Uttar Pradesh में होगा 14 नई रेल लाइनों का निर्माण, नए सिस्टम से किया जाएगा काम
HR Breaking News - (Uttar Pradesh)। यूपी में नई-नई रेलवे लाइन को बिछाया जा रहा है। अब जल्द ही यूपी में 14 नई रेल लाइनों का निर्माण किया जाने वाला है। प्रदेश (Uttar Pradesh News ) में इन नए रेलवे लाइन को बिछाने के लिए नए सिस्टम का यूज किया जाएगा। इन नई रेलवे लाइन को बिछाने के लिए बजट भी जारी किया है। आइए खबर में जानते हैं ये नई रेलवे लाइन कहां बिछाई जाने वाली है।
रेलवे लाइन के लिए बजट
पूर्वोत्तर रेलवे 14 नई रेल लाइनों (UP new rail lines) के निर्माण के लिए ट्रैफिक सर्वे कराया जाएगा। इन रेल लाइनों के निर्माण को लेकर लखनऊ, कानपुर, बरेली, हल्द्वानी क्षेत्र में काफी समय से मांग चल रही है। रेलवे बोर्ड ने स्वीकृति देदी है और स्वीकृति देते हुए इन रूटों पर अब ट्रैफिक सर्वे कराने का फैसला लिया गया है। बोर्ड की ओर से इसके लिए 3.62 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
इन रेल लाइनों में बौद्ध सर्किट (Buddhist circuit in railway lines) के तहत कई रेलवे लाइन शामिल है। इन रेलवे लाइनों में कुशीनगर से कपिलवस्तु, बढ़नी से नेपाल की राजधानी काठमांडू, कपिलवस्तु-बस्ती बांसी, औड़िहार, छपरा, गोंडा, महराजगंज-रतन सराय, हल्द्वानी-रीठा साहिब, जिलाही-टिकरी बाईपास लाइन, रामनगर-चौखुटिया, बस्ती-फैजाबाद वाया बांसी, बलिया-आरा आदि का नाम शामिल है।
हाथियों को कैसे बचाएगा ये सिस्टम
आपको बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे हाथियों के घूमने वाले क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) आधारित इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम को लगा जाएगा। इससे जंगलों में ट्रेनों की चपेट में जो हाथी आएंगे, वो बच सकेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के अंतर्गत दुधवा का बड़ा क्षेत्र कुछ ऐसा है, जहां पर कई बार ट्रैक पर हाथी आ जाते हैं, जिसे देखते हुए रेलवे ने इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम लगाने का डिसिजन किया है।
इसका फायदा यह होगा कि इससे हाथियों के ट्रेन से टकराकर होने वाली मौत की घटना 99 प्रतिशत तक कम हो जाएगी। लागत की बात करें तो इस सिस्टम (UP Railway New System) को लगाने के लिए रेलवे तकरीबन 15 करोड़ रुपये खर्च करेगा। बता दें कि दुधवा जंगल में हाथियों के ट्रैक पर आने से बीते 10 सालों में आधा दर्जन हाथी अपनी जान गवां चुके हैं।
जानिए कैसे काम करेगी ये तकनीक
बता दें कि इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम (Intrusion Detection System) एक प्रेशर-वेव्स आधारित टैक्निक है। इसके अलावा ऑप्टिकल फाइबर केबल और एआई एल्गोरिदम का भी सपोर्ट है। यह सिस्टम प्रेशर-वेव्स को फिल कर हाथियों के पैरों के कंपन को महसूस कराएगा और फिर ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम सबसे कम दूरी वाले रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर और सेंट्रल ट्रेन कंट्रोल रूम को इसके द्वारा सिग्नल भेजा जाएगा।
हाथियों की जान बचाने के लिए होगा इस सिस्टम का यूज
दरअसल, बता दें कि ये नया सिस्टम रेलवे लाइन (up new railway line) के आसपास हाथियों के घूमने को तकरीबन 700 मीटर दूर से पता कर लेगा। ट्रेनों के लोको पायलटों को अलर्ट मिलते ही, वो स्पीड को कम कर देंगे। इज्जत नगर मंडल (Izzat Nagar Mandal) के मंडल रेल प्रबंधक ने कहा कि हाथियों के ट्रेन की टक्कर से जान न चली जाए, इसके लिए इस तकनीक का यूज करने की योजना है। जब यह सिस्टम काम करेगा, तो हाथियों की ट्रेन से टक्कर नहीं होगी, इससे हाथियों की जान नहीं जाएगी।
