High Court Decision : जिस प्रोपर्टी पर चल रहा हो कोर्ट केस, वो बेच सकते हैं या नहीं, जानिये हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

High Court Decision : हर दूसरे तीसरे घर में प्रोपर्टी का विवाद देखने को मिल जाएगा। एक बार प्रोपर्टी का विवाद कोर्ट में जाने के बाद सालों तक चक्कर काटने पड़ते हैं। अब सवाल ये है कि अगर किसी प्रोपर्टी पर विवाद चल रहा है और मामला कोर्ट में है तो क्या उस प्रोपर्टी को बेचा जा सकता है। ऐसे ही मामले में हाईकोर्ट ने अहम फैसला दिया है। 

 
High Court Decision : कोर्ट केस वाली प्रोपर्टी बेचने के मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

HR Breaking News (नई दिल्ली)। न्यायमूर्ति अरुण कुमार शर्मा की एकलपीठ ने ट्रांसफर आफ प्रापर्टी एक्ट की धारा-52 की विस्तृत व्याख्या करते हुए उक्त नजीर पेश की। कोर्ट ने कहा कि ऐसी संपत्ति के विक्रय में उक्त प्रविधान पूरी तरह से लागू होता है। इस टिप्पणी के साथ हाई कोर्ट ने सिविल कोर्ट के उस फैसले को निरस्त कर दिया, जिसमें प्रदीप चौकसे और पुष्पा चौकसे के पक्ष में डिक्री जारी की थी। वहीं, कोर्ट ने अपीलार्थी अविनाश कुमार राय की अपील को स्वीकार करते हुए उसके पक्ष में डिक्री पारित करने के निर्देश दिए। अपील में कहा गया कि नेपियर टाउन में एक अचल संपत्ति का विवाद सिविल कोर्ट में लंबित था। यहां दोनों पक्षों ने दावा पेश किया था। अधिवक्ता सुशील तिवारी ने हाई कोर्ट को अवगत कराया कि मामला लंबित रहने के दौरान डा. छाया राय ने विवादित संपत्ति चौकसे दंपती को बेच दी थी। लिहाजा, हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।

हाई कोर्ट से पूर्व मंत्री यादवेंद्र सिंह को अग्रिम जमानत


मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता यादवेंद्र सिंह को अग्रिम जमानत का लाभ दे दिया है। मामला टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी व उनके भाई गोलू गिरी पर प्राणघातक हमले के आरोप से संबंधित है। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।

कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि यादवेंद्र सिंह व उनके परिवार के विरुद्ध दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है। जिन धाराओं के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया, उस प्रकृति का अपराध घटित होने के ठोस तथ्य सामने नहीं आए हैं। इस मामले में अन्य धाराएं जमानती हैं। यादवेंद्र सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल खरे व सुयश मोहन गुरु ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि टीकमगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान मतदान को लेकर बूथ क्रमांक एक पुरानी टेहरी में टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी के छोटे भाई और पूर्व मंत्री के लड़कों के बीच जमकर विवाद हुआ था।

इसके बाद दर्ज कराई गई एफआइआर के अनुसार टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरी की बहू वार्ड क्रमांक एक मे चुनाव लड़ रही थी। जहां पर उनका छोटा भाई यश राज गिरी (गोलू) एजेंट था। वहां पर यादवेन्द्र सिंह के पुत्र शाश्वत सिंह और अंश सिंह ने अपने साथियों के साथ आकर बूथ कैप्चरिंग करने का प्रयास किया। जब उनके भाई ने रोका तो उनके साथ मारपीट की गई, जिसमें गोलू को काफी चोटें आई। इसी मामले में गिरफ्तारी से बचने यह अग्रिम जमानत की अर्जी प्रस्तुत की गई।