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Weather forecast: मौसम में बड़ा परिवर्तन, हरियाणा दिल्‍ली सहित जानें इन राज्‍यों का हाल

Haryana Weather forecast हरियाणा सहित दिल्‍ली पंजाब और एनसीआर के क्षेत्रों में मौसम का हाल। फरवरी में कोई मौसम परिवर्तन नहीं है। कमजोर पश्चिमी विक्षोभ का नहीं रहेगा असर। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक सामान्य से अधिक पहुंचेगा अधिकतम तापमान।
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मौसम विभाग के मुताबिक कोई बड़ा मौसम परिवर्तन फरवरी माह के बचे हुए दिनों में देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि कमजोर पश्चिमी विक्षोभों का आना-जाना लगा रह सकता है, लेकिन इसका असर मैदानी क्षेत्रों में विशेषकर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में देखने को नहीं मिलेगा।

 

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अभी हरियाणा में सुबह व शाम की सर्दी बनी हुई है। क्योंकि न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे बना हुआ है। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक 17 फरवरी तक पश्चिमी हिमालय के पास ताजा पश्चिमी विक्षोभ आने की संभावना है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र गुजरात और आसपास के इलाकों पर बना हुआ है।


अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। लेकिन मैदानी क्षेत्रों के मौसम में कोई बड़ा परिवर्तन देखने को नहीं मिलेगा। हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर क्षेत्र में अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास बने हुए हैं। आने वाले समय में यह बढ़ने की प्रबल संभावना बनी हुई है। फरवरी जाते-जाते दिन का मौसम पूरी तहर से गर्म व शुष्क हो जाएगा।


नागरिक अस्पताल के सीनियर फिजिशियन डा. ओपी सैनी के मुताबिक इस समय मौसम बदल रहा है। यानि ठंड का मौसम गर्मी में तब्दील होना शुरू हो गया है। ऐसे में मौसम में लापरवाही भारी पड़ सती है।

अक्सर देखने में आता है कि दिन गर्म होने के बाद लोग लापरवाही करते हैं। जिस कारण वह बीमारियों की चपेट में, विशेषकर खांसी-जुकाम व बुखार की चपेट में आ जाते हैं। अभी भी ठंड इतनी बनी हुई है कि सुबह व शाम के समय गर्म कपड़े पहनें। दोपहिया वाहनों पर जाते हैं तो भी गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करें।


मौसम में तेजी से गर्माहट आई तो गेहूं पर पड़ सकता है प्रभाव

इधर कृषि एवं कल्याण विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डा. एसपी तोमर ने कहा कि तापमान सामान्य से अधिक होता जा रहा है। अच्छी बात यह है कि न्यूनतम तापमान अभी सामान्य से नीचे है। यदि यह भी सामान्य से अधिक हुआ तो गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। तापमान धीरे-धीरे बढ़ना चाहिए। 15 मार्च तक सुबह व शाम की ठंड बरकरार रही तो उत्पादन अच्छा होगा। यदि फरवरी माह के अंत तक ठंड समाप्त हुई तो उत्पादन पर असर देखने को मिल सकता है।