Success Story : कभी 150 रूपये में धोता था बर्तन, आज कमा रहा करोड़ो रूपये  
 

कहते है जो इंसान करने की ठान लेता है वह एक दिन करके दिखाता हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं प्रेम गणपति। जिन्होंने अपनी जिंदगी में कभी हार नहीं मानी। जो कभी  बर्तन धोकर महीने के 150 रुपए कमाया करते था। आज उनकी कमाई करोड़ो में। आइए प्रकाश डालते है उनके जीवन के कुछ पहलुओं पर।
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- बहुत लोगो को जिंदगी हार मानने को मजबूर कर देती है। मगर कुछ लोग उन मुश्किलों से लड़कर सोने की तरह निखर जाते है। उन्हीं लोगो में से एक प्रेम गणपति भी है। गणपति का नाम उन लोगो में शामिल है। जिन्होंने मुश्किलो से लड़कर सफलता हासिल की है। मशहूर डोसा प्लाजा के मालिक प्रेम गणपति है।

आज उनका डोसा देश ही नहीं विदेशों में भी बहुत पसंद किया जाता है। कभी वे बर्तन धोकर महीने के 150 रुपए कमाया करते थे। आज उनके डोसा प्लाजा करोड़ों में कमाई कर रहा है।


150 रुपए महीने में बर्तन धोने की नौकरी करते थे-


प्रेम गणपति का जन्म तमिलनाडु के तूतीकोरिन जिले के नागलपुरम में एक गरीब परिवार में हुआ था। वे बहुत गरीब थे। इसलिए सिर्फ 10वी कक्षा तक पढ़ाई कर सके। अपने परिवार कि मदद के लिए प्रेम बचपन से ही छोटी छोटी नौकरियां करना शुरू कर दिया था। जिसमे उन्हें 250 रुपए महीने के मिलते थे उसको वे घर भेज दिया करते थे। वे ज्यादा पैसे कमाने के लिए मुंबई चले गए मगर वह उनको उनके ही परिचित ने लूट लिया। जिसकी वजह से बांद्रा में फस गए अगले ही दिन उनको एक बेकरी में 150 रुपए महीने में बर्तन धोने की नौकरी मिल गई।


खुद का इडली और डोसा का बिजनेस शुरु कर दिया प्रेम गणपति ने वर्ष 1992 में खुद का बिजनेस शुरु करने के लिए ठीक ठाक पैसे जोड़ लिए थे। उसके बाद उन्हें खुद का इडली और डोसा का बिजनेस शुरु कर दिया। प्रेम ने लगभग 150 रुपए में एक ठेला किराए पर ले लिया और 1 हजार रुपए के सामान खरीद लिया। कुछ समय बाद एक दुकान वाशी ट्रेन स्टेशन के सामने खोली। वर्ष 1992 में प्रेम ने अपने दो भाइयों को भी इस व्यापार में शामिल कर लिया।

वर्ष 2002 में कारोबार 10 लाख रुपए महीने का हो गया वर्ष 1997 में प्रेम और उनके भाइयों ने मिलकर 50 हजार रुपए जमा कर वाशी में एक दुकान किराए पर ली इसका नाम डोसा प्लाजा रखा। उनकी मेहनत रंग लाई वर्ष 2002 में उनका कारोबार 10 लाख रुपए महीने का हो गया। डोसा प्लाजा ने वर्ष 2005 में भारत में अपने 7 नए आउटलेट ओपन किए और 2007 में 9 शहर में और आउटलेट ओपन किए वर्ष 2012 तक भारत में आउट लेट की संख्या 45 हो गई और बहुत सारे आउट लेट विदेश में भी खोले गए है।