Success Story: 100 रुपये की दिहाड़ी करने वाले मजदूर का बेटा बना मर्चेंट नेवी ऑफिसर
 

इंसान अपनी मेहनत और लगन के दम पर कुछ भी कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे है 100 रुपये की दिहाड़ी करने वाले मजदूर का बेटा आज मर्चेंट नेवी ऑफिसर बन गया है। नितेश को अपने लिए कोई  मार्गदर्शन नहीं मिला था तो ऐसे में उन्होंने अपने मार्गदर्शक के रूप में इंटरनेट का उपयोग करके शिक्षा से रोजगार तक का अपना सफर पूरा किया है। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी। 

 

HR Breaking News, Digital Desk- महाराष्‍ट्र के वाशिम जिले में एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने दिखा दिया है कि मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल करना मुश्किल नहीं है. मर्चेंट नेवी में इलेक्ट्रो टेक्निकल ऑफिसर के पद पर नौकरी पाकर नितेश ने अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के बाद भी नितेश  के पिता चंद्रकांत जाधव ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए दिन-रात जी तोड़ मेहनत की और उन्हें आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाया.  


वाशिम ज़िले के कारंजा शहर के शिवाजी नगर के नितेश चंद्रकांत जाधव ने हाल ही में इलेक्ट्रो टेक्निकल ऑफिसर के पद के लिए परीक्षा उत्तीर्ण की है. वह जून में अपना पद ग्रहण करेंगे. नितेश के पिता चंद्रकांत जाधव कारंजा शहर की उपजमंडी में जो काम मिला वह करते है. 

नितेश ने अपनी प्राथमिक शिक्षा कारंजा के नगरनिगम स्कूल में पूरी करने के बाद इलेक्ट्रिकल में B.E. की डिग्री हासिल की और अन्य लोगों की तरह, सरकारी नौकरी पाने के लिए अपने प्रयास शुरू किए. हालांकि, पिछले दो वर्षों से कोरोना संकट के कारण सरकारी सेवा में नौकरी पाना मुश्किल था. उन्होंने सितंबर 2021 में इलेक्ट्रो टेक्निकल ऑफिसर पद के लिए परीक्षा दी और उसमें 81 प्रतिशत अंक प्राप्त किए.

 नेवी मर्चेंट में इस नौकरी के लिए अब उन्हें प्रति माह अच्छा वेतन मिलेगा और जहाज पर बिजली का काम करना होगा. इसके लिए उन्हें कोई मार्गदर्शन नहीं मिला और उन्होंने अपने मार्गदर्शक के रूप में उन्‍होंने इंटरनेट का उपयोग करके शिक्षा से रोजगार तक का अपना सफर पूरा किया. 

नितेश ने साबित कर दिया है कि इंसान अगर ठान ले तो हालात पर हावी होकर आसमान की बुलंदियों तक पहुंच सकता है. नितेश के पिता चंद्रकांत जाधव भी अपने बेटे की कामयाबी पर खुश है और फक्र महसूस करते हैं. बेटे के चयन पर उन्‍होंने कहा, ''(हिंदी अनुवाद) मैं दिहाड़ी मजदूर हूं. मेरे बच्चों को मैंने अच्छी शिक्षा दी है.

मेरे बेटे नितेश ने नेवी की परीक्षा पास की है जिसका मुझे और मेरे शहर वासियों को अभिमान है". नितेश के बड़े भाई पुणे में हनिवेल ऑटोमेशन कंपनी में अच्छे पर हैं और छोटा भाई बीएएमएस (BAMS) के तृतीय वर्ष में है.