लोन लेने वालों को RBI ने दी बड़ी राहत, नए नियम 1 तारीख से लागू

RBI - लोन लेने वालों को आरबीआई ने दी बड़ी राहत। दरअसल, आपको बता दें कि आरबीआई (RBI) ने PSL के नियमों में बदलाव किया है, जो एक तारीख से लागू होंगे। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत दिए गए छोटे कर्जों पर अधिक शुल्क नहीं लगा सकते हैं-

 

HR Breaking News, Digital Desk- (RBI New Loan Rules) भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (PSL) के नियमों में बदलाव किया है, जो एक तारीख से लागू होंगे। नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैंक प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के तहत दिए गए छोटे कर्जों पर अधिक शुल्क नहीं लगा सकते हैं। इस कदम का उद्देश्य छोटे कर्जदारों को राहत देना और PSL को अधिक प्रभावी बनाना है।

RBI ने स्पष्ट किया है कि यह संशोधन सुनिश्चित करेगा कि वित्तीय समावेशन (financial inclusion) के लक्ष्य पूरे हों।केंद्रीय बैंक ने कहा कि 50,000 रुपए तक के लोन पर कोई सेवा शुल्क या निरीक्षण शुल्क नहीं लगाया जाएगा। बैंक के इस कदम का मकसद छोटे उधारकर्ताओं (small borrowers) को अनावश्यक वित्तीय बोझ से बचाना है। पीएसएल लक्ष्यों के साथ बेहतर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए बैंकों को अब तिमाही और वार्षिक आधार पर लोन से जुड़ा विस्तृत डेटा देना होगा।

प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग क्या है?
प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र को ऋण (PSL) भारत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एक नीति है। इसके तहत, बैंकों को अपने कुल ऋण का एक निश्चित प्रतिशत कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और शिक्षा जैसे क्षेत्रों को देना होता है। इसका उद्देश्य समाज के गरीब और कमजोर वर्गों जैसे किसानों और छोटे उद्यमियों (small entrepreneurs) को सस्ती दरों पर ऋण देना है। यह नीति बैंकों को उन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिन्हें वे जोखिम या कम लाभ के कारण अनदेखा कर सकते हैं।

आवासीय क्षेत्र के कर्ज के लिए तीन श्रेणियां-

आरबीआई ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (पीएसएल) के तहत होम लोन की सीमा बढ़ा दी है। अब 50 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में ₹50 लाख तक का होम लोन पीएसएल के तहत मिलेगा, जो पहले ₹35 लाख था। इस मामले में मकान की कीमत ₹63 लाख से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए। 10 लाख से ज़्यादा आबादी वाले शहरों में अब ₹45 लाख और 10 लाख से कम आबादी वाले क्षेत्रों में ₹35 लाख तक का होम लोन पीएसएल के तहत दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, व्यक्तिगत परिवारों के लिए प्रति उधारकर्ता ₹10 लाख की ऋण सीमा तय की गई है।

गोल्ड लोन को बाहर रखा-

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) ने स्पष्ट किया है कि बैंक अब NBFCs से खरीदे गए सोने के आभूषणों पर दिए गए लोन को प्राथमिकता क्षेत्र ऋण (PSL) नहीं मान सकते। इसका मतलब है कि ऐसे लोन बैंक के PSL लक्ष्यों का हिस्सा नहीं होंगे। इस नए नियम का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि प्राथमिकता क्षेत्र के लिए निर्धारित फंड्स केवल उन क्षेत्रों में जाएं जिनकी वास्तव में जरूरत है, जैसे कि कृषि, छोटे व्यवसाय, और समाज के कमजोर वर्ग। इससे असली ज़रूरतमंदों को वित्तीय सहायता मिल सकेगी।