Success Story- उलझे हुए बिजनेस को सुलझाया, मात्र 10 साल में में बना दी भारत की टॉप कंपनी

आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है जिसमें एक व्यक्ति ने उलझे हुए बिजनेस को न सिर्फ सुलझाया बल्कि मात्र 10 साल में उसे भारत की टॉप कंपनी बना दिया। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी। 
 

HR Breaking News, Digital Desk- एक और भारतीय कंपनी यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुई है. बैंगलुरू-बेस्ड इस कंपनी का नाम है लीडस्केयर्ड (LeadSquared). कंपनी को सीरीज सी के राउंड में 153 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल हुई है. अब यह कंपनी 1 बिलियन डॉलर की हो गई है.


इसे कामयाब बनाने के पीछे एक नाम है नीलेश पटेल का. नीलेश पटेल (Nilesh Patel) इस समय कंपनी के सीईओ हैं. वे कंपनी के को-फाउंडर भी हैं. बता दें कि 1 बिलियन डॉलर की पूंजी वाली कंपनी के यूनिकॉर्न कहा जाता है. 2 सप्ताह पहले ही भारत की दो अन्य कंपनियां भी यूनिकॉर्न बनी थीं. एक पर्पल और दूसरी फ़िजिक्स वाला.

आज हम केवल LeadSquared और नीलेश पटेल की बात करेंगे. योरस्टोरी डॉट कॉम के अनुसार, नीलेश ने अपने दो साथियों प्रशांत सिंह और सुधाकर गोत्री के साथ मिलकर 2011 में इस कंपनी की शुरुआत की थी. यह कंपनी अपनी पहले से मौजूद कंपनी मार्केट एक्सपेंडर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (MarketXpander Services Private Limited) का हिस्सा थी. leadsquared.com पर मौजूद जानकारी के के हिसाब से नीलेश कंपनी के सीईओ (CEO) हैं. प्रशांत सिंह सीओओ (COO) हैं और सुधाकर गोत्री सीटीओ (CTO) हैं. सुखबीर कल्सी की पोस्ट सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (SVP) है.


क्या काम करती है कंपनी-

जैसा कि आप जानते हैं कि हर कंपनी में एक सेल्स और एक मार्केटिंग टीम होती है. और सेल्स टीम को कमाऊ टीम कहा जाता है, क्योंकि ये टीम प्रॉडक्ट बेचकर पैसा लाती है. जबकि बहुत सारी टीमें सीधा पैसा नहीं लाती हैं, क्योंकि वे प्रॉडक्ट डेवलप करने के दूसरे कार्य में लगी होती हैं. कहा जाता है कि जब किसी कंपनी की हर टीम ने अपनी ताकत से अधिक काम किया हो, तब जाकर वह कंपनी सफलता की कहानी लिख पाती है. परंतु सेल्स टीम का अच्छा होना बेहद जरूरी है. यदि सेल्स टीम अच्छी न हो, या अच्छे से काम न कर पाए तो अच्छे-से-अच्छा प्रॉडक्ट भी बाजार में टिक नहीं पाता.


LeadSquared एक Saas (सॉफ्टवेयर-ऐज़-अ-सर्विस) प्लेटफॉर्म है, जो मार्केटिंग ऑटोमेशन और सेल्स एग्जीक्यूशन कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) सॉल्यूशन्स देता है. अलग-अलग कंपनियों की सेल्स और मार्केटिंग टीमों को अपने काम समय पर पूरे करने में हेल्प करता है.


नीलेश ने यूं लिखी सफलता की कहानी- 


नीलेश पटेल हालांकि पहले से एक सफल बिजनेसमैन हैं. सेल्स और मार्केटिंग में लम्बा अनुभव रखने वाले नीलेश पटेल ने इससे पहले प्रोटीन्स (Proteans) नामक कंपनी के फाउंडर थे. वह कंपनी भी अच्छा कर रही थी, जिसे 2010 में सिम्फनी टेलेका कॉर्पोरेशन ने अधिग्रहित (Acquire) कर लिया था. इस अधिग्रहण के बाद नीलेश ने सिम्फनी के लिए बतौर वाइस-प्रेसिडेंट के तौर पर सेवाएं दीं. वहां भी वे सेल्स डिपार्टमेंट ही संभाल रहे थे.

बाद में उन्होंने LeadSquared शुरू करने के बारे में सोचा और 2011 में अपने कुछ साथियों के साथ भविष्य की एक यूनिकॉर्न कंपनी की नींव रखी. लाइव मिंट की एक खबर के मुताबिक, नीलेश ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री ली है. उन्होंने प्रोटीन्स (Proteans) की शुरुआत करने से पहले लगभग 4 साल तक IBM के माइक्रोप्रोसेसर टेस्ट टूल्स डिविजन के साथ काम किया था.

कैसे आया इस LeadSquared का आइडिया-


analyticsinsight.net पर मौजूद एक इंटरव्यू में नीलेश पटेल ने बताया है कि शुरुआत में सिर्फ एक मार्केटिंग ऑटोमेशन और लीड जेनरेशन इंजन बनाने पर काम हो रहा था. जब उन्होंने बहुत सारे क्लाइंट्स की समस्याओँ को सुना तो पाया कि अलग-अलग बिजनेस अपने सेल्स और मार्केटिंग ऑपरेशन्स के लिए अलग-अलग टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं.


अलग-अलग टूल्स से दिक्कत ये आ रही थी कि टीम्स के बीच में एक सूचनाओं की खाई और कम्युनिकेशन की कमी पैदा रही थी, जिसका नेगेटिव असर बिजनेस के आउटपुट पर पड़ रहा था. इससे रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट कम आ रहा था. यही नहीं, डेटा भी अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर बंटा हुआ था, जिससे कि सटीक, इस्तेमाल की जाने लायक डिटेल्स नहीं मिल रही थीं.

चूंकि ये तमाम काम एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, तो एक ऐसे सेंट्रलाइज्ड सॉल्यूशन पर काम करना बेहतर था, जो सेल्स और मार्केटिंग की टीमों को एक जगह पर ले जाए और काम को सुचारू कर दे. इस तरह LeadSquared का आइडिया आया.


कुछ वर्षों बाद, हमने यह महसूस किया कि हमारी रणनीतिक क्षमता ऐसा सॉफ्टवेयर बनाने में निहित है, जो हाई-वेलोसिटी B2C सेल्स को चलाने में भी हेल्प कर पाए. और आखिर में वह कर दिखाया. आज LeadSquared हाई-वेलोसिटी सेल्स में मार्केट लीडर है.