UP Liquor Sales : शराब पीने के मामले में यूपी के ये 2 जिले सबसे आगे, दिल्ली को भी छोड़ा पीछे

UP Liquor Sales : वैसे तो देश के कोने-काेने में शराब के शौकिन है। लेकिन शराब पीने के मामले में अब द‍िल्‍ली और एनसीआर के लोग भी पीछे नहीं हैं। खासकर द‍िल्‍ली से सटे यूपी के कई ज‍िलों में तो र‍िकॉर्ड तोड़ शराब खरीदी जा रही है। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक बता दे कि शराब पीने के मामले में यूपी के ये दो जिले सबसे आगे है। 
 

HR Breaking News, Digital Desk- देश के हर कोने में शराब के शौकीन लोग मिल जाएंगे. लेकि‍न अगर बात स‍िर्फ शराब पीने वाले लोगों की बड़ी संख्या की जाए तो देश के अलग-अलग राज्यों में इनकी संख्या भी अलग-अलग ही है. एक रिपोर्ट के मुताब‍िक पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान देशभर में लोगों ने करीब 40 करोड़ शराब की पेटियां खरीदी थीं. इसका औसतन न‍िकाला जाए तो वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान शराब के शौकीनों ने 750 एमएल की करीब 4.75 अरब बोतलें खरीदी थीं.

लेक‍िन शराब पीने के मामले में अब द‍िल्‍ली और एनसीआर के लोग भी पीछे नहीं हैं. खासकर द‍िल्‍ली से सटे यूपी के कई ज‍िलों में तो र‍िकॉर्ड तोड़ शराब खरीदी जा रही है. इसके चलते उत्‍तर प्रदेश में लोग हर रोज करीब 115 करोड़ रुपये की शराब और बीयर गटक जा रहे हैं.

यूपी में खपत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी-

यूपी सरकार के आबकारी व‍िभागों के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो ज‍िस तरह से जनसंख्‍या के आधार पर उत्‍तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्‍य है. उसी तरह से यहां पर शराब की खपत भी सबसे ज्‍यादा हुई है. पिछले कुछ सालों के दौरान यहां पर शराब की खपत में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. आबकारी विभाग के आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हर रोज शराब की खपत 10-10 करोड़ रुपये से ज्यादा की है.

115 करोड़ को पार कर गई है हर दिन की बिक्री-
मीड‍िया र‍िपोर्ट्स के मुताब‍िक आंकड़ों के अनुसार पूरे राज्य में शायद ही कोई ऐसा जिला होगा जहां पर शराब और बीयर की हर रोज ढाई-तीन करोड़ रुपये से कम की ब‍िक्री हो. पिछले कुछ सालों के दौरान राज्य में शराब की खपत तेजी से बढ़ी है. सिर्फ 2 साल पहले राज्य में शराब की औसत खपत हर रोज करीब 85 करोड़ रुपये की थी. लेक‍िन अब यह 115 करोड़ को पार कर गई है.

नोएडा और गाजियाबाद अव्‍वल-
व‍िभाग के अधिकार‍ियों की माने तो यूपी के कई ऐसे जिले हैं, जहां शराब की हर रोज र‍िकॉर्ड 12-15 करोड़ रुपये की ब‍िक्री हुई है. सबसे ज्यादा शराब की खपत करने वाले जिलों को देखें तो नोएडा और गाजियाबाद अव्‍वल हैं. इन दो जिलों में हर रोज 13 से 14 करोड़ रुपये की शराब व बीयर की खपत हो रही है. इसी तरह से मेरठ और कानपुर भी कुछ ज्यादा पीछे नहीं हैं. मेरठ के लोग हर रोज करीब 10 करोड़ रुपये तो कानपुर में हर रोज 8 से 10 करोड़ रुपये की शराब लोग खरीद रहे हैं. वाराणसी भी कुछ कम नहीं है. यहां पर भी लोग 6-8 करोड़ रुपये की शराब हर रोज गटक जा रहे हैं.

बात अगर ताज नगरी आगरा ज‍िले की करें तो यहां के लोग भी शराब के कुछ कम शौकीन नहीं है. टूर‍िस्‍ट भी यहां खूब आते हैं. इसका भी बड़ा ह‍िस्‍सा इसकी खपत में माना जाता है. आगरा में औसतन हर रोज करीब 12-13 करोड़ रुपये की शराब की खपत होती है. लखनऊ जिले में भी इसका आंकड़ा 10-12 करोड़ रुपये का दैन‍िक स्‍तर पर र‍िकॉर्ड हुआ है.

अध‍िकारियों का दावा है क‍ि प‍िछले 2-3 सालों के दौरान राज्य के करीब-करीब सभी जिलों में शराब और बीयर पीने वाले शौकीनों की संख्‍या में इजाफा हुआ है. शराब की खपत के कुल आंकड़े में 45 से 50 फीसदी ह‍िस्‍सेदारी देसी शराब पीने वालों की रही है. शराब की र‍िकॉर्ड ब‍िक्री हर कैटेगरी में दर्ज की गई है. लोगों ने प्रीमियम यानी अधिक कीमत वाली शराब की खरीदारी में भी खूब द‍िलचस्‍पी द‍िखाई है.