Gautam Adani Net worth  : इन 5 वजहों से गौतम अडानी का बिज़नेस आया लाइन पर, जल्दी ही शामिल हो जायेगे टॉप 20 में 

गौतम अडानी को लगातार होते घाटे से दुनिया भर के निवेशकों ने अडानी ग्रुप से अपना पल्ला झाड़ लिया था पर अब फिर से अडानी का बिज़नेस लाइन पर आने लग गया है , ये है इसके पांच कारण 

 

HR Breaking News, New Delhi :  अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने 106 पन्नों की रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसका जवाब गौतम अडानी की कंपनी ने 413 पन्नों में दिया. लेकिन जब तक अडानी ग्रुप का जवाब आया, तब तक सेंटीमेंट बिगड़ चुका था. अडानी ग्रुप के सभी 10 कंपनियों के शेयर गिर नहीं, बल्कि बिखर रहे थे. निवेशकों में हाहाकार मच गया कि आखिर हिंडनबर्ग को ऐसा क्या हाथ लग गया जिसने अडानी के साम्राज्य को हिला दिया. 

दरअसल, 24 जनवरी को हिंडनबर्ग ने रिपोर्ट पब्लिश की थी, उसके बाद से लगातार कई दिनों तक अडानी ग्रुप के शेयरों में लोअर सर्किट लगे. निवेशकों के पैसे डूबते जा रहे थे. उधर हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि अडानी ग्रुप के शेयर 85% तक ओवरवैल्यूड हैं. जनवरी के आखिरी हफ्ते से जो अडानी ग्रुप के कंपनियों में गिरावट शुरू हुई, वो फरवरी के आखिर तक जारी रही. इस दौरान कुछ कंपनियों के शेयर तो 85 फीसदी तक गिर गए. 

हालांकि इस दौरान अडानी ग्रुप (Adani Group) की ओर से निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए कई प्रयास किए गए. जिसका असर भी हुआ. फरवरी के आखिरी हफ्ते से अडानी ग्रुप के शेयरों की चाल बदली, और अब लगातार कई दिनों से शेयरों में अपर सर्किट देखने को मिल रहे हैं. खासकर अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी टोटल गैस के शेयरों में अभी भी अपर सर्किट का सिलसिला जारी है. 

अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गौतम अडानी की नेटवर्थ में भारी सुधार हुआ है. लगातार गिरावट की वजह से गौतम अडानी ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) में फिसलकर 34वें पायदान पर पहुंच गए थे, लेकिन पिछले करीब 10 दिनों में सुधार के बाद अब वो एक बार फिर 21वें पायदान पर आ गए हैं. शुक्रवार को अडानी ग्रुप के अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस के शेयरों में अपर सर्किट लगे. जिस तरह से अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी है, उसे देखते हुए लग रहा है कि जल्द ही अडानी टॉप-20 अमीरों की लिस्ट में शामिल हो जाएंगे. अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी के पीछे ये 5 बड़े फैक्टर्स हैं. 

1. मोनोपोली बिजनेस (Monopoly Business)
हिंडनबर्ग के खुलासे के बाद अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर गिर रहे थे, लेकिन एक समय के बाद ये लगने लगा कि अब तो गिरने की कोई वजह नहीं रह गई है. क्योंकि कुछ कंपनियों का बिजनेस बेहद मजबूत है. खासकर अडानी पोर्ट्स, अडानी विल्मर और अडानी ग्रीन एनर्जी का बिजनेस दमदार है. साथ ही असेट्स भी काफी हैं. भारत में 25 फीसदी से ज्यादा Ports Business अडानी ग्रुप के पास है, इस सेक्टर में कंपनी की अपनी मोनोपोली है. इस अलावा ग्रीन एनर्जी सेक्टर यहां भी दूसरी कंपनियां एंट्री की जगह खोज रही हैं. 

