UPSC : पढ़ाई के लिए घर खेत सब रखा गिरवी, बाद में IAS की परीक्षा देकर किया कमाल 
 

 IAS : आपने UPSC की बहुत सी सक्सेस स्टोरी सुनी होगी। लकिन क्या आपने कभी ऐसी स्टोरी सुनी है जिसने कामयाब होने के लिए अपना घर, खेत सब गिरवी रख दिया हो फिर परीक्षा पास की हो। आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी सुनाने जा रहे हैं खबर को पूरा पढ़ें। 

 

HR Breaking News : ब्यूरो : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में सफलता हासिल कर भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी या भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी बनने के लिए युवा दिलो-जान लगा देते हैं। उस पद पर पहुंचने वाले ज्यादातर युवाओं की अपनी एक कहानी होती है। कहानी मेहनत, संघर्ष और दृढ़ इरादों की। ऐसी ही एक कहानी हम आज आपको बता रहे हैं।

जानिए कहानी है माधव गिट्टे की


 madhav जिन्होंने upsc exam में 210वीं रैंक हासिल की। आइए इनके बारे में पढ़ते हैं सब कुछ माधव महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के रहने वाले हैं। वे अपने माता-पिता और भाई-बहनों के साथ खेती-बाड़ी में हाथ बंटाते थे। आर्थिक तंगी की वजह से वह दूसरों के खेतों में भी मजदूरी किया करते थे। उनके पास स्कूल फीस तक जमा करने के पैसे नहीं होते थे।


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जब वे कक्षा दसवीं में थे उनकी मां को कैंसर की बीमारी हो गई। इलाज कराने के बाद भी यह घातक बिमारी ठीक नहीं हुई। माधव जब ग्यारहवीं कक्षा में थे, उस समय उनकी मां का निधन हो गया। 22 किलोमीटर दूर साइकिल से जाते थे स्कूल आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवार के लिए यह एक बड़ा नुकसान था। उस समय उनका परिवार बिखरने लगा।मां के जाने के बाद उन्हें पूरी तरह से खेतों में काम करने उतरना पड़ा। जिसकी वजह से उनकी पढ़ाई रुक गई।


कुछ समय बाद उन्होंने एक सरकारी स्कूल से बारहवीं का फार्म भरा।माधव को स्कूल जाने के लिए रोज साइकिल से कम से कम 22 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता था।उनके 12वीं में 56 प्रतिशत अंक थे। इलिए, कॉलेज पढ़ने के लिए पैसे नहीं होने की वजह से उन्होंने कुछ ऐसी पढ़ाई करने की ठानी जिससे उन्हें जल्द ही कोई नौकरी मिल जाए।खेत गिरवी रखकर भरी फीस


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उसी समय पास ही के एक कॉलेज में बहुत कम फीस में एक डिप्लोमा कोर्स लांच हुआ। किसी तरह से पैसे जोड़कर उन्होंने फीस जमा की और बहुत अच्छे अंकों से डिप्लोमा पूरा किया। उसके बाद मन में और पढ़ने की इच्छा हुई, लेकिन पैसे की समस्या अभी भी वहीं की वहीं थी।

बाद में ऐसी कुछ स्थितियां बनीं कि उन्हें पुणे के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन मिल रहा था। पहले साल की फीस खेत गिरवी रखकर और कुछ उधार लेकर जमा की। बाकी सालों की फीस के लिए खेत और घर गिरवी रखने पड़े और कर्ज भी बढ़ गया था। इस तरह से माधव ने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और बाद में एक अच्छी कंपनी में नौकरी भी मिली।नौकरी मिलने के बाद माधव ने सारे लोन चुकाने शुरू कर दिए और गिरवी रखे हुए घर, खेत आदि छुड़ाए।


इस बीच किसी ने उन्हें यूपीएससी टॉपर का इंटरव्यू दिखाया और वे इसी तरफ खिंचने लगे। लगातार दो महीने उन्होंने परीक्षा के बारे में पूरी जानकारी ली और इस क्षेत्र में आने का ठाना। मस्या अभी भी पैसे की ही बनी हुई थी। माधव उस वक्त नौकरी छोड़ते तो पढ़ाई कैसे करते क्योंकि सारी कमाई कर्ज चुकाने में चली गई थी।फिर उनके कुछ दोस्तों ने उनकी पढ़ाई के लिए हर तरह से मदद की।


अपने दोस्तों की सहायता से माधव ने दिल्ली जाकर यूपीएससी की तैयारी की। पहली बार में उन्हें निराशा हाथ लगी। उसके बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी। साल 2017 में उनका प्री क्लियर नहीं हुआ।2018 में वे इंडियन ऑडिट और एकाउंट्स सर्विस के लिए सेलेक्ट हुए पर वे आईएएस ही बनना चाहते थे। खिरकार 2019 में उन्हें सफलता हासिल हुई और आईएएस का पद मिला। धव यही सलाह देते हैं कि कोई भी परेशानी आपकी सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती, जरुरत है तो अपने अंदर केवल दृढ़ निश्चय औऱ सपने को पूरा करने की इच्छाशक्ति की।