IAS Story : 5 वो IAS जिन्हें लोगों कहा था तुमसे ना हो पाएगा, और फिर कर दिया ये काम 

आइए आज हम आपको पांच ऐसे व्यक्तियों की कहानी बताने जा रहे हैं जिनसे लोगों ने कहा था तुमसे नहीं हो पाएगा लेकिन फिर भी इन्होनें हार नही मानी और अपनी असफलता को ताकत बनाकर (UPSC) की परिक्षा पास की और अपने सपनों को पूरा किया जानिए क्या है इनकी सक्सेस स्टोरी।

 

HR Breaking News : नई दिल्ली : फिल्म 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' का फेमस डायलॉग है 'बेटा तुमसे ना हो पाएगा'। आजकल किसी की क्षमताओं पर ताना मारने के लिए भी अक्सर यह डायलॉग बोला जाता है। ऐसा ही कुछ इन पांच युवाओं को सुनने को मिला, जब ये संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में लगातार फेल होते रहे।

अपनी चार बार की अफसलता को ही ताकत बनाकर फिर से यूपीएससी की तैयारियों में जुटने वाले इन युवाओं की मेहनत रंग लाई है। यूपीएससी की ओर से 30 मई को जारी सिविल सेवा परीक्षाके अंतिम परिणाम में इन पांचों युवकों ने भी अपने पांचवें प्रयास में जगह बनाई है।


Tanushree Meena, AIR-120, जयपुर राजस्थान यूपीएससी 2021 में 120वीं रैंक हासिल करने वाली तनुश्री मीणा राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं। एमए करने के बाद तनुश्री मीणा civil services exam की तैयारियों में जुट गई थी। चार बार फेल होकर साल 2021 में कामयाब हुई। मीडिया से बातचीत में तनुश्री मीणा कहती हैं कि मां व परिजनों ने तो खूब सपोर्ट किया। बाकी लोग लगातार फेल होने पर ताने मारने से भी नहीं चूकते थे।


Minister Maurya Bhardwaj, AIR-28, आंध्रप्रदेश आंध्र प्रदेश में एनआईटी विशाखापत्तनम से इंजीनियरिंग करने वाले 28 वर्षीय मंत्री मौर्य भारद्वाज ने UPSC में 28वीं रैंक हासिल की है। बचपन से आईएएस बनने का ख्वाब रखने वाले भारद्वाज चार प्रयासों में फेल हुए। इनके पिता सरकारी स्कूल में टीचर हैं। मां चिकित्सा विभाग में कार्यरत हैं जबकि भाई एम्स में सर्जन पद पर सेवाए दे रहे हैं।

मीडिया से बातचीत में मंत्री मौर्य भारद्वाज कहते हैं कि साल में NIT वारंगल से इंजीनियरिंग करने के बाद हैदराबाद स्थित MNC में बतौर इलेक्ट्रीकल इंजीनियर जॉब करने लगा था। फिर मैं अपने बचपन का ख्वाब पूरा करने के लिए नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारियों में जुट गया। शुरुआती चार प्रयासों में फेल हुआ तो सोचा फिर से नौकरी शुरू कर दूं, मगर वो ख्वाब अब हकीकत बन गया।

अतुलेश झा, AIR-131, प्रयागराज उत्तर प्रदेश यूपीएससी  में अपने पांचवें प्रयास में आईएएस बनने वालों में अतुलेश झा भी शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के हेमवती नंदन बहुगुणा पीजी कॉलेज में समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. अवधेश कुमार झा व इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता मोहिनी झा के बेटे अतुलेश झा को सिविल सेवा परीक्षा में 131वीं रैंक पाई है।

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अतुलेश ने बीएचएस से इंटर करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई की। यूं तो वर्ष में इनका चयन असिस्टेंट कमाडेंड आईटीबीपी के पद पर हो गया था, लेकिन इन्होंने आईएएस बनने का ख्वाब पूरा करने के लिए ज्वाइन नहीं किया।

अमित कुमार, AIR-561, मैनपुरी उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के अमित कुमार ने भी आखिर सफलता हासिल कर ही ली। यूपीएससी में अमित कुमार ने 561वीं रैंक हासिल की है। IAS Amit Kumar Mainpuri के गांव बीरमपुर के रहने वाले हैं। इनकी मां का को निधन हो गया। पांचवें प्रयास में सफल हुए अमित कुमार ने बताया कि अब उनकी मां का ख्वाब पूरा हो गया। वो चाहती थीं कि बेटा आईएएस बने, मगर मां अब इस दुनिया में नहीं। बता दें कि अमित ने वर्ष 2005 में हाईस्कूल की परीक्षा एटा और 12वीं की परीक्षा शहर के श्री एकरसानंद इंटर कॉलेज से वर्ष 2007 में पास की। 2012 में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद 201 से यूपीएससी की तैयारियां शुरू की।

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अंशुल सिंह, AIR-435, प्रयागराज उत्तर प्रदेश पांचवें प्रयास में अंशुल सिंह ने अखिल भारतीय स्तर पर 435वीं रैंक हासिल की। ये यूपी के प्रयागराज के जार्जटाउन की रहने वाली हैं। पहले प्रयास में तो इनसे प्री भी पास नहीं हो पाई थी। अंशुल सिंह ने बिशप जानसन स्कूल एंड कॉलेज, पत्थर गिरिजाघर से हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की है। इनके पिता कपिल देव सिंह आगरा मंडल में RTO के पद पर कार्यरत हैं। मां सरोज सिंह हाउस वाइफ हैं। बड़ी बहन भूमिका सिंह एमडी रेडियोलॉजी हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भूगोल विषय से एमए फाइनल इयर में पहली बार संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी थी। भी फेल हुई।  इंटरव्यू तक पहुंची।   फिर प्री में असफल रहीं

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भी अपनी किस्मत आजमाई। बैच की पीसीएस परीक्षा में उनका चयन कॉमर्शियल टैक्स अफसर के पद पर हो गया। वर्तमान में वह कॉमर्शियल टैक्स ऑफिसर, हाईकोर्ट वर्क्स प्रयागराज में पोस्टेड हैं। जुलाई उन्होंने इस पद पर ज्वाइन कर लिया था।