Alcohol : व्हिस्‍की, वोदका, रम, वाइन, बीयर पीने वाले जान लें क्या है इनमें अंतर

जो लोग शराब पीने का शौक रखते हैं वो एक तय ब्रांड ही पीना पसंद करते हैं। लेकिन कुछ लोग व्हिस्‍की, वोदका, रम, वाइन, बीयर सभी को एक ही चीज मानते हैं। लेकिन आपको बता दें कि ये सभी अलग-अलग ब्रांड है और सभी टेस्ट का भी फर्क होता है और नशा में भी अंतर होता है। चलिए नीचे खबर में जानते हैं इनके अंतर के बारे में-
 

HR Breaking News (ब्यूरो)। शराब के शौकीन लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि रम, वोदका, वाइन, बीयर और व्हिस्की में क्या अंतर होता है. वहीं, कुल लोग शौकिया कभी-कभार शराब पीते हैं. ऐसे लोग ज्‍यादातर बार अपना तय ब्रांड ही इस्‍तेमाल करते हैं. अमूमन ऐसे लोगों को शराब के अलग-अलग प्रकारों की जानकारी कम ही होती है. वहीं, जो लोग शराब कभी नहीं पीते, उन्‍हें इनके बारे में जानकारी होना थोड़ा मुश्किल ही होता है. फिर भी कुछ लोग ना पीते हुए भी इनके बारे में काफी जानकारी रखते हैं।

रम में अल्कोहल की मात्रा काफी ज्‍यादा रहती है. रम में 40 प्रतिशत से ज्यादा अल्कोहल रहता है. वहीं, इसकी कीमत भी काफी कम रहती है. ज्‍यादातर लोग रम को सर्दियों में पीना पसंद करते हैं. रम को बनाने के लिए पहले गन्‍ने के रस का फर्मंटेशन किया जाता है. इसके बाद इसका डिस्टिलेशन किया जाता है. जले हुए ओक या लकड़ी के बैरल में रम को कुछ समय के लिए रखने से रंग गहरा और स्वाद ज्‍यादा तीखा हो जाता है. कई बार रम में रंग और स्वाद के लिए गुड़, जली हुई चीनी या कारमेल मिलाया जाता है।

पानी की तरह पारदर्शी दिखने वाली वोदका में 60 फीसदी तक अल्कोहल होता है. इसलिए इसका असर तेजी से होता है और काफी देर तक रहता है. रूस और ईस्‍ट यूरोप में इसका उत्पादन सबसे ज्‍यादा होता है. वोदका को अनाज और शीरे से बनाया जाता है. वोदका को किसी भी स्‍टार्च या चीनी संयंत्र में बनाया जा सकता है. आजकल सबसे ज्‍यादा वोदका अनाज, चारा, मकई या गेहूं से बनाई जाती है. अनाज के मामले में गेहूं से बनी वोदका को सबसे बेहतर माना जाता है।

वाइन रेड और वाइट कलर में आती है. इसमें अल्कोहल की मात्रा कम होती है. इसका स्‍वाद काफी हल्‍का होता है. इसमें 9 से लेकर 18 फीसदी तक अल्कोहल रहता है. इसे बनाने के लिए अंगूर का सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल किया जाता है. रेड वाइन लाल या काले अंगूर के पल्प से बनती है. इसका अंगूर के छिलके के साथ फर्मेंटेशन किया जाता है. व्हाइट वाइन को फर्मेंटिंग जूस से तैयार बनाया जाता है. इसके लिए अंगूर का रस निकाला जाता है. इसमें छिलकों का कोई इस्‍तेमाल नहीं होता है।

व्हिस्की गेहूं और जौ जैसे अनाज से तैयार की जाती हैं. इसमें 30 से 65 फीसदी तक अल्कोहल रहता है. आमतौर पर व्हिस्की में 40 फीसदी अल्कोहल रखा जाता है. व्हिस्की का सबसे ज्‍यादा यूरोप में होता है. इसे बनाने के लिए जौ या गेहूं के अंकुरण से मिलने वाले माल्‍ट के फर्मंटेशन के बाद मिलने वाले घोल के डिस्टिलेशन से बनाई जाती है. कुछ व्हिस्‍की को बनाने के लिए जौ, गेहूं या राई को पीस कर पानी व खमीर के साथ मिलाया जाता है।

बीयर को जौ, चावल और मक्का से बनाई जाता है. तीनों के मिश्रण को गर्म पानी में भिगोया जाता है. मैश करने के दौरान इसमें से तरल निकाला जाता है. इसे हॉप्स के साथ मिलाकर उबाला जाता है. फिर इसे ठंडा किया जाता है. इसके बाद इसमें शीरा मिलाकर इसका पहले फर्मंटेशन और फिर डिस्टिलेशन किया जाता है. इसमें अधिकतम 10 फीसदी अल्‍कोहल होता है. इसलिए इसका असर भी हल्‍का ही रहता है. हालांकि, ज्‍यादा मात्रा में लेने पर इससे भी बहुत नशा हो सकता है।