बच्चों के भविष्य को दांव पर लगा देखा तो शुरू कर दी फ्री में ट्यूशन, पढिए हरियाणा टीचर की कहानी

ज्ञान बांटने का अनूठा उदाहरण पेश कर रही सांखौल की संजना। गांव के सरकारी स्कूल में नहीं था कैमिस्ट्री का टीचर 40 बच्चों का भविष्य दांव पर लगा देख संजना ने खुद मुफ्त में शुरू किया पढ़ाना। हर रोज सुबह सुबह के समय विद्यार्थियों को पढ़ा रही हैं कैमिस्ट्री विषय।
 
 

HR Breaking News, बहादुरगढ़। बहादुरगढ़ के गांव सांखौल की संजना राठी ज्ञान बांटने का अनूठा उदाहरण पेश कर रही हैं। गांव के सरकारी स्कूल में कैमिस्ट्री के अध्यापक का ट्रांसफर हो गया था। उनकी जगह पर कोई दूसरा अध्यापक नहीं आया तो स्कूल की 11वीं कक्षा के करीब 40 बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया था। परीक्षाएं नजदीक होता देख सरकारी स्कूल में पढ़ रहे गरीब बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। ऐसे में जब इस बात का पता गांव की संघर्षशील जनकल्याण सेवा समिति से जुड़े मेजर सुधीर राठी को पता लगा तो उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर सरकारी स्कूल में निश्शुल्क कैमिस्ट्री विषय पढ़ाने के लिए एक पोस्ट की।


इस पोस्ट को जब गांव की महिला प्रोमिला राठी ने पढ़ा तो उसने अपनी बेटी संजना राठी को स्कूली बच्चों को कैमिस्ट्री पढ़ाने की बात कही। मां की बात सुनकर संजना तुरंत बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार हो गई। बीएससी करने के बाद रोहतक के बाबा मस्तनाथ शिक्षण संस्थान से मास्टर इन लाइब्रेरी साइंस की पढ़ाई कर रही संजना राठी अब हर रोज गांव के सरकारी स्कूल में सुबह के समय विद्यार्थियों को मुफ्त में कैमिस्ट्री विषय की पढ़ाई करवा रही हैं। साथ ही घर पर भी जरूरतमंद बच्चों को साइंस के साथ-साथ गणित विषय को लेकर फ्री में ट्यूशन पढ़ा रही हैं। संजना बताती हैं कि मेरे दादा जयसिंह राठी हमेशा एक ही बात कहते हैं कि अगर किसी जरूरतमंद बच्चे को पढ़ाओ को उसके पैसे नहीं लेने हैं। यानी मुफ्त में ज्ञान बांटना है।


पिता की प्रेरणा से उठाया कदम

मैं अपने पिता की प्रेरणा से ही गांव के सरकारी स्कूल में बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रही हूं। संजना बताती हैं कि गांव की संघर्षशील जनकल्याण समिति से जब मुझे सूचना मिली तो मैं तुरंत बच्चों को पढ़ाने के लिए तैयार हो गई थी। अब करीब डेढ़ माह हो गया है। बच्चों की परीक्षा की तैयारी भी अब अच्छे से हो रही है। कैमिस्ट्री विषय के सभी बच्चे अब उनसे पढ़कर काफी खुश हैं। समिति से जुड़े मेजर सुधीर राठी व दिल्ली में शिक्षक मुकेश चाहर ने बताया कि उनकी समिति गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, स्वच्छता व पर्यावरण की दिशा में काम कर रही है।

 


जैसे ही उन्हें पता चला कि गांव के सरकारी स्कूल में कैमिस्ट्री का टीचर न होने की वजह से 40 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है तो हमने फ्री में स्कूली बच्चों को यह विषय पढ़ाने के लिए गांव के युवाओं से संपर्क किया। इस काम के लिए संजना राठी तैयार हो गईं। अब वे हर रोज बच्चों को फ्री में पढ़ा रही हैं। स्कूल के प्रधानाचार्य संजय राठी ने बताया कि संजना राठी बच्चों को कैमिस्ट्री विषय की पढ़ाई करवा रही हैं। इससे बच्चों का भविष्य खराब होने से बच गया। परीक्षा की भी तैयारी अच्छे से हो रही है। मैं खुद अपने स्कूल व बच्चों की तरफ से संजना राठी व गांव की समिति के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूं।