Success Story : कभी करते थे वेटर की नौकरी फिर इस तरह बन गए IAS अफसर

IAS K Jayaganesh : वैसे तो सफलता की हर कहानी हमें प्रेरित करती हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स की कहानी बताने वाले हैं। जिसने अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए एक मूवी थिएटर में बिलिंग क्लर्क के रूप में काम करते किया और इसके साथ ही उन्होंने एक होटल में वेटर का भी काम किया हैं। लेकिन आज अपनी कड़ी मेहनत और लगन से IAS अफसर बन गए हैं। तो जानिए आईएएस के जयगणेश की सफलता (IAS K Jayaganesh ki Success story) की पूरी कहानी...
 

HR Breaking News, Digital Desk - Success story of Jaiganesh of IAS : दरअसल, भारत में सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले ज्यादातर उम्मीदवार आईएएस, आईपीएस या आईएफएस अधिकारी (IAS, IPS or IFS officers) बनना चाहते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि इन अधिकारियों का आचरण, ज्ञान, काम, सब कुछ बाहर से बहुत भव्य दिखता है, लेकिन जो चीज हम अक्सर नहीं देख पाते हैं वह है यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC civil services exam) पास करने और फिर अपने पद पर काम करने के लिए किए गए प्रयास। हैं। उनकी मेहनत पूरी हो गई है।

आपको बता दें कि केवल अटूट फोकस और समर्पण वाला व्यक्ति ही भारत की इस सबसे कठिन भर्ती परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकता है। आज हम आपको एक ऐसे ही आईएएस अधिकारी (ias k jayaganesh ki succcess story) के बारे में बताएंगे, जिन्होंने जीवन में कई परेशानियों का सामना किया लेकिन अंत में अपना सपना पूरा करके सफलता हासिल की।

तो आज हम बात कर रहे हैं आईएएस के जयगणेश (IAS K Jayaganesh) की, जिन्होंने अपने फोकस और कड़ी मेहनत से लाखों लोगों के लिए एक मिसाल कायम की है. बता दें कि जयगणेश के घर की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी, उन्हें कुछ समय के लिए एक होटल में वेटर के रूप में भी काम करना पड़ा था, लेकिन साल 2008 में उन्होंने ऑल इंडिया 156वीं रैंक के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (upsc civil services exam) उत्तीर्ण कर ली थी।

जानकारी के लिए बता दें कि जयगणेश ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गांव में पूरी की थी. इसके बाद उन्हें एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में दाखिला मिल गया था. इसके बाद उन्होंने थांथी पेरियार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Thanthi Periyar Institute of Technology) में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई (study of mechanical engineering) की. लेकिन एक अच्छी नौकरी पाने के लिए ये दो डिग्रियों पर्याप्त नहीं थीं. जबकि, उन्हें अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए नौकरी की सख्त जरूरत थी. इसलिए उन्होंने एक मूवी थिएटर में बिलिंग क्लर्क की नौकरी करने का फैसला किया. उन्होंने एक होटल में वेटर के रूप में भी काम किया. हालांकि ये नौकरियां उन्हें एक स्थिर आय दे रही थीं, लेकिन यह उसके परिवार के भरण-पोषण के लिए पर्याप्त नहीं थी।

जयगणेश जल्दी ही समझ आ गए कि अच्छी आमदनी के लिए उन्हें बेहतर नौकरी की जरूरत है. इसके साथ ही वह एक आईएएस अधिकारी (IAS officer) भी बनना चाहते थे। बहुत सोचने के बाद आखिरकार उन्होंने अपनी छोटी-मोटी नौकरियां छोड़ दीं और अपने सपने पूरे करने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया।

जब जयगणेश 6 बार यूपीएससी परीक्षा (UPSC exam) में बैठे, तो वो सफल नहीं हो सके। लेकिन साल 2008 में उन्हें इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) में पद मिला। अधिकांश लोग ऐसी प्रतिष्ठित नौकरी पाने के बाद काफी खुश होते, लेकिन जयगणेश ने इसके बाद खुद को एक बड़ी दुविधा में पाया क्योंकि उनका सपना एक आईएएस अधिकारी (IAS officer) बनना था।

जयगणेश ने काफी सोचने के बाद 7वीं बार यूपीएससी परीक्षा (7th time UPSC exam) देने का फैसला किया और इस बार उन्होंने साल 2008 में ऑल इंडिया 156वीं रैंक के साथ परीक्षा पास की और आखिरकार आईएएस अधिकारी (IAS officer) बन गए।