Eight Class Board Exam हरियाणा में मार्च के अंत तक हो सकती है आठवीं की बोर्ड परीक्षा

Eight Class Board Exam हरियाणा में आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं मार्च के अंत में होगा। इस‍के लिए रजिस्‍ट्रेशन की तारीख भी घोषित कर दी गई है। दूसरी ओर निजी स्‍कूलों के विरोध के कारण टकराव बढ़ता दिख रहा है।
 

Haryana Board Exam: हरियाणा में आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं मार्च के अंत में होंगी। नौवीं कक्षा में दाखिले के लिए आठवीं में पास होना अनिवार्य है। मिडल क्लास के सभी विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा, चाहे स्कूल किसी भी बोर्ड से संबद्ध क्यों न हो। दूसरी ओर, निजी स्‍कूलोंं के विरोध के कारण टकराव बढ़ता दिख रहा है। सीबीएसई से संबद्ध स्‍कूल इस परीक्षा काे आयोजित करने से इन्‍कार कर रहे हैं।

 

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स्कूलों को पंजीकरण और विद्यार्थियों के नामांकन के लिए दिया 20 फरवरी तक का समय

राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डा. ऋषि गोयल ने इस संबंध मेें सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी किए हैं। परिषद की ओर से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड यह परीक्षा लेगा। सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 20 फरवरी तक आठवीं कक्षा की परीक्षा के लिए अपना पंजीकरण और विद्यार्थियों का नामांकन कराना आवश्यक है।


परीक्षा पास नहीं करने वाले बच्चों को नौवीं कक्षा में नहीं मिलेगा दाखिला

बोर्ड गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी, हिंदी,संस्कृत, पंजाबी और उर्दू की परीक्षा लेगा और परिणाम जारी करेगा। छात्रों द्वारा चुने गए शेष विषयों का मूल्यांकन स्कूल स्तर पर किया जाएगा। पाठ्यक्रम, प्रश्नपत्र का डिजाइन और नमूना प्रश्नपत्र जल्द ही एससीईआरटी की वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम के आधार पर यह परीक्षाएं होंगी।


आधा दर्जन निजी स्कूल एसोसिएशनों ने किया रजिस्ट्रेशन नहीं कराने व परीक्षा फार्म नहीं भरने का ऐलान

दमसरी ओर, आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। आल प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन आफ हरियाणा के बैनर तले आधा दर्जन निजी स्कूल एसोसिएशनों ने घोषणा की है कि कोई स्कूल हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में आठवीं बच्चों का रजिस्ट्रेशन नहीं कराएगा। किसी स्कूल ने रजिस्ट्रेशन करा भी दिया है तो परीक्षा फार्म नहीं भरेंगे। बोर्ड परीक्षा के खिलाफ मजबूती से अदालती लड़ाई लड़ी जाएगी।


सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में दूसरे शिक्षा बोर्ड की नहीं लग सकती कक्षाएं

हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल्स कांफ्रेंस (एसपीएससी), हरियाणा यूनाइटेड स्कूल्स एसोसिएशन (एचयूएसए), हरियाणा प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (एचपीएसए), करनाल इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन (केआइएसए) और रिकोगनाइज्ड अनएडिड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन (आरयूपीएसए) के प्रतिनिधियों ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में आठवीं की बोर्ड परीक्षा के फैसले पर सवाल उठाए।


एचपीएससी के उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र ने आरोप लगाया कि प्रति विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन के नाम पर पांच हजार रुपये का शुल्क, 100 रुपये एनरोलमेंट शुल्क और 450 रुपये वार्षिक परीक्षा शुल्क निर्धारित कर बोर्ड आठवीं की परीक्षा को कमाई का जरिया बना रहा है। जबकि, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध स्कूलों में कानूनन किसी अन्य शिक्षा बोर्ड की कक्षाएं नहीं लगाई जा सकती। पूर्व में सीबीएसई ऐसे कई स्कूलों पर चार-चार लाख रुपये जुर्माना लगा चुकी है जिन्होंने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से बच्चों की परीक्षाएं दिलवाई थी।


हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान रामपाल यादव ने कहा कि कोरोना के चलते पिछले दो साल से पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित है। इसी कारण सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाएं 26 अप्रैल से निर्धारित की है। इसके उलट हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अचानक से मार्च में आठवीं की बोर्ड परीक्षा लेने का फरमान जारी कर दिया।

न तो परीक्षा का कोई ब्लू प्रिंट बनाया गया है और न ही किसी को यह पता है कि परीक्षा का पैट्रन क्या होगा और पेपर कैसा होगा। आखिर ऐसी कौन सी आपात परिस्थिति हैं कि बोर्ड अधिकारी आठवीं की परीक्षा लेेने की जिद पर अड़े हैं।
नई शिक्षा नीति के उलट चल रहा शिक्षा बोर्ड

एसोसिएशन प्रधान विजयेंद्र मान ने कहा नई शिक्षा नीति में तो दसवीं का बोर्ड भी खत्म करने की बात कही गई है ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ठीक इसके उलट चल रहा है। उन्होंने कहा कि आठवीं की बोर्ड परीक्षा लेनी भी है तो इसे अगले साल से लागू किया जाए।

उन्‍होंंने कहा कि इससे पहले स्कूल संचालकों के साथ मिलकर वर्कशाप और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए ताकि बच्चों को बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार किया जा सके। उन्होंने कहा कि मामले को लेकर अदालत में चार अप्रैल को अगली सुनवाई है। तब तक बोर्ड परीक्षा को लेकर सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए।