PF खाताधारकों के लिए जरूरी खबर, EPFO ने इन नियमों में किए बदलाव

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने कर्मचारियों को विभिन्न सुविधा प्रदान करने के लिए PF खाते में नए -नए बदलाव करती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने करोड़ों सब्सक्राइबर्स को बड़ी खुशखबरी दी है।अगर आप भी एक नौकरीपेशा व्यक्ति है तो ये जरूरी जानकारी आपके लिए राहत भरी होगी। तो आइए जानते है EPFO के नियमों में क्या बदलाव हुआ है।
 

HR Breaking News (ब्यूरो) : ईपीएफ के फील्ड ऑफिसर्स (EPF field officers) को कई चीजों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ये आधार में गलत डिटेल्स, यूआईडीएआई डेटाबेस से आधार में टेक्निकल दिक्कतें, इनएक्टिव आधार जैसी प्रॉब्लम होती थी। अब नियम में बदलाव किया गया है, इससे आम लोगों को काफी राहत मिलने वाली है।


एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड (EPF) ने डेथ क्लेम को लेकर नए नियम का ऐलान किया है। डिपार्टमेंट ने फिजिकल क्लैम के सेटलमेंट का डिटेल्स (Details of settlement of physical claim) देते हुए एक सर्कुलर जारी किया है। दरअसल ईपीएफओ के मुताबिक (According to EPFO) , ईपीएफ सदस्यों की मृत्यु के मामले में फील्ड ऑफिसर आधार को जोड़ने और ऑथेंटिकेट करने में दिक्कतों का सामना कर रहे है। ऐसे में ईपीएफ सदस्यों को पेमेंट में देरी हो रही है।


चूंकि सदस्य की मृत्यु के बाद आधार डिटेल्स को ठीक नहीं किया जा सकता है, इसलिए ईपीएफओ ने आधार को जोड़ने के बिना फिजिकल क्लैम की अनुमति देने का निर्णय लिया है। हालांकि, यह केवल ई-फ़ाइल में फील्ड ऑफिसर्स की परमिशन के साथ ही किया जा सकता है, लेकिन केवल उन मामलों पर लागू होंगे जहां सदस्य का डिटेल्स यूएएन में सही है, लेकिन आधार डेटाबेस में गलत है।


इन मामलों में होती थी दिक्कत


ईपीएफ के फील्ड ऑफिसर्स को कई चीजों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ये आधार में गलत डिटेल्स, यूआईडीएआई डेटाबेस से आधार में टेक्निकल दिक्कतें, इनएक्टिव आधार जैसी प्रॉब्लम होती थी।


ऐसे मामलों को देखते हुए अब सभी मृत्यु मामलों में आधार को जोड़े बिना फिजिकल क्लैम को टेम्परेरी रूप दे दी गई है, लेकिन केवल ई-ऑफिस फ़ाइल में ओआईसी की परमिशन के साथ डिटेल्स देना होगा। ओआईसी द्वारा धोखाधड़ी रोकने के लिए मृतक की सदस्यता और दावेदारों की जांच होगी।
 

आधार जमा करने की मिलेगी अनुमति


यदि आधार के बिना किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है, तो उस व्यक्ति का डेटा आधार सिस्टम में रखा जाएगा, और जेडी फॉर्म पर हस्ताक्षर करने की परमिशन दी जाएगी। ऐसा भी हो सकता है कि मरे हुए व्यक्ति ने कभी भी अपना नाम दर्ज नहीं कराया हो। ऐसे में उस परिवार के सदस्यों में से किसी एक को जेडी को अपना आधार जमा करने की अनुमति दी जा सकती है।