Personal Loan : बैंक से पर्सनल लोन लेकर कभी न करें ये काम, फायदे की जगह हो जाएगा बड़ा नुकसान

Personal Loan : लोन लेना हमेशा खराब नहीं है, क्योंकि इससे आर्थिक सहायता मिलती है. लेकिन कुछ स्थितियों में लोन (loan) चुकाना मुश्किल हो सकता है, जिससे परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में लोन लेते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है-

 

HR Breaking News, Digital Desk- हाल के समय में लोन लेने की प्रवृत्ति बढ़ी है. लोग अचानक वित्तीय मुसीबतों, नई कार या घर खरीदने, और कारोबारी आवश्यकताओं के लिए लोन लेते हैं. लोन लेना हमेशा खराब नहीं है, क्योंकि इससे आर्थिक सहायता मिलती है. लेकिन कुछ स्थितियों में लोन चुकाना मुश्किल हो सकता है, जिससे परेशानी बढ़ सकती है. सही योजना जरूरी है.

यहां एक उदाहरण से बात समझते हैं. मान लीजिए कि आपको कोई इन्वेस्टमेंट पर जबरदस्त रिटर्न का ऑफर देता है या आपको लगता है कि कहीं पैसे निवेश कर आप मोटी कमाई कर सकते हैं. अब समस्या ये है कि आपके पास निवेश करने के लिए पैसे नहीं हैं. ऐसे में आप बैंक से पर्सनल लोन उठा लेते हैं और निवेश कर देते हैं. निवेश के बारे में आपने जो सोच रखा था, वह गलत साबित हो जाता है और आपको सही रिटर्न नहीं मिल पाता है. ऐसे में आपके ऊपर कर्ज के जाल में फंसने का खतरा रहता है. गैर-जरूरी खर्चों के लिए लोन लेना भी लोगों के कर्ज के जाल में धकेलता है.

पर्सनल लोन के इतने सारे नुकसान-

लोन लेते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है. सबसे पहले, आपकी इनकम लोन चुकाने के लिए पर्याप्त होनी चाहिए. बैंक आपकी कमाई, नौकरी, क्रेडिट स्कोर और पुराने फाइनेंशियल रिकॉर्ड की जांच करते हैं. पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है, जिसमें किसी संपत्ति को गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं होती. सही जानकारी और तैयारी से लोन मिलना आसान होता है.

अनसिक्योर्ड लोन (Unsecured loan) होने की वजह से पर्सनल लोन की ब्याज दरें होम लोन, कार लोन (car loan) और लोन अगेंस्ट सिक्योरिटीज जैसे सिक्योर्ड लोन से काफी ज्यादा होती है. पर्सनल लोन (personal loan) में इंटरेस्ट के अलावा प्रोसेसिंग फीस, EMI बाउंस चार्ज, प्री-पेमेंट (prepayment) या फोरक्लोजर चार्ज और लोन प्रोसेसिंग और प्री-पेमेंट पर जीएसटी (GST) आदि शुल्क भी होते हैं. 

इन सब के बाद भी कुछ परिस्थितियों में पर्सनल लोन लिया जा सकता है. खासकर तब, जब आपको अर्जेंट पैसों की जरूरत हो. इसमें डॉक्यूमेंटेशन (Documentation) यानी कागजी कार्रवाई कम होती है. जल्दी लोन अप्रूव हो जाता है और मिल भी जाता है. हालांकि, कुछ स्थितियां ऐसी भी हैं जब पर्सनल लोन नहीं लेना चाहिए. आइए उन पर नजर डालते हैं.

कर्ज लेकर घी पीने की आदत गलत-

अक्सर जब आप खर्च करते हैं तो ये नहीं सोचते हैं कि इसे कैसे भरेंगे. ज्यादा रकम खर्च करने पर एक बार में पैसा भरना मुश्किल हो जाता है. तो आप EMI का ऑप्शन चुन लेते हैं. कई लोग महंगे मोबाइल, शॉपिंग, घूमने-फिरने यानी ट्रैवलिंग (travelling) के लिए लोन लेते हैं. ये ऐसे काम हैं जो आपकी जरूरत नहीं बल्कि शौक हैं. इनके लिए पर्सनल लोन लेने से बचें. भारी ब्याज वाली EMI चुकाने से अच्छा है आप हर महीने पैसे बचाएं और जब पर्याप्त पैसे हो तब शौक पूरे करें.

ऐसे मामलों में हो जाएगा धोखा-

कई लोग फटाफटा मुनाफा कूटने के चक्कर में शेयर बाजार, किसी suspicious (सस्पिशियस) यानी संदिग्ध स्कीम या किसी काम में पर्सनल लोन लेकर इन्वेस्टमेंट (investment) कर देते हैं, जहां रिस्क काफी ज्यादा होता है. ऐसे में अगर आपका इन्वेस्टमेंट खराब रिटर्न देता है या पैसा फंस या डूब जाता है तो आप बड़ी वित्तीय मुसीबत में फंस सकते हैं.

न करें ये भावनात्मक गलती-

भावनाओं में बहकर दूसरों की मदद के लिए पर्सनल लोन (personal loan) लेना बड़ी गलती है. यदि वह व्यक्ति EMI नहीं चुका पाता, तो लोन का बोझ आपको उठाना होगा. लोन आपको लेना है, इसलिए जिम्मेदारी भी आपकी है. भुगतान में चूक होने पर आपका क्रेडिट स्कोर प्रभावित होगा. इसलिए पर्सनल लोन केवल अपनी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए लें.