UP के 28 जिलों में जमीन खरीदना हुआ महंगा, जानिए आवास विकास परिषद ने किस जिले में बढ़ाए सबसे अधिक दाम

UP News - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि यूपी के इन 28 जिलों में जमीन खरीदना महंगा हो गया है। ऐसे में आइए इस खबर में ये जानते है कि आखिर आवास विकास परिषद ने किस जिले में सबसे अधिक दाम बढ़ाए है...
 

HR Breaking News, Digital Desk- आवास विकास परिषद (Housing Development Council) ने पूरे प्रदेश में जमीन की दरों में वृद्धि (Land Rate Hike in UP) कर दी है। रियल इस्टेट क्षेत्र में बूस्ट के बीच जमीन की कीमतों में वृद्धि का असर आम लोगों पर पड़ेगा। खासकर, वे लोग जो अपनी जमीन खरीद कर घर बनाने का सपना देख रहे हैं, उनके लिए महंगाई की मार बढ़ेगी। लखनऊ समेत पांच योजनाओं की जमीन में वृद्धि हो गई है। सबसे अधिक महंगी जमीन लखनऊ, गोंडा, वाराणसी, गोरखपुर और बाराबंकी की योजनाओं में हुई है।

आवास विकास परिषद की ओर से वाराणसी की पांडेपुर योजना, गोरखपुर की बेतियाहाता दक्षिणी योजना, गोंडा की भरतपुर योजना, बाराबंकी की ओवरी योजना और लखनऊ की वृंदावन योजना में जमीन की कीमत में 15 फीसदी का इजाफा किया गया है। इसके अलावा बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, बस्ती, गोरखपुर, अयोध्या, सुल्तानपुर, गोंडा, झांसी और बांदा में योजना की जमीन की कीमतों में 10 फीसदी तक की वृद्धि की गई है।

इसकके अलावा जालौन, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, मथुरा, हाथरस, कासगंज, अलीगढ़, मेरठ, बुलंदशहर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में भी जमीन की कीमतों में 10 फीसदी की वृद्धि हुई है। लगभग इसी स्तर पर जमीन की कीमतें मुरादाबाद, रामपुर, सीतापुर, उन्नाव, हरदोई, लखीमपुर में भी बढ़ी हैं।
 


14 योजनाओं में नहीं बढ़े हैं दाम-
आवास विकास योजना की ओर से करीब 14 योजनाओं में जमीन के मूल्य में वृद्धि नहीं की गई है। इनमें कानपुर, फर्रुखाबाद, इटावा, बहराइच, औरैया, कन्नौज, बरेली के आवास विकास योजना शामिल हैं। इनके अलावा पीलीभीत, संभल, अमरोहा, शाहजहांपुर, बिजनौर, हापुड़ और बागपत में भी जमीन के दाम में वृद्धि नहीं की गई है।

फ्लैट की कीमतों में वृद्धि नहीं-
जमीन की कीमतों में वृद्धि तो हुई है, लेकिन फ्लैट की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की गई है। आवास विकास परिषद ने इससे साफ कर दिया है कि जमीन खरीदने वालों को भी बढ़ी कीमतों का भार वहन करना होगा। 1 अप्रैल से जमीन की कीमतों में वृद्धि का असर दिखने लगेगा।