समय से पहले FD तुड़वाने पर कितना लगेगा चार्ज, निवेश करने से पहले जान ले नियम
FD Break Rules : अपनी बचत को आजकल अधिकतर लोग एफडी में निवेश करते हैं। इसमें सुरक्षित और रिस्क फ्री रिटर्न मिलता है। इसके लिए अलग-अलग अवधि तय होती हैं और एक निश्चित समय के लिए पैसा जमा हो जाता है। कई बार स्थितियां ऐसी बनती हैं कि जरूरत पड़ने पर एफडी (fixed deposit) को बीच में ही तुड़वाना पड़ता है। ऐसे में बैंक एफडी (FD rules in banks) से पैसा निकालने का विकल्प भी देते हैं, लेकिन इस पर चार्ज लगाए जाते हैं और ग्राहक को पूरा बेनेफिट नहीं मिल पाता। अगर आप एफडी में निवेश कर रहे हैं या एफडी (FD benefits) को मैच्योरिटी से पहले तुड़वा रहे हैं तो इन नियमों को जरूर जान लें।
HR Breaking News : (FD Breaking Rules)। एफडी में पैसा जमा करना कोई नई बात नहीं है, लेकिन कई बार लाइफ में फाइनेंशियल इमरजैंसी में इसे मैच्योर (FD premature rules) होने से पहले ही तुड़वाना पड़ता है। यानी प्री मैच्योर विड्रॉल (FD Premature Withdrawal) की स्थिति बन जाती है, ऐसे में बैंक (bank news) ग्राहक को उस पर शुरू से लागू पूरा ब्याज का पैसा नहीं देते और इसमें कटौती कर लेते हैं।
बैंक तो अपने बेनेफिट की काफी हद तक भरपाई ग्राहक से कर लेते हैं लेकिन इससे ग्राहक को नुकसान ही होता है। बैंकों की ओर से अलग-अलग एफडी (FD interest rates) को लेकर प्री मैच्योर विड्राल के अलग-अलग नियम हैं। इन नियमों के तहत पेनेल्टी व जार्च वसूले जाते हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में खबर में।
कितना देना होगा जुर्माना-
बैंक अपनी ओर से एफडी (panelity on FD break) की अलग-अलग अवधि खुद के व ग्राहक के बेनेफिट के लिए तय करते हैं। समय से पहले एफडी से पैसों की निकासी करने पर बैंक को पूरी अवधि वाला बेनेफिट नहीं मिल पाता इसलिए पेनेल्टी व ब्याज (panelity on premature FD) प्रतिशत कम करके उसकी भरपाई ग्राहक से की जाती है। यानी ग्राहक को एफडी तुड़वाने पर मैच्यारिटी वाला लाभ नहीं मिल पाता।
इसके लिए बैंक जुर्माना या पेनाल्टी वसूलते हैं। ये जुर्माना (fine on premature FD ) ग्राहक की ब्याज दर से ही वसूला जाता है। यह एक प्रतिशत या इससे कम-ज्यादा भी हो सकता है। बैंक ग्राहक से बुक्ड रेट यानी जो ब्याज एफडी खाता खुलवाते समय तय किया गया था, उसमें से इंटरेस्ट रेट (FD interest rates) का 0.5 प्रतिशत से 1 प्रतिशत तक जुर्माना लेते हैं।
SBI लगाता है इतना चार्ज-
हर बैंक के एफडी तुड़वाने (FD ke niyam) पर लिए जाने वाले चार्ज अलग-अलग होते हैं। SBI के नियम के अनुसार मैच्योरिटी से पहले FD तुड़वाने (FD tudwane ke nuksan) पर ग्राहक के ब्याज में 1 प्रतिशत तक की कटौती होती है। इसके बाद जो ब्याज बनता है पर अलग से पेनाल्टी लगती है।
बैंक के नियम अनुसार अगर 5 लाख रुपए तक की FD से मैच्योरिटी (FD maturity periods)से पहले पैसों की निकासी करते हैं तो 0.50 प्रतिशत पेनल्टी देनी होती है। 5 लाख से ज्यादा और एक करोड़ से कम की FD तुड़वाने पर 1 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज (FD par byaj) पर पेनल्टी वसूली जाती है।
ब्याज पर पड़ता है यह असर-
मैच्योरिटी से पहले एफडी (FD ke fayde) तुड़वाने पर प्रभावी ब्याज दर पहले वाली नहीं रहेगी, जो खाता खुलवाते समय तय थी यानी बुक्ड रेट (FD booked rates) का लाभ नहीं मिलेगा। एफडी तुड़वाने पर बैंक को वह बेनेफिट नहीं मिल पाता जो मैच्यारिटी तक मिलता है, इसलिए इसकी भरपाई बैंक एफडी तुड़वाते समय ग्राहक को कम ब्याज दर देकर करते हैं। जब बीच में एफडी (FD rules) का पैसा ले रहे हैं तो कार्ड रेट पर ब्याज मिलेगा यानी जितने समय बैंक (Bank FD rules) में पैसा जमा रहा है, उस हिसाब से ब्याज तय होगा।