Whiskey : शराब पीने वालों की 150 साल से फेवरेट बनी हुई है ये भारतीय व्हिस्की, हर कोई इसका दीवाना

Best Whisket in India - शराब पीने का शौंक रखने वालों को जब भारत की इस व्हिस्की का नाम सुनता है तो चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। दरअसल, पिछले 150 सालों से भारत की ये व्हिस्की (Best Liquor in India) पीने वालों की फेवरेट बनी हुई है। एक रिपोर्ट में पता चला है कि इस व्हिस्की (Whiskey) का नाम पड़ोसी शहर के नाम पर रखा गया है। बताया जाता है कि इस व्हिस्की को कुछ खास चीजों से बनाया जाता है जिसकी वजह से इसका टेस्ट पीने वालों को खूब पसंद आता है। चलिए जानते हैं ये व्हिस्की कहां बनाई जाती है और कैसे तैयार की जाती है-  

 

HR Breaking News (ब्यूरो)। India Best Whiskey - व्हिस्की एक ऐसी ड्रिंक है जो दुनिया भर में लोकप्रिय है. व्हिस्की, नाम से ही पीने के शौकीन लोगों के चेहरे खिल उठते हैं. ऐसी ही एक व्हिस्की है सोलन नंबर वन. सोलन नंबर वन को भारत में सबसे दुर्लभ व्हिस्की में से एक माना जाता है. इस हिमालयन स्पिरिट को कसौली डिस्टिलरी में बनाया जाता है, जहां लोकप्रिय ओल्ड मॉन्क रम भी बनती. इसका नाम इसी नाम के एक पड़ोसी शहर के नाम पर रखा गया है. मोहन मीकिन के स्वामित्व वाली यह 1820 के बाद से हिमालय की तलहटी में मौजूद सबसे पुरानी डिस्टिलरीज में से एक है.

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यह सबसे पुरानी मौजूदा भट्टियों में से एक में बनाई गई समृद्ध शहद-रंग वाली माल्ट व्हिस्की है. इसे पहली बार बेहतरीन अनाज और परिपक्व माल्ट स्पिरिट के मिश्रण से तैयार किया गया था. व्हिस्की आमतौर पर अनाज के मिश्रण से बनाई जाती है, जिसमें जौ, मक्का, राई और गेंहू शामिल होते हैं. इस ब्रांड की सोशल मीडिया पर मौजूदगी न के बराबर है. वह सीमित क्षेत्रों में अपनी व्हिस्की की बोतलें बेचने के लिए केवल मौखिक विज्ञापन पर निर्भर है.

कभी था सबसे ज्यादा बिकने वाला ब्रांड

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अभी हाल तक यह भारत में सबसे ज़्यादा बिकने वाली भारतीय व्हिस्की रही है. हालांकि शराब के अन्य बड़े ब्रांडों से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण 1980 दशक के बाद से इसकी बिक्री में गिरावट आई है. 1835 से कसौली ब्रूअरी लगातार सोलन नंबर 1 का उत्पादन कर रही है, जो पहले सोलन ब्रूअरी में उत्पादित होती थी. यह हिमालय में अभी भी उत्पादित होने वाली एकमात्र माल्ट व्हिस्की है.


विशिष्ट स्वाद


एक रिपोर्ट के अनुसार यदि एडवर्ड डायर और एच.जी. मीकिन को एक टाइम मशीन में हिमाचल प्रदेश में क्रमशः कसौली और सोलन में उनके पूर्व शराब ब्रुअरीज और बॉटलिंग संयंत्रों में ले जाया जा सकता, तो उन्हें चीजें बिल्कुल वही मिलेंगी. जैसे कि परिसर का समय परिधि के भीतर स्थिर हो गया हो. बेशक, उनके संयुक्त उद्यम, डायर मीकिन एंड कंपनी, का नाम 1949 में प्रबंधन भारतीय हाथों में आने के 17 साल बाद मोहन मीकिन ब्रुअरीज लिमिटेड रखा गया. यह 1980 में मोहन मीकिन लिमिटेड बन गया. सोलन नंबर वन उनका प्रीमियम उत्पाद है. इस उत्पाद ने 150 से अधिक वर्षों से सोलन में स्थित प्राकृतिक झरने का पानी का इस्तेमाल जारी रखा है, जिससे विशिष्ट स्वाद बरकरार है.


कैसे टिकी हुई है प्रतिस्पर्धा में


सोलन नंबर वन के साथ यह विरोधाभास है कि इतना पुराना ब्रांड कोई बड़ा बदलाव न करने के बावजूद इतनी कड़ी प्रतिस्पर्धा में कैसे टिक पाता है? उसकी यह खूबी सीधे-सीधे किसी भी तर्क को परास्त कर देती है. कसौली में, जहां डायर ने एक शराब की भठ्ठी की स्थापना की अब यह एक आसवनी है जो माल्ट स्पिरिट का उत्पादन करती है. पूरी प्रक्रिया, जिसमें परिपक्व कक्ष भी शामिल है जहां ओक पीपों को संरक्षित किया जाता है. वहां ज्यादातर वही पुरानी चीजें हैं जब कंपनी का अधिग्रहण 1949 में एन.एन मोहन द्वारा किया गया था.

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‘सबसे कम कीमत’


19वीं शताब्दी में मोहन मीकिन का मंत्र अपने उत्पादों के लिए ‘सबसे कम कीमत’ पर था और यह अभी भी जारी है. सोलन नंबर 1 की दिल्ली में 750 एमएल की बोतल की कीमत लगभग 700 रुपये है. 150 साल पहले, बिक्री योग्यता को पेय की अपने वफादारों को जगाने की क्षमता पर छोड़ दिया गया था. इसलिए, प्रतिस्पर्धा बढ़ने के बावजूद, इसे किसी तरह के विज्ञापन या मार्केटिंग का समर्थन नहीं है. भारत की सबसे पुरानी शराब कंपनी के इतिहास में सोलन नंबर वन ने एक नया अध्याय लिखा है. मोहन मीकिन का एक ही लक्ष्य रहा है, “उपभोक्ताओं को बेहतर व्हिस्की प्रदान करना.” और वह अपने दायित्व को बखूबी निभा रहा है.