Income Tax Calculation : 14.65 लाख रुपये की कमाई पर नहीं देना होगा एक रुपया भी टैक्स, समझ लें कैलकुलेशन

Income Tax : 2025-26 के वित्तीय वर्ष का हाल ही में वित्त मंत्री ने बजट पेश किया है, जिसमें टैक्स रिजीम में बदलाव हुआ है और इसके तहत 12 लाख रुपये की आय को टैक्स फ्री (new income tax slabs) कर दिया है, लेकिन आपको बता दें कि 12 लाख ही नहीं, अब 14.65 लाख रुपये की इनकम पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। आइए जानते हैं इसकी पूरी कैलकुलेशन ।

 

HR Breaking News  - (Income tax slabs)। देशभर के टैक्सपेयर्स को नए इनकम टैक्स स्लैब से काफी राहत मिली है। इसे नए वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से टैक्सपेयर्स के लिए लागू किया जाएगा। सरकार की ओर से घोषित की गई नई टैक्स व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री इनकम के दायरे में रखा गया है, इसके बावजूद इनकम टैक्सपेयर्स (income taxpayers news) 14.65 लाख रुपये की इनकम पर भी टैक्स को जीरो कर सकते हैं। हालांकि इसके लिए विभिन्न बचत विकल्पों को शामिल किया जाना जरूरी है। 

टैक्स बचत विकल्पों को रखें ध्यान में-

बजट 2025 के तहत सरकार ने 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स को खत्म कर दिया है, लेकिन यदि आप सही रणनीति अपनाते हैं तो आप इससे अधिक आय पर भी टैक्स (new tax regime) बचा सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार 14.65 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर टैक्स को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। इसके लिए कुछ विशेष उपायों का पालन करना आवश्यक है, जिनसे आपकी कुल आय को घटाया जा सकता है और टैक्स छूट (tax deduction in tax pay) का लाभ उठाया जा सकता है। सही योजना बनाकर और वित्तीय व टैक्स बचत विकल्पों का इस्तेमाल करके आप अपनी आय पर टैक्स बचाने में सफल हो सकते हैं।

बजट में टैक्स राहत योजना-

हाल ही में वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण (finance minister nirmala sitaraman) ने बजट के दौरान लोगों को बड़ी राहत दी है। 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स से मुक्त किया गया है, जिससे मिडिल क्लास को खास फायदा होगा। इसके अलावा, यदि सही तरीके से योजना (IT new scheme) बनाई जाए तो 12 लाख से अधिक की आय पर भी टैक्स बचाया जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि 14.65 लाख रुपये की आय को भी बिना टैक्स के CTC (cost to company) किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में कुछ वित्तीय उपायों का सही तरीके से पालन करना जरूरी है, ताकि टैक्स पर पूरी तरह से बचत की जा सके।

14.65 लाख की आय पर टैक्स बचत के विकल्प -

अगर आपका सालाना वेतन 14.65 लाख रुपये है और इसमें से आधा हिस्सा, यानी 50 प्रतिशत मूल वेतन के रूप में मिलता है और बाकी 50 प्रतिशत अन्य भत्तों और लाभों के रूप में मिलता है तो मूल वेतन के हिस्से को आधार बनाकर टैक्स बचाने के तरीके की गणना (tax calculataion) करें। इस गणना के दौरान, आपको ध्यान रखना होगा कि कुछ खास खर्चों और निवेशों से टैक्स में छूट मिल सकती है,

जैसे PPF, ELSS या अन्य टैक्स बचत विकल्प। इस प्रकार से, आप अपनी आय का सही तरीके से उपयोग करके टैक्स बचा सकते हैं। कंपनी की ओर से यदि आपके बेसिक वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी भविष्य निधि में जमा कराया जाता है, तो इस पर टैक्स छूट प्राप्त (tax deduction claim) की जा सकती है, जो 87,900 रुपये होगी।

इन छूटों का भी मिलेगा लाभ-

इसके अतिरिक्त, यदि कंपनी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में आपके लिए योगदान करती है, तो उस पर भी टैक्स छूट मिलती है। यह योगदान 14 प्रतिशत के हिसाब से, यानी 1,02,550 रुपये पर होगा। इसके साथ, नए टैक्स रिजीम नियमों के तहत आपको 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन (standard deduction benefits) भी मिलता है, जिससे यह राशि सीधे आपकी कर योग्य आय से घट जाएगी। इस प्रकार, आप टैक्स में बचत कर सकते हैं। ये सारी टैक्स छूट लेने पर नेट टैक्सबेल इनकम 11,99,550 रुपये बचती है। नए टैक्स स्लैब में 12 लाख रुपये तक की इनकम टैक्स फ्री है, तो ऐसे में आपको टैक्स (income tax rules) नहीं देना होगा। 

