IAS Story : दो हफ्ते की पढ़ाई IAS तक का सफर, जान लें Akshat की कहानी 

Civil Service Exam : जैसा की आपको पता है  IAS बनने का सपना हर कोई देखता है लेकिन कुछ ही लोगों का ये सपना पूरा हो पाता हैं। कई लोग ऐसे भी होते हैं जो बार-बार फेल होने के बाद भी हार नहीं मानते ऐसी एक कहानी हम आपको बताने जा रहे है अक्षत कौशल की जिसने 4 बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और IAS बनने का सपना का सपना पूरा किया।
 
 

HR Breaking News : नई दिल्ली :  संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (Civil Service Exam) में हर साल लाखों छात्र शामिल होते हैं, लेकिन कुछ को ही सफलता मिल पाती है. इनमें से कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं, जिन्हें कई सालों की मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल पाती है. हालांकि, इसके बाद भी वे हार नहीं मानते हैं और एक सलाह से उनकी किस्मत बदल जाती है. ऐसी ही कुछ कहानी फरीदाबाद के रहने वाले अक्षत कौशल की है, जिन्होंने लगातार चार बार फेल होने के बाद पांचवे प्रयास में सफलता हासिल की.

अक्षत ने 2012 में देखा IAS  बनने का सपना 

अक्षत कौशल (Akshat Kaushal) ने  यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) की तैयारी शुरू की और पहली बार साल 2013 में सिविल सेवा की परीक्षा दी, लेकिन असफल हो गए. असफलता के बाद अक्षत ने फिर से एग्जाम देने का फैसला किया और ज्यादा मेहनत शुरू कर दी, लेकिन दूसरे प्रयास में भी वह पास नहीं हो पाए. 


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 चार बार मिली असफलता के बाद भी नहीं मानी हार 

लगातार दो बार असफल होने के बाद भी अक्षत कौशल (Akshat Kaushal) ने हार नहीं मानी और तीसरी बार यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam) दिया, लेकिन वह सफल नहीं हो पाए. चौथे प्रयास में भी अक्षत को असफलता हाथ लगी. 


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दोस्तों और मां की सलाह ने बढ़ाया हौसला 

लगातार चार असफलता के बाद निराश अक्षत कौशल (Akshat Kaushal) का मन यूपीएससी एग्जाम की तैयारी में नहीं लग रहा था और उन्होंने सिविल सर्विस (Civil Service) का राह छोड़ने का फैसला कर लिया था. एक दिन अपने कुछ दोस्तों से मुलाकात हुई और दोस्तों ने उनका हौसला बढ़ाया. दोस्तों से बातचीत के बाद उन्होंने दोबारा यूपीएससी एग्जाम देने का मन बना लिया और उनके फैसले में उनके माता-पिता ने भी सहयोग दिया. उनकी मां ने भी समझाया और कहा कि बेटा एक और कोशिश कर ले.

माञ 17 दिनों में की परीक्षा पास 


दोस्तों और फैमिली के सपोर्ट से अक्षत कौशल (Akshat Kaushal) ने एक बार फिर एग्जाम देने का मन तो बना लिया, लेकिन परीक्षा के लिए केवल 17 दिन ही बचे थे. हालांकि, अक्षत इससे निराश नहीं हुए और उन्होंने पढ़ाई में जुट गए. सिर्फ 17 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद प्रीलिम्स क्लियर कर लिया. अक्षत का इंटरव्यू भी काफी अच्छा रहा और साल 2017 में अपने पांचवें प्रयास में 55वीं रैंक हासिल कर आईपीएस बने.