Income Tax : कोई भी प्रोपर्टी खरीदने और बेचने से पहले यहां देनी होगी जानकारी, नहीं तो 100 प्रतिशत घर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

Income Tax : अगर आपने भी हाल ही में कोई नई प्रोपर्टी खरीदी है या फिर खरीदने का प्लान कर रहे है तो ये खबर आपके लिए है। दरअसल आपको  बता दें कि अब कोई भी प्रोपर्टी खरीदने और बेचने से पहले आपको यहां जानकारी देनी होगी...वरना  सौ प्रतिशत घर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस। 
 

HR Breaking News, Digital Desk- नकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग (ITR Filing) का सीजन चल रहा है. रिटर्न में आपको बताना होगा कि किस-किस मद में कमाई होता है और निवेश कहां-कहां किया है. टैक्स छूट लेना चाहते हैं तो अपने निवेश की जानकारी देनी होगी. अगर कोई बड़ा ट्रांजैक्शन करते हैं, तो उसे लेकर भी सावधान रहना होगा. ट्रांजैक्शन करें, इसमें कोई दिक्कत नहीं. लेकिन टैक्स रिटर्न में इसकी जानकारी अवश्य दें.

वर्ना इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आने का खतरा बना रहेगा. नोटिस आने के बाद आपको जवाब देना भारी पड़ सकता है. प्रॉपर्टी की खरीद-बेच करने जा रहे हैं तो 30 लाख रुपये की लिमिट का ध्यान जरूर रखें. इसी तरह विदेशी मुद्रा बेचते हैं तो 10 लाख रुपये की लिमिट का खयाल रखना जरूरी होगा.

तो आइए उन 6 बड़े ट्रांजैक्शन के बारे में जानते हैं जिनकी जानकारी अगर टैक्स रिटर्न फाइलिंग में नहीं दी गई तो इनकम टैक्स विभाग आपको नोटिस भेज सकता है. सही जवाब नहीं मिलने पर आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है.

1-अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री-

किसी भी अचल संपत्ति को खरीदते या बेचते हैं तो इनकम टैक्स के नियमों का पालन अवश्य करें. अगर कोई अचल संपत्ति 30 लाख से ऊपर की खरीदी या बेची जाती है तो इसकी जानकारी आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार और सब रजिस्ट्रार को देनी होगी. अपने क्षेत्र के प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार के पास इसकी जानकारी दर्ज करानी होती है.

2-विदेशी मुद्रा की बिक्री-

एक वित्त वर्ष में कितने रुपये की विदेशी मुद्रा बेच सकते हैं, इसका एक खास नियम है. एक साल में विदेशी मुद्रा की बिक्री से 10 लाख रुपये पाते हैं तो इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होगी. ऐसा नहीं करने पर उचित कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.

3-सेविंग और करंट अकाउंट में जमा राशि-

एक वित्त वर्ष में अपने सेविंग खाते में 10 लाख रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन करते हैं तो आईटी विभाग को इसकी जानकारी देनी होगी. वही, करंट अकाउंट में एक साल में 50 लाख रुपये से अधिक का ट्रांजैक्शन होता है, तो इसकी भी जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी. कार्रवाई से बचने के लिए इस नियम का जरूर खयाल रखें.

4-बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट-

अपने फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट में अगर 10 लाख रुपये से अधिक नकद जमा करते हैं, तो इसकी सूचना आईटी विभाग को देनी होगी. एक एफडी खाता या एक से अधिक एफडी खाते में 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करने पर बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी. बैंक इसके लिए फॉर्म 61ए भरते हैं जो फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन का स्टेटमेंट होता है.

5-क्रेडिट कार्ड का बिल-

क्रेडिट कार्ड का बिल कैश में 1 लाख रुपये से अधिक चुकाया जाता है, तो इसकी सूचना आईटी विभाग को देनी होगी. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट क्रेडिट कार्ड के सभी ट्रांजैक्शन पर नजर रखता है. अगर यह जानकारी नहीं दी गई तो आईटी का नोटिस मिल सकता है. एक वित्त वर्ष में क्रेडिट कार्ड के बिल पर 10 लाख रुपये से अधिक का सेटलमेंट किया जाता है तो उसकी भी जानकारी देनी होगी.

6-शेयर और बॉन्ड में निवेश-

म्यूचुअल फंड, स्टॉक, बॉन्ड या डिबेंचर में एक वित्त वर्ष में 10 लाख रुपये से अधिक का निवेश अगर नकद किया जाता है, तो इसकी सूचना देनी होगी. एनुअल इनफॉर्मेशन रिटर्न स्टेटमेंट में आपके हर ट्रांजैक्शन की जानकारी होती है. इस स्टेटमेंट की मदद से टैक्स अधिकारी आपके ट्रांजैक्शन को पकड़ सकते हैं. फॉर्म 26AS के पार्ट ई में आपके सभी हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन की डिटेल होती है. किसी तरह की जानकारी दबाना नोटिस को बुलावा दे सकता है.