सरकार की नई व्यवस्था से टैक्स में राहत -


सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत आपकी कुल नेट टैक्सबेल इनकम 12 लाख रुपये तक टैक्स से मुक्त रहेगी। इसका मतलब है कि यदि आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये (12 lakh tax calculation) तक है, तो आपको किसी भी प्रकार का कर भुगतान नहीं करना होगा। यह राहत विभिन्न प्रकार की छूट और कटौतियों के बाद मिल रही है। हालांकि, यह नियम अगले वित्तीय वर्ष यानी 1 अप्रैल 2025 (financial year period) से लागू होगा। इसका फायदा उठाने के लिए आपको आने वाले वर्ष में अपनी आय और टैक्स स्थिति को सही से समझकर योजना बनानी होगी।

टैक्स में बचेंगे इतने रुपये - 

अगर सरकार 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई छूट नहीं देती और कर्मचारी पेंशन योजना व राष्ट्रीय पेंशन योजना पर टैक्स कटौती की सुविधा नहीं देती, तो सालाना 14.65 लाख रुपये (14.65 lakh tax free income) की कमाई पर ज्यादा कर देना पड़ता। नई कर व्यवस्था के अनुसार, 4 लाख से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5 प्रतिशत का कर लगेगा, जो कि लगभग 20 हजार रुपये होगा। इस प्रकार, बिना इन छूटों के इनकम पर अधिक कर का भुगतान (tax paying rules) करना पड़ता, जो उसकी कुल बचत और आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डाल सकता है।

इतने रुपये होती है कुल टैक्स देनदारी -

अगर आपकी आय 8 से 12 लाख रुपये के बीच है, तो उस पर 10 प्रतिशत कर लगेगा, जिसकी राशि 40 हजार रुपये बनेगी। वहीं, 12 से 14.65 लाख रुपये (tax explainer) की कमाई पर 15 प्रतिशत टैक्स लागू होगा। हालांकि, यदि 75 हजार रुपये की मानक कटौती यानी स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन हटा दिया जाए, तो 1.90 लाख रुपये पर 15 प्रतिशत (Income tax slabs) कर लगता है, यानी 28,500 रुपये। इस प्रकार, आपकी कुल कर देनदारी 88,500 रुपये होती है, जिसे आप सही योजना और छूट का उपयोग करके बचा सकते हैं। टैक्स बचाने के उपायों से आप इस राशि को काफी हद तक घटा सकते हैं।

EPS और NPS से ऐसे मिलती है छूट-

टैक्स छूट में EPS और NPS की भी बड़ी भूमिका है। इनकम टैक्‍स एक्ट के सेक्शन 80सीसीडी(1) में ये  प्रावधान है कि  Employee Pension Scheme (EPS) में निवेश करने से टैक्स में छूट मिलती है। इसके अलावा 80सीसीडी(2) के तहत NPS (national pention system) में निवेश करने वालों को टैक्‍स छूट दी जाती है। इस तरह से दोनों योजनाओं में निवेश से टैक्सपेयर्स को छूट मिल जाती है। टैक्स में छूट का यह प्रावधान न्यू टैक्स रिजीम में सिर्फ कंपनी के द्वारा किए गए योगदान पर मिलती है, क्योंकि यह कर्मचारी की प्रत्यक्ष आय का हिस्सा मानी जाती है और टैक्स में छूट का दावा करने का अधिकार मिलता है।

क्या है एनपीएस-

एनपीएस यानी नेशनल पेमेंट सिस्टम एक सरकारी योजना है। इस रिटायरमेंट प्लान (retirement planing) में शामिल होने वालों को नौकरी के बाद रिटायरमेंट के बाद पेंशन दी जाती है। इस योजना में किए गए योगदान व अंशदान को मार्केट में निवेश करके रिटर्न हासिल किया जाता है जो पेंशन के रूप में पेंशनर्स को दिया जाता है। इस योजना को 20 साल पहले 2004 में शुरू किया गया था और  बाद में आम लोगों के लिए भी 2009 में इसे सुलभ कराया गया यानी आम आदमी भी इसमें योगदान देकर पेंशन (NPS rules) पा सकते हैं।