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बैंक एजेंट अब कर्जदारों पर नहीं डाल पाएंगे दबाव, RBI ने किया ऐलान ​​​​​​​

बैंको ने कर्ज की वूसली तेज करने के लिए वसूली एजेंटों की भर्ती शुरू की है। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक समेत कई सरकरी और निजी बैंक 15 फीसदी अधिक वसूली एजेंटों की भर्ती कर रहे हैं। 
 
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बैंक एजेंट अब कर्जदारों पर नहीं डाल पाएंगे दबाव, RBI ने किया ऐलान

HR Breaking News (ब्यूरो)। बैंको ने कर्ज की वूसली तेज करने के लिए वसूली एजेंटों की भर्ती शुरू की है। बैंकिंग सूत्रों ने बताया कि बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, बंधन बैंक, और उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक समेत कई सरकरी और निजी बैंक 15 फीसदी अधिक वसूली एजेंटों की भर्ती कर रहे हैं। बैंक टेली कॉलर और फिल्ड एजेंट की तौर पर ये भर्तियां कर रहे हैं। वसूली एजेंट के तौर पर भर्ती होने वाले को बैंक 1.5 लाख से 3.5 लाख रुपये सालाना का पैकेज ऑफर कर रहे हैं।

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बैंक से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि वसूली एजेंटों को टारगेट दिया गया है। उसी के अनुसार इनको वेतन से ऊपर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इनकी बहाली अस्थायी तौर पर की गई है। इनका काम सिर्फ बैंक के फंसे कर्ज की वूसली करना है। हालांकि, इसके लिए इनको प्रोपर ट्रेनिंग दी गई है। किसी को परेशान या कोई नुकसान करने की छूट इन्हें नहीं होगी। गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से सभी तरह के कर्ज की किस्त (लोन मोरेटोरियम) छह माह तक चुकाने की छूट मिली थी।

वह समयसीमा 30 सितंबर को खत्म हो गई। आरबीआई ने बैंकों को अपने विवेक का इस्तेमाल करने हुए कर्ज पुनर्गठन करने की अनुमति दी है। इस फैसले के बाद सभी तरह के लोन पर ईएमआई फिर से शुरू हो गया है। वहीं, कोरोना और लॉकडाउन के कारण लाखों लोगो की नौकरी चली गई है। इसी अनुपात में लोग वेतन कटौती का सामना कर रहे हैं। इससे बैंकों को डर है उनका दिया हुआ कर्ज एनपीए हो सकता है। इस संभावना को कम करने के लिए बैंकों ने वसूली एजेंटों को भर्ती शुरू की है।


कर्जदार होते हैं परेशान

वसूली एजेंटों की बहाली से कर्जदारों की परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, वूसली एजेंट कर्जदार पर दबाब डालने के लिए रिश्तेदारों, दोस्तों, सहयोगियों यहां तक कि पत्नी और माता को भी धमकाने और उनसे बदतमीजी से नहीं कतराते हैं। इससे कर्जदार की परेशानी बढ़ जाती है। कई बार तो कर्जदारों को पुलिसी और कानून की भी सहायता लेनी पड़ती है। एक पेशेवर के मुताबिक, उन्हें कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने के बावजूद भी नहीं बख्शा गया। वसूली एजेंट ने कहा कि पहले लोन दो फिर अस्पताल जाओ।

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अभद्रता का अधिकार नहीं


बैंक और वित्तीय कंपनियां अपना लोन वसूलने के लिए वूसली एजेंट की सेवा ले सकती है, लेकिन एजेंट ग्राहकों से किसी भी प्रकार की अभद्रता या जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं। कर्जदाता के घर जाने का भी एक निश्चित समय है। बदसलूकी पर ग्राहक बैंक में इसकी शिकायत कर सकता है, अगर वहां सुनवाई नहीं होती तो वो आगे शिकायत कर सकता है।