UP Election : CM Yogi की गर्मी निकालने वाले बयान पर भड़के कांग्रेस नेता, कहा- कोई उनकी गर्मी न निकाल दे
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कटाक्ष करते हुए पूछा है "योगी आदित्यनाथ ये बताए कि वे गर्मी को किस तरह से निकालेंगे। ऐसा न हो कोई उनकी गर्मी निकाल दे, हमने उनको लोकसभा में रोते हुए देखा है।"
UP Assembly Election 2022: यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में एक हफ्ते रह गए हैं। यही कारण है कि सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। ऐसे में बयानबाजी का दौरा भी जारी है।
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'गर्मी शांत' करने वाले बयान की हर तरफ चर्चा हो रही है और विपक्षी नेता भी उनको जवाब दे रहे हैं। इस कड़ी में कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कटाक्ष करते हुए पूछा है "योगी आदित्यनाथ ये बताए कि वे गर्मी को किस तरह से निकालेंगे?"
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यही नहीं राशिद अल्वी ने यह भी कहा "ऐसा न हो कोई उनकी गर्मी निकाल दे, हमने उनको लोकसभा में रोते हुए देखा है।" गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हापुड़ में कहा था "ये गर्मी जो अभी कैराना और मुजफ्फरनगर में कुछ जगह दिखाई दे रही है न, ये सब शांत हो जाएगी।
क्योंकि मैं जानता हूं ये गर्मी कैसे शांत होगी, मैं मई और जून में भी इसको शिमला बना देता हूं।" उन्होंने कहा था कि पेशेवर अपराधी और माफिया चुनाव के दौरान धौंस दिखाने का प्रयास करेंगे, लेकिन 10 मार्च के बाद इनके गले में तख्ती लटकती हुई दिखाई देगी। ये लोग किसी थाने की चौखट पर 'बख्श दो' की भीख मांगते हुए दिखाई देंगे।
क्यों रोए थे योगी आदित्यनाथ
आपको बता दें कि 2006 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के सांसद थे। उसी दौरान लोकसभा में भाषण देते हुए रोने लगे थे। उन्होंने तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके खिलाफ षड्यंत्र की जा रही है और उन्हें जान का खतरा है।
गोरखपुर जाते हुए शांति भंग करने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और जिस मामले में उन्हें सिर्फ 12 घंटे बंद रखा जा सकता था, उस मामले में 11 दिन जेल में रखा गया।
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उन्होंने कहा था कि "क्या मैं इस सदन का सदस्य हूं या नहीं। अगर ये सदन मुझे संरक्षण नहीं दे सकता तो मैं इसे छोड़कर जाना चाहता हूं। मैंने अपने जीवन से संन्यास अपने समाज के लिए लिया था। मैंने अपने परिवार और मां-बाप को छोड़ा, इसके बावजूद राजनीतिक पूर्वाग्रह के लिए मुझे अपराधी बनाया।
ये सब इसलिए हुआ क्योंकि मैंने वहां पर भ्रष्टाचार के मामले उठाए और भारत-नेपाल सीमा पर आईएस और राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ आवाज उठाई। सदन का बराबर ध्यान इस समस्या की ओर दिलाता रहा। वहां की भूखमरी के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इसलिए मेरे खिलाफ मामले बनाए जा रहे हैं।"
यहां पर आपको बताते चलें कि राशिद अल्वी भी अपने बयानों से कई बार विवादों में रह चुके हैं।
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