Success Story: परंपरागत खेती को बाय-बाय कहकर शुरू किया ये काम, अब आसानी से कमा लेते हैं 7 लाख
HR Breaking News, Digital Desk- परंपरागत खेती-बाड़ी में लगातार कम होते हुए मुनाफे को देखने के बाद किसानों ने नए विकल्पों को तलाशना शुरू कर दिया है. इसी के तहत कई किसानों ने बागवानी की फसलों की तरफ रुख करना शुरू किया है. बागवानी की फसलों की बुवाई कर किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा हासिल कर सकते हैं. कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है हरियाणा के भुना के रहने वाले शुभम ने.
शुभम को गेहूं और धान की खेती में लगातार नुकसान हो रहा था, ऐसे में उन्होंने फलों का बगीचा लगाने की बात सोची. शुरुआत में उन्होंने दो एकड़ में आडू और अमरूद के पौधे लगाए, उन्हें बेहद कम वक्त में ही इसका अच्छा परिणाम दिखना शुरु हो गया. इसके बाद उन्होंने अपनी बगीचे के रकबे को बढ़ाकर 5 एकड़ और फिर 7 एकड़ कर इसकी खेती करनी शुरू कर दी.
उन्होंने कहा है कि गेहूं और धान की लगातार खेती से उनके भूजल का स्तर कम होता जा रहा था. इससे फसलों पर असर पड़ ही रहा है और खेती-किसानी में लागत भी बढ़ती जा रही थी, जिसकी वजह से वह लगातार घाटे में जा रहे थे. वह आगे कहते हैं कि फिलहाल वह 7 एकड़ में आडू और अमरूद की खेती कर रहे हैं और तकरीबन 7 लाख का शुद्ध मुनाफा हासिल कर रहे हैं.
वे बताते हैं कि अमरूद में वह सफेदा प्रजाति की खेती करती हैं. इसकी खास बात ये है कि इसके पौधे महज 10 महीने में ही फल देना शुरू कर देते हैं. इसके अलावा इसमें कीड़ा भी नहीं पड़ता है. डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर और फार्मर वेलफेयर हरियाणा के ट्वीट के मुताबिक आडू की खेती से 4 लाख और अमरूद से ढाई लाख तक का मुनाफा हासिल होता है.