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DA Hike : कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में इजाफा, 8 किस्तों में आएगा पैसा

साल की शुरुआत के साथ ही राज्य सरकारों ने अपने कर्मचारियों को तोहफा देना शुरू कर दिया है। इस फैसले से राज्य में लगभग 4.4 लाख सरकारी कर्मचारियों और 2.88 लाख पेंशनरों को लाभ होगा। कर्मचारियों का पैसा 8 किस्तों में आएगा। 

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HR Breaking News, Digital Desk- नए साल (New Year 2023) की शुरुआत के साथ तेलंगाना राज्य (Tamil Nadu) के सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला है. इस फैसले से राज्य में लगभग 4.4 लाख सरकारी कर्मचारियों और 2.88 लाख पेंशनरों को लाभ होगा।

राज्य सरकार महंगाई भत्ते (डीए) ने 2.73 प्रतिशत बढ़ोतरी का ऐलान किया है जो 1 जुलाई, 2021 से से लागू किए जाएंगे। संशोधन के बाद कर्मचारियों का डीए 17.29 प्रतिशत से बढ़कर 20.02 प्रतिशत हो गया है.

1 जुलाई, 2021 से 31 दिसंबर, 2022 तक की अवधि के लिए महंगाई भत्ते के भुगतान का बकाया कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) खाते में जमा किया जाएगा. हालांकि, 31 मई, 2023 को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को बकाया महंगाई भत्ते का भुगतान किया जाएगा. उन्हें सेवा के अंतिम चार महीनों के दौरान सामान्य भविष्य निधि में कोई योगदान करने से छूट दी गई है.

लाखों कर्मचारियों को होगा फायदा-
पेंशनरों के लिए संशोधित महंगाई राहत का भुगतान जनवरी, 2023 की पेंशन के साथ फरवरी, 2023 में देय होगा. सोमवार को जारी आदेशों के अनुसार, 1 जुलाई, 2021 से 31 दिसंबर, 2022 तक के महंगाई राहत बकाया का भुगतान फरवरी, 2023 से शुरू होकर मार्च, 2023 में देय आठ समान मासिक किस्तों में किया जाएगा.

वित्त मंत्री टी हरीश राव ने कहा कि डीए बढ़ाने के राज्य सरकार के फैसले से 4.40 लाख सरकारी कर्मचारियों और 2.88 लाख पेंशनभोगियों को फायदा होगा. कर्मचारियों के अनुसार जुलाई, 2021 का महंगाई भत्ता जारी किया गया और जनवरी 2022, जुलाई 2022 व जनवरी 2023 का महंगाई भत्ता बकाया है.


तमिलनाडु सरकार ने भी किया इजाफा-


बता दें इससे पहले तमिलनाडु सरकार ने महंगाई भत्ते में चार फीसदी इजाफा किया था. इसके बाद इन्हें मिलने वाला DA 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया है.

तमिलनाडु सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के 16 लाख से ज्यादा कर्मचारियों की सैलरी में जोरदार इजाफा देखने को मिलेगा. अब तक कर्मचारियों को 34 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जाता था, जो अब बढ़कर 38 फीसदी हो गया है. हालांकि, इस फैसले के बाद सरकार के खर्च में बारी बढ़ोतरी होगी.