IAS Success Story - चाय की दुकान पर काम करते हुए लड़के ने देखा अफसर बनने का ख्वाब, ऐसे किया पूरा

आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है जिसमें चाय की दुकान पर एक लड़के ने अफसर बनने का ख्वाब देखा। न सिर्फ ख्वाब देखा बल्कि उसे पूरा कर आईएएस बनकर अपने पिता का नाम भी रोशन किया। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी। 
 

HR Breaking News, Digtal Desk- हिमांशु गुप्ता जो उत्तर प्रदेश बरेली के पास एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के लिए हिमांशु को रोजाना 70 किलोमीटर तक का सफर करना होता था। हिमांशु ने स्कूली पढ़ाई तो जैसे-तैसे कर ली लेकिन घर की हालत खराब देख उन्हें चाय की दुकान पर काम करना पड़ा।


उनके पिता एक डेली वेज पर मजदूर के तौर पर काम करते थे। धीरे-धीरे उन्होंने चाय की स्टॉल खोली और फिर बाद में एक जनरल स्टोर की दुकान, जिसे वो आज भी चलाते हैं। हिमांशु बताते हैं कि हर बच्चे की तरह उनका भी एक सपना था। सरकारी नौकरी कर कोई बड़ा आदमी बनने का। ऐसे में उस सपने को पाने के लिए हर मुश्किल का सामना करने को तैयार थे।


वे बताते है कि जब वो चाय की दुकान पर लोगों को चाय बाटते थे तब उन्हें कई तरह के लोगों से बात करने का मौका मिलता था। कुछ ऐसे लोग आते थे जिन्हें पैसे भी गिनने नहीं आता, तब मुझे शिक्षा की कीमत समझ में आई।
उन्होंने बताया कि गांव में शिक्षा को लेकर खास सुविधाएं नहीं थी ऐसे में 12वीं पास करने के बाद उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो आगे की पढ़ाई के लिए क्या करें। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के बारे में पता चला, 12वीं में अच्छे नंबर आने के बाद हिमांशु को यहां हिंदु कॉलेज में एडमिशन मिल गया।


यहां से उन्हें अपने सपने को नई उड़ान देने का मौका मिला। जब कॉलेज में आए तब वो वहां के माहौल को देखकर उन्हें एहसास हो गया था कि कंपटीशन काफी टफ है। इस दौरान घर ऐसी स्थिती नहीं थी कि पिता मुझे घर से पैसे भिजवा सके, ऐसे में मैंने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना, पेड ब्लॉग लिखना....इस तरह के काम करने लगा ताकी मैं अपना खर्चा निकाल सकूं।


मास्टर की पढ़ाई के दौरान वो हर कंपीटेटिव परीक्षा को पास कर गए यही नहीं इस दौरान उन्होंने यूनिवर्सिटी को भी टॉप कर लिया। इस सफलता से उनके अंदर आत्मविश्वास आया, जिसके बाद वो कुछ बड़ा करना चाहते थे, वो चाहते तो आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जा सकते थे लेकिन उन्होंने देश में ही रहकर तय किया कि वो यहीं कुछ अच्छा करेंगे। 

ऐसे में उन्होंने सिविल सर्विस की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान उन्होंने बिना कोचिंग के पढ़ाई शुरू की, उन्होंने पहली बार जब यूपीएससी की परीक्षा दी तो वो फेल हो गए। इसी बीच हिमांशु रिसर्च स्कॉलर के तौर पर काम करने लगा। इस दौरान दोनों चीजों को मैनेज करना मुश्किल होता था ऐसे में दोनों की पढ़ाई के लिए उन्होंने समय को बाट दिया। प्लान और मेहनत से पढ़ाई करने के बाद हिमांशु इस परीक्षा को पास करने में कामयाब हुए।