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Success Story - 52 साल में क्रैक की NEET की परीक्षा, अब गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का लिया संकल्प

अगर आप किसी चीज को पाने के लिए कड़ी मेहनत करके उसके पिछे लग जाते है तो वह चीज आपको जरूर मिलती है। आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है जिसमें 52 साल की उम्र में एक व्यक्ति ने NEET की परीक्षा क्रैक की और अब उन्होंने गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का संकल्प लिया है। 
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52 साल में क्रैक की NEET की परीक्षा, अब गरीब बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का लिया संकल्प

HR Breaking News, Digital Desk- नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) के रिजल्ट (NEET UG Result 2022) बुधवार रात ऑनलाइन आए, तो प्रदीप कुमार सिंह को लगा कि वह आखिरकार अपने लंबे समय से संजोए हुए सपने को पूरा कर लिया है.

करीब तीन दशक पहले सक्रिय पढ़ाई छोड़ने के बावजूद गुजरात के बोडकदेव के 52 वर्षीय व्यवसायी ने 720 में से 607 अंक हासिल किए. यह मान लेना सामान्य बात नहीं है कि उनकी महत्वाकांक्षा ‘सफेद कोट’ पहनने की है, लेकिन वह गरीब छात्रों को मुफ्त कोचिंग देना चाहते है ताकि वे NEET पास कर डॉक्टर बन सकें.

सिंह ने कहा, “52 साल की उम्र में मैंने 98.98 पर्सेंटाइल हासिल किया. मेरा मेडिकल कॉलेज में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन मैं गरीब छात्रों के लिए एक मुफ्त NEET कोचिंग सेंटर शुरू करना चाहता हूं.” इस प्रयास में उन्हें उनके बेटे बिजिन स्नेहांश का पूरा समर्थन मिला, जो एलिसब्रिज के NHL मेडिकल कॉलेज में MBBS के तीसरे वर्ष के छात्र हैं.


सिंह ने 1987 में दिल्ली में आयोजित कक्षा 12वीं की विज्ञान की परीक्षा में 71% अंक हासिल किए थे. इसके बाद उन्होंने आर्ट्स (अर्थशास्त्र) में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से बिजनेस इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री प्राप्त की. सिंह ने कहा, “मैंने शुरुआत में विभिन्न व्यावसायिक पत्रिकाओं के लिए नौकरियां कीं. बाद में मैंने अपने व्यापार को व्यवसाय से व्यवसाय (बी2बी) प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया.”

वर्ष 2019 में, बिजिन स्नेहांश ने NEET के लिए आवेदन किया और 595 अंक हासिल किए. सिंह ने कहा, “जब मेरे बेटे ने NEET की तैयारी शुरू की, तो मैंने उसे सहायता प्रदान करने के लिए इसमें रुचि ली. मुझे एहसास हुआ कि कोचिंग संस्थान मोटी फीस लेते हैं, और इसने उन्हें गरीब उम्मीदवारों की पहुंच से बाहर कर दिया.” प्रदीप कुमार सिंह और उनके बेटे ने इस मुद्दे के समाधान के तरीकों पर चर्चा की.

उन्होंने कहा, “मेरा बेटा जीव विज्ञान में अच्छा है जबकि मैं भौतिकी और रसायन विज्ञान में अच्छा हूँ. हमने इन विषयों को मुफ्त में पढ़ाने का फैसला किया. वर्तमान में हम मेरे घर पर कुछ छात्रों को पढ़ाते हैं, जिनके माता-पिता मनरेगा मजदूर के रूप में काम करते हैं. हालाँकि, एक विश्वास की कमी थी. खुद परीक्षा दिए बिना दूसरों को कैसे पढ़ा सकता था.?”


वर्ष 2021 में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और नेशनल मेडिकल काउंसिल ने NEET के लिए अधिकतम आयु सीमा को हटाने का निर्णय लिया था. उन्होंने आगे कहा, “इसलिए, मैंने बहुत ही कम समय में NEET की तैयारी की. मैंने जुलाई की परीक्षा के लिए फरवरी में पढ़ना शुरू किया. मैंने मेहनत से पढ़ाई की और 98.98 पर्सेंटाइल हासिल किया. अब मैं उन छात्रों में विश्वास जगा सकता हूं जो मेरे और मेरे बेटे के पास कोचिंग के लिए आते हैं.”