Success Story- छोटी दुकान से किया था काम शुरू, आज 5 हजार करोड़ रु का कारोबार
HR Breaking News, Digital Desk- 27 वर्ष पहले केलॉग भारतीय बाजार में आई थी और उसी समय से इस कंपनी ने भारतीय मार्केट में अपनी अच्छी पकड़ बना ली है और अब हल्दीराम के साथ जुड़कर के अपने प्रोडक्ट में विविधता लाने की कोशिश कर रही है।
वर्ष 1990 में इसके विभाजन के बाद से हल्दीराम नागपुर, कोलकाता और दिल्ली से चल रहा है। आज हम आपको बताएंगे हल्दीराम के इस मुकाम में पहुंचने की कहानी कंपनी को इस मुकाम तक पहुंचने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ेगी।
शुरुवात किस तरह हुई-
हल्दीराम के सफल होने के पीछे की कहानी बहुत ही दिलचस्प है। हल्दीराम की शुरुवात एक छोटे सी दुकान से हुई थी और आज ये कंपनी का कारोबार 5 हजार करोड़ रु से भी अधिक का है। कमाई के मामले में ये कंपनी आज डॉमिनोज और नेस्ले जैसे ब्रांड बड़े ब्रांड के बराबर तक पहुंच चुकी है।
हल्दीराम का नाम इस तरह पड़ा-
एक व्यक्ति जिसका नाम गंगाबिशनजी अग्रवाल था। उसके वर्ष 1937 में बीकानेर में एक छोटी सी नाश्ते की दुकान शुरू की थी। जब उनकी दुकान काफी चलने लगी तो फिर उनकी दुकान का नाम रखने की चर्चा हुई। वे भजिया बनाते थे। इसी वजह से उनकी दुकान का नाम भजियावाले के नाम से प्रसिद्ध हो गया। प्यार से बहुत लोग गंगाबिशनजी अग्रवाल को हल्दीराम कहकर पुकारते थे। समय के बीतने के साथ ही जब नाम बदलने की बात आई तो फिर इसका नाम बदलकर हल्दीराम कर दिया गया।
हल्दीराम के उत्पाद 50 देशों में बेचे जाते है वर्ष 1970 में हल्दीराम कंपनी ने अपना पहला स्टोर नागपुर में और दूसरा स्टोर दिल्ली में खोल लिया। आपको इस बात से आश्चर्य होगा कि इस कंपनी की कमाई मैगी निर्माता नैस्ले से भी दोगुनी है। हल्दीराम के उत्पाद विश्व के 50 देशों में बेचे जाते है। एक रिपोर्ट के अनुसार कंपनी वार्षिक 5 हजार करोड़ से भी अधिक का व्यापार कर रही है। इसके अतिरिक्त हल्दीराम 30 प्रकार के नमकीन उत्पाद भी बेचती है।