Success Story- 300 रुपये उधारी लेकर शुरू किया बिजनेस, आज है करोड़ों रुपये की मालकिन  

मेहनत यदि किसी की आदत बन जाए तो फिर कामयाबी ‘मुकद्दर’ बन ही जाती है. जब कोई भी व्यक्ति इसका अर्थ अच्छे से समझ लेता है, तो सफलता बहुत आसान लगती है. आज हम आपको अपनी कहानी में एक ऐसी महिला की कहानी बताने जा रहे है जिन्होंने उधार के 300 रुपये लेकर शुरू किया था बिजनेस। आज वे करोड़ों की मालकिन है। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी। 

 

HR Breaking News, Digital Desk- मेहनत यदि किसी की आदत बन जाए तो फिर कामयाबी ‘मुकद्दर’ बन ही जाती है. जब कोई भी व्यक्ति इसका अर्थ अच्छे से समझ लेता है, तो सफलता बहुत आसान लगती है. आज हम बात करने जा रहे हैं मिसेज़ बेक्टर्स फ़ूड स्पेशियलिटीज़ की ओनर रजनी बेक्टर के बारे में. जिन्होंने इतनी लगन और मेहनत से अपने जुनून को फॉलो करा और आज उनकी कंपनी करोड़ों की हो चुकी है.

रजनी बेक्टर  ने शायद ही सोचा होगा कि बिस्कुट और केक बनाने की उनकी कला उन्हें एक दिन किसी बड़ी कंपनी का मालिक बना देगी. बल्कि 50 से भी अधिक देशों और मैकडॉनल्ड्स, केएफसी, पिज्जा हट और बर्गर किंग जैसे बड़े फास्ट फूड ब्रांडों को भी अपनी सेवा प्रदान करेगी.

रजनी बेक्टर शुरू से ही एक लग्नशील रसोइया और एक बहुत ही बेहतरीन बेकर रही हैं. लोगों ने उनकी आइसक्रीम बनाने की रेसिपी को खूब पसंद करा हुआ है. और उन्हें अपनी इस कला को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित भी करा है.

रजनी ने शुरुआत में किसी से 300 रुपये उधार लेकर ओवन खरीदकर बिस्कुट बनाने का काम शुरू करा था फिर साल 1978 में रजनी बेक्टर ने 20 हजार का लोन ले लिया था और एक आइसक्रीम बनाने की यूनिट स्थापित कर दी थी. फिर इसके बाद रजनी ने इस यूनिट में बिस्कुट और ब्रेड बनाना भी शुरू करा. उनकी बिस्किट और आइसक्रीम बनाने की इस कला को लोगों ने बहुत पसंद करा.

रजनी ने अपने किचन से बिस्किट और आइसक्रीम बनाने का जो काम शुरू करा था, वह देखते ही देखते एक बड़ी फैक्ट्री में तक पहुंच गया. तब से ही रजनी बेक्टर क्रेमिका फूड्स प्राईवेट लिमिटेड और सहयोगी कंपनी मिसेज बेक्टर फूड्स स्पेशिलिटिज भी चला रही हैं.

रजनी बेक्टर की यह कंपनी क्रेमिका ब्रेड सप्लायर चेन की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन चुकी है. क्रेमिका अपनी बिक्री का 35 प्रतिशत प्रमुख ब्रांडों को ब्रेड और बेस की आपूर्ति करके कमाती है. रजनी बेक्टर अपने पति और बेटों के साथ मिलकर इस कंपनी को चला रही हैं. रजनी बेक्टर ने अपने जुनून का पालन करते हुए भले ही यह काम अकेले शुरू किया हो, लेकिन आज उनकी कंपनी में हजारों लोग काम कर रहे हैं.