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1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 18 फिसदी की बढ़ौतरी, DA होगा 58 प्रतिशत

DA Hike Updates : इस महंगाई के जमाने में केंद्रीय कर्मचारियों को वित्तीय राहत देने के लिए सरकार की ओर से साल में दो बार डीए दिए जाता है और इसके साथ ही सरकार की ओर से हर दस साल में नया वेतन आयोग लागू  किया जाता है, जिससे सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बंपर उछाल आता है। अब इसी बीच बताया जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग (8th pay comission)के लागू होते ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 18 प्रतिशत की बढ़ौतरी हो सकती है। आइए जानते हैं इस बारे में।

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1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 18 फिसदी की बढ़ौतरी, DA होगा 58 प्रतिशत

HR Breaking News (DA Hike) महंगाई  से राहत देने के लिए सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को साल में दो बार महंगाई भत्ता देती है। अब हाल ही में आए इस अपडेट के मुताबिक 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों के लिए खुशखबरी सामने आई है।

 

 

बताया जा रहा है कि आठवें वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी 18 प्रतिशत बढ़ेगी ओर इसके साथ ही  महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) 58 प्रतिशत हो जाएगा। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं सैलरी और डीए से जुड़े इस अपडेट के बारे में। 

8वें वेतन आयोग से जुड़ा अपडेट


जैसे ही आठवां वेतन आयोग लागू होता है तो इससे केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में तगड़ी बढ़ोतरी होना तय है। वैसे तो कर्मचारियों की सैलरी फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के आधार पर तय होती है। सैलरी में इस बढ़ौतरी में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) भी अहम भूमिका निभाता है।

अभी फिलहाल में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नए वेतन आयोग के गठन का प्रोसेस जारी है। कर्मचारियों की सैलरी कैलकुलेटर से ही कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ौतरी का ठीक तरह से पता चल सकेगा।


कर्मचारियों की कितनी बढ़ेगी सैलरी


केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग का गठन मई में होने के आसार है। केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी कितनी होगी यह इस बात पर निर्भर होगा कि फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) और महंगाई भत्ता (dearness allowance) कितना हो चुका है।

8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में लेवल अनुसार अलग-अलग दर से बढ़ोतरी होगी। बेसिक सैलरी भी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ौतरी में अहम रोल निभाएगी। 

अब तक कितने वेतन आयोग हो चुके हैं लागू


केंद्रीय कर्मचारियों के लिए सबसे पहला वेतन आयोग 1946 में लागू किया गया था। जिसमे कर्मचारयों की सैलरी को तय किया गया था। उसके बाद दूसरा वेतन आयोग 1959 में लागू किया गया था तो उसमे कर्मचारियों की 14.20 प्रतिशत सैलरी बढ़ी।

इसके बाद तीसरा वेतन आयोग 1973 में लागू हुआ है, जिसमे कर्मचारियों की 20.60 प्रतिशत सैलरी बढ़ी। फिर चौथा वेतन आयोग 1986 में लागू हुआ था तो उसमे कर्मचारियों की सैलरी 27.60 प्रतिशत बढ़ी।

इसके बाद 1996 में पांचवें वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में 31.00 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इसके बाद 2006 में छठे वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों की सैलरी में 54.00 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इसके बाद 7वां वेतन आयोग  2016 में लागू किया गया था तो उसमे कर्मचारयों की 14.27 प्रतिशत सैलरी बढ़ी।

 


किस आधार पर तय होगी सैलरी


कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ौतरी के लिए सबसे अहम टूल फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) है। फिटमेंट फैक्ट के आधार पर ही कर्मचारियों की  सैलरी (Salary Hike) तय की जाती है। फिटमेंट फैक्टर एक गुणांक होता है।

इससे पहले  छठे वेतन आयोग (6th pay Commission) में 1.86 फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था, वहीं, 7वें वेतन आयोग में 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू किया गया था। ठीक इसी तरह 8वें वेतन आयोग (8th CPC) में 1.90 का फिटमेंट फैक्टर होने की संभावना है। 


कितना बढ़ेगा महंगाई भत्ता


2 प्रतिशत की बढ़ौतरी के बाद अभी फिलहाल में केंद्रीय कर्मचारियों को 55 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA Hike) मिल रहा है। उम्मीद है जनवरी 2026 से आठवां वेतन आयोग (8th Pay Commission) लागू हो सकता है, लेकिन नए वेतन आयोग के लागू होने से पहले एक बार महंगाई भत्ते में संशोधन होना तय है।

उम्मीद है कि तब तक महंगाई भत्ता 58 प्रतिशत पहुंच जाएगा। अगर महंगाई भत्ता 58 प्रतिशत पहुंचता है तो इससे कर्मचारियों की एक्चूएल सैलरी (Actual salary of employees)में 18 प्रतिशत की बढ़ौतरी हो सकती है। इसके साथ ही डीए 62 प्रतिशत पहुंचा है तो तो इससे सैलरी में बढ़ौतरी भी 24 प्रतिशत की हो सकती है। 


 
बेसिक सैलरी में क्या मर्ज होगा डीए 


अपडेट के अनुसार स्थिती पर गौर करते हुए 8वें वेतन आयोग (8th CPC) में 18 प्रतिशत सैलरी बढ़ाने की सिफारिशें की जा सकती हैं। हालांकि अभी तक इसको लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इस समय तक महंगाई भत्ता भी 58 प्रतिशत तक जाने की संभावना है, जिसे बेसिक सैलरी में मर्ज करके जीरो कर दिया जाएगा।