अडानी ग्रीन एनर्जी (Adani Green Energy) भी अपने सेक्टर में बड़ा प्लेयर है, 12 राज्यों में कारोबार फैला है. अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय कंपनियों में से एक है, जिसके पोर्टफोलियो में फिलहाल 20,434 मेगावाट की परियोजनाएं हैं. इसके अलावा अडानी ग्रीन्स का ऑपरेटिंग रिन्यूएबल पोर्टफोलियो 8024 मेगावाट तक पहुंच चुका है, जो भारत में सबसे बड़ा है. ऐसे बिजनेस की वजह से निवेशकों का अडानी ग्रुप पर भरोसा लौटा है. और शेयर में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. 

बता दें, 24 जनवरी को अडानी पोर्ट (Adani Ports) का शेयर 761 रुपये का था और फिलहाल 700 रुपये के करीब पहुंच चुका है. यानी फिलहाल करीब 10 फीसदी नीचे हैं. वहीं अडानी विल्मर के शेयर 24 जनवरी को 576 रुपये का शेयर था, जो अब 476 रुपये पर पहुंच चुका है. 

2. रेटिंग एजेसिंयों का मिला साथ 

जिस दौरान अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही थी. उस दौरान कई रेटिंग एजेंसियों का साथ अडानी ग्रुप को मिला, जिससे निवेशकों का ग्रुप के प्रति विश्वास बढ़ा. खासकर फिच और मूडीज की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को बड़ी राहत दी. 

रेटिंग एजेंसी फिच (Rating Agency Fitch) ने फरवरी के पहले हफ्ते में कहा कि हम अडानी ग्रुप की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. हालिया घटनाक्रम का ग्रुप के कैश फ्लो पर किसी भी तरह का कोई असर नहीं पड़ा है. फिच रेटिंग्स ने कहा कि शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट के बाद भी अडानी ग्रुप काफी स्थिर है और उसके इकाइयों और सिक्योरिटीज पर रिपोर्ट तुरंत कोई असर नहीं पड़ा है. फिच ने उम्मीद जताई कि अडानी समूह के नकदी प्रवाह के पूर्वानुमान में कोई बड़ा बदलाव फिलहाल नहीं दिख रहा है. 

इसके अलावा फिच रेटिंग्स ने कहा कि अडानी ग्रुप में पैसे लगाने वाले भारतीयों बैंक के लिए कोई बड़ा जोखिम नहीं है. क्योंकि बैंकों ने बहुत ज्यादा अडानी ग्रुप को लोन नहीं दिया है. अगर अडानी समूह के बड़े हिस्से के दबाव में आने की काल्पनिक स्थिति में भी भारतीय बैंकों का कर्ज जोखिम प्रबंधन-योग्य होगा और इन बैंकों की व्यवहार्यता रेटिंग पर भी उसका कोई प्रतिकूल परिणाम नहीं होगा. 

फिच रेटिंग्स ने मौजूदा समय में अडानी समूह के 8 कंपनियों को रेटिंग दी हुई है. जिसमें अडानी ट्रांसमिशन को BBB-/Stable, अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई लिमिटेड के सीनियर सिक्योर्ड डॉलर नोट्स को BBB- रेटिंग हासिल है. अडानी इंटरनेशनल कंटेनर टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड को  सीनियर सिक्योर्ड डॉलर नोट्स को BBB-/Stable, अडानी ट्रांसमिशन को  BBB-/Stable, अडानी ग्रीन एनर्जी के सीनियर सिक्योर्ड डॉलर नोट्स को  BBB-/Stable, मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड को सीनियर सिक्योर्ड डॉलर नोट्स BB+/Stable रेटिंग्स हासिल है.

वहीं क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर सर्विस ने कहा कि अडानी समूह को कर्ज देने के मामले में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक निजी बैंकों से कहीं आगे हैं. लेकिन ज्यादातर बैंकों के कुल ऋण वितरण में अडानी समूह की हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम है. इसलिए भारतीय बैंकों के कर्ज को लेकर जोखिम कम है. मूडीज ने अडानी ग्रुप यह भी कहा कि उसने इन कंपनियों की रेटिंग उनके नियामकीय इंफ्रास्ट्रक्चर बिजनेस, लंबी अवधि के कॉन्ट्रैक्ट्स, मजबूत ऑपेरिटंग कैशफ्लो और मार्केट में मजबूत स्थिति को आधार बनाते हुए दिया है.

ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने अडानी ग्रीन को जहां 'Under Observation' के दायरे से बाहर कर दिया है. वहीं उसकी क्रेडिट रेटिंग भी BB+ पर बनाए रखी है. एसएंडपी ग्लोबल का कहना है कि अडानी ग्रीन का कर्ज पूरी तरह से सुरक्षित है और कंपनी के पास अच्छा कैश फ्लो है. 

SBI और बैंक और Bank of Baroda ने जारी किए बयान
इस बीच देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का अडानी समूह को लेकर बयान आया. एसबीआई का कहना है कि अडानी ग्रुप की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है. यह कर्ज उसके कुल दिए हुए कर्ज का मात्र 0.88 फीसदी है. वहीं, बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda) ने कहा कि उसने अडानी ग्रुप की कंपनियों को कर्ज में पिछले दो साल में कटौती की है.

3. समय से पहले चुकाया कर्ज
निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए अडानी ग्रुप ने कर्ज को समय से पहले चुका दिया है. इसी हफ्ते अडानी ग्रुप ने बयान जारी बताया कि उसने करीब 7,374 करोड़ रुपये (901 मिलियन डॉलर) का शेयर आधारित कर्ज समय से पहले चुका दिया है. इनकी अवधि अप्रैल, 2025 में पूरी होने वाली थी. बता दें, शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर कर्ज (Adani Group Debt) को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे. Adani Group का समय से पहले कर्ज भुगतान का ये कदम प्रमोटरों के वादे के मुताबिक है. इससे पहले अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनमिक जोन (APSEZ) ने एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Funds) का 1,500 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया था. साथ ही अडानी ग्रुप का कहना है कि बाकी कर्ज भी समय से पहले चुका दिए जाएंगे.

4. अमेरिका से आया बड़ा निवेश
आज से ठीक एक हफ्ते पहले अडानी ग्रुप में अमेरिका से बड़ा निवेश आया है. अडानी समूह की ओर से बताया गया कि जीक्यूजी (GQG इन्वेस्टमेंट फर्म) ने 15,446 करोड़ रुपये का निवेश कर अडानी समूह की 4 कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है. जिसके बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में बढ़िया मजबूती दिखी. राजीव जैन जीक्यूजी पार्टनर्स के चेयरमैन और चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर हैं. राजीव जैन ने कहा कि अडानी समूह के पास शानदार असेट्स हैं और उससे भी बढ़िया ये हैं कि वे बहुत ही आकर्षक वैल्यूएशन पर उपलब्ध है. बुटीक इन्वेस्टमेंट फर्म GQG पार्टनर्स ने अडानी ग्रुप की चार कंपनियों- Adani Ports, Adani Green Energy, Adani Adani Transmission और Adani Enterprises के 15,446 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे.

5. दुनियाभर में अडानी ग्रुप का रोड शो
अडानी ग्रुप (Adani Group) हिंडनबर्ग के झटके से उबरने की कोशिश में जुटा है. समूह अपने निवेशकों के भरोसे को और मजबूत करने के लिए कई देशों में रोड शो कर रहा है. ग्रुप इसके जरिये निवेशकों को ये भरोसा दिलाना चाहता है कि उसकी कंपनियों की वित्तीय स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. फरवरी महीने में समूह ने सिंगापुर में फिक्स्ड-इनकम-रोड शो किया था, जो सफल रहा था. इसके बाद कंपनी ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. अडानी समूह इस महीने लंदन, दुबई और अमेरिका के कई शहरों में रोड शो आयोजित करने जा रहा है. इसमें अडानी ग्रुप के मुख्य वित्तीय अधिकारी जुगशिंदर सिंह समेत समूह का मैनजमेंट शामिल होगा. 7 मार्च को दुबई में रोड शो, फिर लंदन में 8 मार्च और और 9 से 15 मार्च के बीच अमेरिका के कई शहरों में रोड शो का आयोजन होगा.