Car Tips : कार मालिकों को जरूर पता होनी चाहिए टायर घिसने से जुड़ी ये 3 बातें
HR Breaking News (ब्यूरो)। कार के टायर को समय-समय पर चेक करना महत्वपूर्ण है. इससे आपको कई तरह की जानकारी मिलती है, जैसे कि टायर प्रेशर, टायर की स्थिति या टायर कितना घिसा है. टायर का घिसाव (tire wear) कई कारकों से प्रभावित होता है, जैसे कि आपकी ड्राइविंग शैली, सड़क की स्थिति, टायर का रखरखाव, व्हील एलाइनमेंट, सस्पेंशन या शॉकर्स और एयर प्रेशर आदि. चलिए, एक-एक करके टायर घिसने की अलग-अलग सिचुएशन्स के बारे में समझते हैं.
किनारों से टायर घिसना
यदि आप देखते हैं कि आपकी कार का टायर (car tire) बाहर की तरफ (किनारे पर) से या फिर अंदर की तरफ (किनारे पर) से ज्यादा घिस रहा है, तो समझ जाइए कि टायर एलाइनमेंट में समस्या है. इस स्थिति में टायर किनारों की तरफ से ज्यादा घिसते हैं. ऐसे में आपको टायर एलाइनमेंट सही कराना चाहिए.
छोटे-छोटे हिस्सों में टायर घिसना
कभी-कभी टायर के घिसाव में विशिष्ट पैटर्न देखा जा सकता है, जिसमें टायर के कुछ हिस्से अधिक घिसे हुए होते हैं, जबकि अन्य हिस्से कम घिसे हुए होते हैं. यह शॉकर्स के खराब होने का संकेत हो सकता है. जब शॉकर्स खराब हो जाते हैं, तो वह झटकों को सही से अवशोषित नहीं करते हैं.
इससे सड़क के गढ्ढे टायरों को ज्यादा प्रभावित करते हैं. इससे टायरों के कुछ हिस्सों पर अधिक घर्षण होता है, जिससे वह असमान रूप से घिसने लगते हैं.
बिल्कुल बीच से टायर घिसना
टायर के घिसाव की एक और स्थिति होती है, जिसमें टायर बीच से ज्यादा घिसता है. यदि आपकी कार का टायर बीच से ज्यादा घिस रहा है, तो इसका मतलब है कि आप टायर में सही एयर प्रेशर नहीं रखते हैं और कम एयर प्रेशर के साथ कार चलाते हैं. टायर में कम एयर प्रेशर होने पर टायर के बीच का हिस्सा अधिक घिसता है.
