8th Pay Commission : 8वें वेतन आयोग में सैलरी और पेंशन तो बढ़ेगी ही, कर्मचारियों के लिए ये चीजें भी बदल जाएंगी
8th Pay Commission Salary Hike : केंद्रीय कर्मचारी आठवें वेतन आयोग में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं, इसको लेकर कई अटकलें लगा रहे हैं। अब इसी बीच आठवें वेतन आयोग को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है, जिसके तहत कर्मचारियों की सैलरी (Salary of employees)और पेंशन का बढ़ौतरी का तो फायदा मिलेगा ही और इसके साथ ही कर्मचारियों की कई चीजों में बदलाव देखने को मिलने वाला है।

HR Breaking News (8th Pay Commission) आठवें वेतन आयोग को लेकर इन दिनों चर्चांए जोरो-शोरों से चल रही है। आठवें वेतन आयोग के लागू होते ही केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में बंपर उछाल देखने को मिलेगा।
अब अपडेट के तहत 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission salary calculator) के लागू होने पर सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी ही नहीं बल्कि अन्य चीजों में भी बदलाव देखने को मिलने वाला है। आइए खबर में जानते हैं कि कर्मचारियों के लिए किन चीजों में बदलाव देखने को मिलेगा।
कब लागू होगा 8वां वेतन आयोग
अपडेट के तहत आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को 1 जनवरी 2026 से लागू होने की संभावना है। इस नए वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में भारी बढ़ौतरी देखने को मिलेगी।
केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ौतरी में सबसे अहम रोल फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) को लेकर है, क्योंकि फिटमेंट फैक्टर की मदद से केंद्रीय कर्मचारियों की नई बेसिक सैलरी और पेंशन (Salary and Pension Hike) को निर्धारित किया जाता है।
सैलरी और पेंशन में होगा इतना इजाफा
इससे पहले वर्तमान में चल रहे 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor in 7th CPC) 2.57 निर्धारित किया गया था, लेकिन अब उम्मीद है कि आठवें वेतन आयोग में 2.86 तक फिटमेंट फैक्टर बढ़ाया जा सकता है।
अगर ये फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) लागू होता है तो इससे कर्मचारियों की 18,000 रुपये की न्यूनतम बेसिक सैलरी बढ़कर तबरीबन 51,480 रुपये हो सकती है। इसके साथ ही पेंशन भी 9,000 से बढ़कर तकरीबन 25,740 रुपये हो सकती है।
लेवल के अनुसार कितना बढ़ेगा कर्मचारियों का वेतन
आप सोच रहे होंगे कि 8वें वेतन आयोग में अलग-अलग पे लेवल पर कर्मचारियों(Central Government Employees)
को कितनी सैलरी मिल सकती है, तो आइए इस बारे में भी जान लेते हैं।
बता दें कि लेवल 3 (ग्रेड पे 2000): लागू होने पर लेवल 3 के केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (level 3 central employees Salary) लगभग 57,456 रुपये हो जाएगी, कुल सैलरी 74,845 रुपये और डिडक्शन के बाद इनहैंड सैलरी तकरीबन 68,849 रुपये के आस-पास होगी।
लेवल 6 (ग्रेड पे 4200): लेवल 6 के केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (level 6 central employees) तकरीबन 93,708 रुपये, कुल सैलरी 1,19,798 रुपये और कूल मिलाकर कर्मचारियों की इनहैंड सैलरी 1,09,977 रुपये के आस-पास होगी।
लेवल 9 (ग्रेड पे 5400): वहीं, लेवल 9 के कर्मचारियों की बेसिक सैलरी (level 9 central employees Salary) 1,40,220 रुपये, कुल सैलरी 1,81,073 रुपये और इनहैंड सैलरी तकरीबन 1,66,401 रुपये के आस-पास रहेगी।
लेवल 11 (ग्रेड पे 6600): इसके अलावा लेवल 11 के केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी 1,84,452 रुपये, कुल सैलरी 2,35,920 रुपये और इनहैंड सैलरी भी 2,16,825 रुपये के आस-पास होगी।
सैलरी के साथ-साथ अलाउंस में भी होगा बदलाव
8वें वेतन आयोग के लागू होने पर कर्मचारियों की बेसिक सैलरी बढ़ने के साथ-साथ हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) और ट्रैवल अलाउंस (Travel Allowance) जैसे भत्तों में भी बढ़ौतरी देखने को मिलने वाली है।
ये सैलरी बढ़ौतरी इस बात पर डिपेंड ककरेगा कि कर्मचारी किस लोकेशन में पोस्टेड हैं और उस हिसाब से उनका ट्रैवल कितना होता है। इसके चलते एक ही ग्रेड के दो कर्मचारियों की कुल सैलरी में बदलाव देखने को मिल सकता है।
अब NPS और CGHS में होगा कितना योगदान
आप जानते ही होंगे कि नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) में फिलहाल कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10 प्रतिशत योगदान करते हैं, जबकि नेशनल पेंशन सिस्टम में सरकार का योगदान 14 प्रतिशत होता है। अगर बेसिक सैलरी बढ़ती है तो इससे कर्मचारियों का योगदान भी बढ़ेगा।
इसके अलावा सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (Central Government Health Scheme) की फीस भी सैलरी के स्लैब से एड होती है। तो ऐसे में अगर बेसिक सैलरी बढ़ती है तो इससे CGHS की मासिक कटौती भी बढ़ सकती है।
क्यों जरूरी है ये बदलाव
8वां वेतन आयोग केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी (salary of central government employees) बढ़ने के साथ-साथ इससे जुड़े सभी खर्चों, सुविधाओं और कर्मचारियों की आर्थिक प्लानिंग पर भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।
खासतौर पर रिटायरमेंट प्लानिंग, होम लोन EMI, टैक्स सेविंग और इंश्योरेंस जैसे मामलों में कर्मचारियों की बढ़ी सैलरी कर्मचारियों को नई राहत दे सकती है।