Success Story- पंचर लगाकर बेटों को पढ़ाया, अब बेटे बने सेना में अफसर
 

आज हम आपको अपनी सक्सेस स्टोरी में एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है जिसमें एक पिता ने अपने बच्चों का पंचर लगाकर पढ़ाया। आज वहीं बेटे मेहनत कर सेना में अफसर बन गए है और अपने पिता का नाम रोशन किया है। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी।  
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- भिवंडी के भंडारी कंपाउंड में पंचर की दुकान से परिवार चलाने वाले परवेज खान ने राष्ट्रभक्ति की सच्ची मिसाल पेश की है। देश सेवा के लिए समर्पण क्या होता है इसकी मिसाल परवेज खान नेअपने दोनों बेटों को सेना में भर्ती होने पर पेश की है। उनके दोनों बेटे जहां थल सेना में भर्ती हो चुके हैं, वहीं बेटी भी थल सेना में जाने की तैयारी कर रही है। सेना में शपथ ग्रहण के बाद घर लौटने पर बेटे का भिवंडी में जोरदार स्वागत किया गया।

साइकिल के पंचर बनाते हैं परवेज-


स्थानीय नगर सेवक यशवंत टावरे ने परवेज के बेटे की घर वापसी पर खुली जीप में बैठाकर जुलूस निकाला। इस जुलूस में शहर के रतन टॉकीज से भंडारी कंपाउंड तक जहां हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए, वहीं जगह-जगह उसकी आरती उतारकर आतिशबाजी की गई। यूपी के रहने वाले परवेज खान साइकिल के पंचर बनाते हैं। उन्होंने तय किया कि वे अपने तीनों बेटों को सेना में भेजेंगे। उनके इस सपने को पूरा करने में उनकी पत्नी ने भी उनका साथ दिया।

NCC कैडेट बेटे की मौत के बाद दोनों बेटों को सेना में भेजने की ठानी-


परवेज का एक बेटा बीएनएन कॉलेज में एनसीसी का कैडेट था। थल सेना में जाने की तैयारी के दौरान ही एक दुर्घटना में उसकी मौत हो गई। लेकिन परवेज ने हार नहीं मानी। उन्होंने दोनों बेटों के साथ बेटी को भी सेना में भेजने की ठान ली थी। उनके बड़े बेटे शहबान खान की 2015 में थल सेना में नियुक्ति हुई।

वहीं 2020 में उनके छोटे बेटे रहमान खान की नियुक्ति थल सेना में हुई। जिसका भिवंडी में जोरदार स्वागत किया गया। इस दौरान विधायक महेश चौघुले, मनपा सभागृह नेता सुमित पाटील एवं यशवंत टावरे आदि मौजूद रहे।