2 एक्सप्रेसवे Delhi NCR की बदल देंगे तस्वीर, दिल्ली एनसीआर के इन इलाकों में बढ़ेंगे प्रोपर्टी के रेट
HR Breaking News - (Delhi NCR News)। देश की राजधानी दिल्ली व इसके आसपास के क्षेत्र को हाई स्पीड कनेक्टिविटी देने में अब दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR latest news) में 2 नए एक्सप्रेसवे अहम रोल निभाएंगे। इससे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सफर तो आसान होगा ही, साथ ही यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा।
इनके शुरू होने से दिल्ली एनसीआर की सूरत ही बदली बदली नजर आएगी। ये नए एक्सप्रेसवे (new Expressway in Delhi NCR) दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में प्रोपर्टी के रेट (delhi NCR property rates) बढ़ाने का काम भी करेंगे। आइये जानते हैं दिल्ली एनसीआर में कहां से गुजर रहे हैं ये एक्सप्रेसवे और कहां बढ़ेंगे प्रोपर्टी के रेट।
ये हैं नए एक्सप्रेसवे-
दिल्ली एनसीआर में अब द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) और UER-II बनकर तैयार हैं। इनमें से UER-II तो दिल्ली के मास्टर प्लान 2021 में शामिल अहम प्रोजेक्ट है। जो एनसीआर के लिए तीसरा रिंग रोड (Delhi Ring Road project) बनाने के लिए तय किया गया है। द्वारका एक्सप्रेसवे और UER-II दिल्ली-NCR के रियल एस्टेट मार्केट को भी नई एनर्जी देने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
जाम की समस्या हो जाएगी खत्म-
ये दोनों मार्ग 11 हजार करोड़ की लागत से बनाए गए हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने द्वारका एक्सप्रेस वे के दिल्ली स्ट्रेच और अर्बन एक्सटेंशन रोड (Urban Extension Road-2) का उद्घाटन किया है। दिल्ली में जाम की समस्या को खत्म करने व लोगों के जीवन स्तर को बदलने में अर्बन एक्सटेंशन रोड-2 (UER-2) अहम भूमिका निभाएगा। यह मार्ग रियल एस्टेट को संजीवनी देगा।
जानिये UER-II के बारे में-
दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से शुरू किया गया 142 किलोमीटर लंबा रिंग रोड प्रोजेक्ट ही UER-II यानी अर्बन एक्सटेंशन रोड-II है। यह देश की राजधानी दिल्ली को उत्तर प्रदेश (UP news) और हरियाणा से जोड़ता है। इस प्रोजेक्ट (delhi NCR road project) को करीब सात साल पहले साल 2018 में शुरू किया गया था। 3600 करोड़ की लागत से इसे तैयार किया गया है।
इन क्षेत्रों में हाई होंगे प्रोपर्टी के रेट -
दिल्ली एनसीआर (delhi NCR) में एक साथ ये बड़े मार्ग बनने से रियल एस्टेट में भी बूम आएगा। जहां से ये मार्ग गुजर रहे हैं, वहां की कनेक्टिविटी बढ़ी है। दिल्ली जैसे महानगर में लोगों को बेहतर यातायात सुविधा से बढ़कर और क्या चाहिए। इस सुविधा के कारण इन एरिया में अब प्रोपर्टी के दाम (property rates hike) उछल सकते हैं। UER-II वेस्ट दिल्ली, आउटर दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा जैसे क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ा रही है।
गुरुग्राम व नोएडा में बढ़ेगी यातायात सुविधा -
दूसरी ओर द्वारका एक्सप्रेसवे (Dwarka Expressway) से द्वारका, नजफगढ़ और इससे सटे सेक्टरों को कनेक्टिविटी का लाभ मिलेगा। इन इलाकों के साथ ही रोहिणी, पीतमपुरा और आउटर रिंग रोड (outer ring road) के आसपास के क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी बेहतर होने से प्रॉपर्टी की मांग बढ़ रही है, इस कारण रिहायशी व कमर्शियल प्रोपर्टी के दाम (property rates in Delhi) बढ़ सकते हैं।
यह एक्सप्रेसवे गुरुग्राम व नोएडा क्षेत्रों में भी यातायात सुविधा को बढ़ाएगा, इससे यह एरिया प्राइम लोकेशन में आएगा और प्रोपर्टी के दास बढ़ सकते हैं। यह एक्सप्रेसवे एनएच-48 (national highway-48) पर भारी वाहनों का दबाव भी कम करेगा। द्वारका एक्सप्रेसवे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से जुड़ने के कारण नोएडा (noida property rates) और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के प्रोपर्टी बाजार में नई जान फूंक सकता है।
UER-II के फायदे और खासियत-
UER-II के खुलने से दिल्ली में रिंग रोड (delhi ring road) और आउटर रिंग रोड पर जाम लगने की समस्या से निजात मिलेगी। इसके अलावा नोएडा से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (Indira Gandhi International Airport) तक का दो घंटे का सफर करीब 20 मिनट में ही पूरा हो जाएगा।
इससे हैवी वाहनों को महानगर के अंदर नहीं जाना पड़ेगा। दिल्ली में हर दिन एक करोड़ से अधिक वाहन चलते हैं, इसलिए विभिन्न मार्गों पर वाहनों का दबाव भी कम होगा। यूईआर टू (UER 2 kya h) को बनाने में दिल्ली के कूड़े के पहाड़ों से लाखों टन कचरा उठाकर यूज किया गया है। इससे पर्यावरण संरक्षण भी हुआ है।
द्वारका एक्सप्रेसवे की यह होगी खास भूमिका -
रियल एस्टेट (delhi real estate) से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार द्वारका एक्सप्रेसवे और यूईआर-2 के खुलने से अब रोजगार व निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ लगते इलाकों ग्रेटर नोएडा वेस्ट (greater noida news) और यूईआर-2 के जंक्शन पर आने वाले समय में प्रोपर्टी में तगड़ा उछाल आ सकता है। यहां नया कमर्शियल व आईटी कंपनियों का नया हब भी तैयार हो सकता है।
