अकेली शिक्षिका चला रही पूरा सरकारी स्कूल, कहा- शिक्षा का स्तर गिर चुका है

HARYANA SCHOOL NEWS TODAY : माडल संस्कृति स्कूलों में अव्यवस्था का बोलबाला है। भिरडाना गांव में अकेली मुख्य शिक्षिका 9 कमरों में 430 विद्यार्थियों का मॉडल संस्कृति स्कूल अकेली चला रही है।
 
 

छात्र संख्या के अनुसार 15 अध्यापक और 17 कमरे चाहिए जबकि यहां केवल 9 कमरे

HR BREAKING NEWS गांव भिरडाना (Village Bhirdana) में लगभग 10 हजार की आबादी है और सरकार द्वारा राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल (Rajkiya Model Sanskriti Primary School) भिरडाना -2 खोला गया है, जिसमें अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने का प्रावधान है।

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लोगों ने सरकार की नई नीति का समर्थन करते हुए अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से हटाकर मॉडल संस्कृति स्कूल में दाखिले करवाएं, जिससे इस स्कूल (School) में 450 के करीब छात्र संख्या पहुंच गई, परंतु पिछले 2 साल से विद्यालय में केवल एक मुख्य शिक्षिका है, बाकी दूसरे स्कूल के विद्यालय बारी-बारी से उनको पढ़ा रहे हैं, जिससे बच्चों के अभिभावकों में भारी रोष है।

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उनका कहना है कि एक तो पिछले 2 साल से कोरोना के कारण विद्यालय बंद थे, जिससे बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई। दूसरा सरकार द्वारा केवल कागजों में अंग्रेजी माध्यम के स्कूल बनाए गए सुविधाओं के नाम पर कोई सहायता नहीं की।

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गिर गया है बच्चों की शिक्षा का स्तर


मुख्य शिक्षिका (head teacher) ने बताया कि यहां पर कोई भी रेगुलर अध्यापक नहीं है, वह अकेली है। साथ के स्कूल राजकीय प्राथमिक पाठशाला भिरडाना से कुछ अध्यापकों की सहायता से काम चला रही है, जिससे बच्चों के शिक्षा का स्तर गिर रहा है।


जल्दी किया जाए अध्यापकों का प्रबंध


एसएमसी प्रधान भूषण कुमार नूनिया ने अभिभावकों सहित मुख्य शिक्षिका के माध्यम से मांग की है कि या तो जल्दी से जल्दी यहां पर अध्यापकों का प्रबंध करें नहीं तो वह अपने बच्चे निजी विद्यालयों में ले जाएंगे।

एसएमसी प्रधान भूषण कुमार नूनिया, धर्मवीर सिंह, पूर्व एसएमसी प्रधान वीर सिंह, पूर्व एसएमसी प्रधान सोहन सिंह, अभिभावक जसविंदर सिंह, कुलदीप सिंह, जसवंत सिंह, अनीता रानी, सीमा रानी, बलविंदर कौर, राजरानी ने रोष जताते हुए कहा कि एक तो हमारे पास आर्थिक संसाधन कम है जिससे हम अपने बच्चों को महंगे विद्यालय में नहीं पढ़ा सकते, दूसरा सरकार विद्यालय में सुविधाएं नहीं दे रही जिससे हमें अपने बच्चों का भविष्य अंधकार भरा लगता है। उन्होंने विभाग से मांग की कि जल्दी से जल्दी अध्यापकों तथा बैठने के लिए कमरों का प्रबंध किया जाए।


विभाग ने 2015 में गांव में बनवाया था स्कूल


स्कूल में बच्चों को बैठने के लिए 9 कमरे हैं। छात्र संख्या के अनुसार यहां पर 15 अध्यापक व 17 कमरे चाहिए । भिरडाना में 2015 से पहले केवल 1 प्राथमिक विद्यालय था, जिसमें 500 के करीब बच्चे शिक्षा ग्रहण करते थे। 2015 में विभाग ने एक शाखा विद्यालय भिरडाना -2 से स्कूल की शुरुआत की थी।