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1 Rupee Coin : आज जानिये एक रुपये का सिक्का, किसने और कब बनाया

1 rupee coin : आप सब ने एक रूपये का सिक्का देखा होगा, लेकिन क्या आप जानते है कि एक रूपये का सिक्का कब और किसने बनाया, अगर नही जानते तो आइये खबर में जानते है इसके बारे में विस्तार से।

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1 Rupee Coin : आज जानिये एक रुपये का सिक्का, किसने और कब बनाया

HR Breaking News (नई दिल्ली)। शादी के लिफाफे के लिए एक रुपए का सिक्का या नोट ढूंढने वाले दिन याद हैं? तब से अब तक ये रुपया चला आ रहा है और चलता ही जाएगा.. क्यों? क्योंकि, इसके दम के आगे 500 रुपए का नोट भी छोटा है. अगर 500 में 1 ना लगे तो शगुन भी पूरा नहीं होता जनाब... किसी प्रोडक्ट के प्राइस टैग को ही देख लें. हर जगह एक रुपए की अहमियत काफी ज्यादा दिखाई पड़ती है. शगुन में भी यही कमाल है जैसे 11, 21, 51, 101, 501. वहीं प्राइस टैग्स में कितना भी बड़ा अमाउंट हो उसमे से एक रुपए ज़रूर कम होता है जैसे 49, 99, 499, 999, 9999. लेकिन, आपने कभी ये सोचा कि आखिर सबसे पहली बार 1 रुपए का सिक्का बनवाया किसने था? आइये आज जानते हैं कहां से हुई थी शुरुआत और किसने इसे गड़वाया...

किसने की 1 रुपए के सिक्के की शुरुआत?

उत्तरी भारत के शासक, सूर डायनेस्टी के फाउंडर शेर शाह सूरी ने 1542 में शुद्ध चांदी के सिक्के बनवाये थे, और उनको नाम दिया था रुपया. जो की संस्कृत शब्द रौप्य से आता है, जिसका अर्थ होता है चांदी. यह सिक्का मुग़लों से लेकर मराठा, ईस्ट इंडिया कम्पनी और ब्रिटिश राज तक के समय में भी प्रचलित रहा. रुपए को 1835 तक ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा जारी रखा गया था और 1947 तक ब्रिटिश राज के करेंसी सिस्टम का बेसिक यूनिट बना. प्रत्येक सिक्के का वजन 178 ग्रेन (11.5 ग्राम) हुआ करता था. उस समय 40 ताम्बे के टुकड़े मिलकर एक रुपया बनाते थे. उन ताम्बे को टुकड़ों को शेर शाह सूरी ने पैसा का नाम दिया था. 

अब कौन करता है 1 रुपए के सिक्के की ढलाई?

आज़ादी मिलने के बाद 1950 तक भारत ने उन्हीं मुद्राओं का इस्तेमाल किया जो ब्रिटिश राज में होता आया था. 1950 में पहली बार भारत ने अपनी नई मुद्राओं को इंट्रोड्यूस किया. 1947 से 1957 तक एक रुपया में 16 आने हुआ करते थे. साथ ही एक आने में 4 पैसे होते थे. फिर उसके बाद से 1 रुपए को 100 पैसों में विभाजित किया गया.

कहां ढ़ाले जाते हैं सिक्के?

उसके बाद से आज तक 1 रुपए के सिक्कों की भारत के चार मिंट में ढलाई होती है- हैदराबाद, नॉएडा, कोलकाता, और मुंबई. जिन एक रुपए के सिक्कों पर तारा बना होता है, वो हैदराबाद मिंट के बने होते हैं. जिन एक रुपए के सिक्कों पर खाली स्माल डॉट बना होता है उनकी ढलाई नॉएडा मिंट में हुई होती हैं. कोलकाता मिंट भारत का पहला मिंट था और यहां के सिक्कों पर कोई भी निशान नहीं बना होता हैं. वहीं मुंबई की मिंट में ढले हुए सिक्कों पर छोटा डॉट, B, M, या डायमंड का निशान बना होता हैं. 

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