, महाराष्ट्र और दिल्ली सहित कई राज्यों में लहसुन की आपूर्ति की जाती है. जब मध्य प्रदेश की मंडियों में ही लहुसन महंगे हो गए, तो दूसरे राज्यों में भी इसकी कीमतें बढ़ गईं. वहीं, रतलाम जिले के लहसुन उत्पादकों का कहना है कि किसानों ने पिछले साल हुए घाटे की वजह से लहसुन की खेती आधी कर दी थी. लेकिन इस बार की कीमतों को देखते हुए फिर से रकबे में बढ़ोतरी करेंगे. ऐसे में उम्मीद है कि लहसुन की नई फसल आने के बाद कीमतों गिरावट शुरू हो जाएगी.

उत्तर प्रदेश 6.57 प्रतिशत लहसुन का प्रोडक्शन करता है-

बता दें कि मध्य प्रदेश के बाद राजस्थान और उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक लहसुन की खेती होती है. ये तीनों राज्य मिलकर 85 फीसदी लहसुन का उत्पादन करते हैं. राजस्थान 16.81 प्रतिशत लहसुन का प्रोडक्शन करता है, जबकि उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 6.57 प्रतिशत है.