income tax refund : करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर, अबकी बार इस कारण लेट मिलेगा रिफंड
tax refund rules : टैक्सपेयर्स के लिए जितना जरूरी आईटीआर (ITR 2025) भरना होता है, उतना ही ज्यादा जरूरी होता है टैक्स रिफंड पाना। अब टैक्स रिफंड को लेकर करोड़ों टैक्सपेयर्स (taxpayers Update) लिए बड़ा अपडेट आया है। इसके अनुसार इस बार टैक्स रिफंड (Income Tax Refund Delay) लेट मिलेगा। आइये जानते हैं क्या इसका सबसे बड़ा कारण।
HR Breaking News - (tax refund)। आईटीआर भरने से पहले जहां अनेक टैक्सपेयर्स टैक्स बचाने के जुगाड़ भिड़ाते रहते हैं, वहीं आईटीआर (ITR Processing ) भरने के बाद टैक्स रिफंड का इंतजार भी करते हैं। इस बार टैक्स रिफंड देरी से मिलेगा। इसे लेकर करदाताओं के लिए जरूरी व खास सूचना मिली है।
अब आईटीआर (Income Tax Return) भरने का दौर चल रहा है, आईटीआर भरने के साथ ही करदाता टैक्स रिफंड में देरी का कारण भी जानना चाह रहे हैं। चलिये नीचे खबर में बताते हैं आखिर इस बार क्यों लेट मिलेगा टैक्स रिफंड।
रिफंडेबल टैक्स पर मिलता है ब्याज -
बहुत ही कम लोग जानते हैं कि रिफंडेबल टैक्स पर ब्याज (interest on refundable tax) भी मिलता है। अगर आपको ज्यादा रिफंड पाना है तो कई बातों का ध्यान आईटीआर भरते समय रखना होगा, वैसे इस बार कई कारणों से टैक्स रिफंड (tax refund) लेट मिलेगा।
इनकम टैक्स एक्ट में प्रावधान -
इनकम टैक्स एक्ट (income tax act) की धारा 244A में दिए गए प्रावधान अनुसार जब टैक्स रिफंड की रकम कुल जमा टैक्स की 10 प्रतिशत या इससे अधिक होती है, तो इनकम टैक्स विभाग (income tax department) इस पर ब्याज भी देता है। सही व स्मार्ट टैक्स प्लानिंग करके आप टैक्स देनदारी कम करते हुए टैक्स रिफंड (how to claim tax refund) राशि को बढ़ा सकते हैं व आयकर विभाग से इस पर ब्याज भी पा सकते हैं।
इस कारण देरी से मिलेगा टैक्स रिफंड-
आयकर विभाग ने इस बार फाइनेंशियल ईयर 2024-25 (AY 2025-26) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (how to file ITR) करने की डेडलाइन बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है।
रिपोर्ट्स के अनुसार इस बार इनकम टैक्स विभाग बारीकी से हर आईटीआर (ITR filing rules) को चेक कर रहा है। ऐसे में संभावना है कि इस बार टैक्स रिफंड में देरी हो सकती है। हालांकि टैक्सपेयर्स को यह फायदा हो सकता है कि उन्हें टैक्स रिफंड (tax refund ke niyam) में विभाग की ओर से देरी किए जाने पर इस राशि पर ब्याज बढ़कर मिल सकता है।
आईटीआर फॉर्म के चयन पर यह करेगा निर्भर-
कोई टैक्सपेयर अधिक रिफंड क्लेम (tax refund claim process) करता है तो इनकम टैक्स विभाग भी इसकी बारीकी से हर पहलू पर जांच करता है। इस कारण भी टैक्स रिफंड के प्रोसेस (tax refund process) में इस बार देरी हो सकती है, जिससे टैक्स रिफंड की राशि देरी से मिल सकती है। आईटीआर भरने के लिए ITR-2 या ITR-3 फार्म (ITR forms) चुना है तो इनकी जांच में समय लग सकता है। वहीं ITR-1 या ITR-4 फॉर्म हैं तो कम समय में ही प्रोसेस होने वाले फॉर्म हैं।
विभाग मांग सकता है जरूरी दस्तावेज-
इस बार फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए आइटीआर (last date for ITR 2025) भरने वालों की संख्या भी अधिक हो सकती है। दूसरी ओर आयकर रिटर्न कोई खामी मिलती है तो विभाग रिवेरीफिकेशन (ITR verification rules) के लिए करदाता से जरूरी दस्तावेज फिर से मांग सकता है। ये दस्तावेज भी पोस्ट के जरिये मांगे जाएंगे, ऐसे में टैक्स रिफंड (tax refund rules) में देरी होनी संभावित है।
अधिक रिफंड पाने के लिए क्या करें-
ITR फाइल करने की सही जानकारी व समय पर आईटीआर भरने से आपको अधिक रिफंड दिला सकता है। न्यू टैक्स रिजीम (new tax regime) और ओल्ड टैक्स रिजीम का चयन सोच समझकर करें, हो सकता है आपको ओल्ड टैक्स रिजीम (old tax regime) चुनने से अधिक रिफंड मिल जाए।
समय पर आईटीआर भरना जरूरी -
इस बात का भी ध्यान रखें कि आईटीआर (ITR kaise bhre) को अंतिम तारीख यानी 15 सितंबर तक नहीं भरा तो बाद में टैक्स रिफंड की राशि पर ब्याज (tax refund par byaj) नहीं मिलेगा। इसलिए समय पर आईटीआर भरकर ब्याज सहित अधिक रिफंड लिया जा सकता है।