Success Story: पहेल इंटरव्यू में फेल हो गए थे डॉ खैरा, जानिए IAS बनने तक का सफर
 

यूपीएससी परिक्षाओं की तैयारी करने वाली अभ्यर्थी अक्सर ये सोचते रहते है कि आखिर वे पढ़ाई शुरू करने के लिए फॉलो किस करें। लेकिन ऐसे में डॉ खैरा का कहना है कि अपनी पढ़ाई शुरू करने से पहले आप किसी को भी न फॉलो करें। तो ऐसे में खबर में जानते है कि उनकी इस राय के पिछे वहज क्या है।  
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- UPSC एग्जाम की तैयारी कर रहे कई अभ्यर्थी इस बारे में कन्फ्यूज रहते हैं कि वे किसे फॉलो करें. तो जवाब है किसी को नहीं. यह सलाह के UPSC-CSE 2020 में यूपीएससी क्लीयर करने वाले डॉ राजदीप सिंह खैरा (Dr Rajdeep Singh Khaira) का. उन्होंने बताया कि यूपीएससी एग्जाम देने के बाद मई 2021 में उनके पिता का कोरोना से निधन हो गया. 

सितंबर में उनका इंटरव्यू था, उन्होंने हिम्मत बनाए रखी. इससे पहले भी वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे थे, लेकिन उनका सिलेक्शन नहीं हुआ. लेकिन इस साल उनकी मेहनत रंग लाई और वह IAS अधिकारी बन कर ही माने. उन्होंने कहा कि इंटरव्यू में कम नंबर आने की आशंका थी, इसीलिए उन्होंने लिखित परीक्षा में ज्यादा नंबर लाने पर फोकस किया. ऐसे में यहां जानें UPSC क्लीयर करने के लिए अभ्यर्थी किस स्ट्रैटजी को फॉलो करें. 

Failure को एक्सेप्ट करें-


पंजाब के राजदीप की शुरुआती शिक्षा सराभा से हुई, वह पटियाला से MBBS की डिग्री लेकर डॉक्टर बने. 2017 में वह मेडिकल ऑफसर के पद पर सिलेक्ट हुए, शुरुआती असफलताओं के बाद 24 सिंतबर 2021 को जारी हुए यूपीएससी के नतीजों में सिलेक्टेड कैंडिडेट की लिस्ट में वह भी शामिल थे. उन्होंने कहा कि फेल होने पर उस हार को एक्सेप्ट कर अभ्यर्थियों को आगे बढ़ना चाहिए. 
तैयारी के दौरान कई बार निराशा हाथ लगेगी, डिस्ट्रैक्शन भी मिलेंगे. लेकिन असफलता को स्वीकार कर फोकस बनाते हुए अभ्यर्थियों को आगे बढ़ना चाहिए. 

गलतियों से हमेशा सीखते रहें-


पहले अटेम्प्ट में वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे, लेकिन सिलेक्ट नहीं हुए. उनके सामने दो ऑप्शन थे, असफलता से निराश हो जाएं या फिर अपनी गलतियों को सुधार कर आगे बढ़ें. वह दूसरा ऑप्शन चुन कर आगे बढ़ गए. 

12वीं में किया डिस्ट्रिक्ट टॉप-


10वीं में 91 फीसदी के साथ 12वीं बोर्ड एग्जाम में उन्होंने जिले में टॉप रैंक हासिल की. MBBS में गोल्ड मेडल हासिल किया. शुरुआत से पढ़ाई में अव्वल रहे राजवीर को पहली असफलता UPSC में ही मिली. उनका कहना है कि बाकी अभ्यर्थी क्या कर रहे हैं, इसे न सोच कर उन्हें अपने टारगेट पर फोकस करना चाहिए. उन्होंने तैयारी के दौरान सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी और दूसरे अभ्यर्थियों को भी डिस्ट्रैक्शन से दूरी बनाए रखने की सलाह दी. 

किसे फॉलो करें?


किसी कोन नहीं. डॉ खेरा ने बताया कि हर अभ्यर्थी के लिए अलग-अलग स्ट्रैटजी काम करती है. एग्जाम से पहले उन्हें बताया गया कि इंटरव्यू के लिए मोक टेस्ट बहुत जरूरी है. यूपीएससी क्लीयर करने का कोई पक्का रूल नहीं है. लेकिन उन्होंने बगैर मोक टेस्ट के ही UPSC क्लीयर कर दिखाई. किसी को भी आंखें बंद कर के फॉलो न करें और खुद पर भरोसा रखते हुए तैयारी करते रहें.