home page

LIC story: बड़ी दिलचस्प है LIC की शुरुआत की कहानी, 5 करोड़ रूपये से किया गया था शुरू

कहा जाता है कि बीमा (Insurance) की कहानी शायद उतनी ही पुरानी है जितनी मानव जाति की कहानी. आज के समय में आधुनिक व्यापारी नुकसान और आपदा से खुद को सुरक्षित करने के लिए जिस तरह के तरीके अपनाते हैं.
 | 
LIC story: बड़ी दिलचस्प है LIC की शुरुआत की कहानी, 5 करोड़ रूपये से किया गया था शुरू

HR Breaking News (ब्यूरो) : ऐसी ही प्रवृत्ति आदिम पुरुषों में भी मौजूद थी. वो भी आग, बाढ़ और जीवन के नुकसान के बुरे परिणामों से खुद को सुरक्षित करने के लिए किसी भी तरह के त्याग के लिए तैयार थे. हालांकि, बीमा की अवधारणा काफी हद तक मॉर्डन समय का विकास है. खासतौर पर पोस्ट इंडस्ट्रियल युग के बाद का. फिर भी बीमा की शुरुआत लगभग 6000 साल पहले की है.


भारत में कब आया जीवन बीमा


जीवन बीमा अपने आधुनिक रूप में साल 1818 में इंग्लैंड से भारत आया. कलकत्ता (अब कोलकाता) में यूरोपीय लोगों ने ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की शुरुआत की.

Business Idea: 3 महीने में होगी 3 लाख की कमाई, केवल 15 हजार रुपये में शुरू करें ये बिजनेस

ये भारतीय जमीन पर पहली बीमा कंपनी की नींव थी. उस पीरियड के दौरान स्थापित सभी बीमा कंपनियों को यूरोपीय समुदाय की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से लाया गया था. इन कंपनियों में भारतीय मूल के लोगों का बीमा नहीं किया जाता था. 


पहली भारतीय जीवन बीमा कंपनी 


हालांकि, बाद में बाबू मुट्टीलाल सील जैसे प्रतिष्ठित लोगों के प्रयासों से विदेशी जीवन बीमा कंपनियों ने भारतीय लोगों का भी जीवन बीमा करना शुरू कर दिया. लेकिन यूरोपीयों के मुकाबले भारतीयों से प्रीमियम की राशि अधिक वसूली जा रही थी. फिर बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस सोसाइटी ने साल 1870 में पहली भारतीय जीवन बीमा कंपनी की शुरुआत की.

Business Idea: 3 महीने में होगी 3 लाख की कमाई, केवल 15 हजार रुपये में शुरू करें ये बिजनेस

इसने भारतीयों को सामान्य प्रीमियम दरों पर बीमा देना शुरू कर दिया. इसके बाद देश शुरू हुईं बीमा कंपनियां विभिन्न क्षेत्रों में बीमा और सामाजिक सुरक्षा के संदेश को आगे बढ़ाने के लिए अस्तित्व में आईं. साल 1886 में शुरू हुई भारत बीमा कंपनी भी राष्ट्रवाद से प्रेरित ऐसी ही कंपनियों में से एक थी.


बीमा के राष्ट्रीयकरण की मांग


बीसवीं सदी के पहले दो दशकों में बीमा कारोबार में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई. बीमा कंपनियों का विस्तार होता गया. फिर साल 1938 में जीवन बीमा और गैर-जीवन बीमा को नियंत्रित करने के लिए कानून बना. ये कानून इंश्योरेंस के कारोबार पर सरकार को सख्त नियंत्रण प्रदान करता था. फिर धीरे-धीरे जीवन बीमा के राष्ट्रीयकरण की मांग उठनी शुरू हो गई. फिर 1944 में विधानसभा में जीवन बीमा अधिनियम 1938 में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया गया.

Business Idea: 3 महीने में होगी 3 लाख की कमाई, केवल 15 हजार रुपये में शुरू करें ये बिजनेस


इस तरह धीरे-धीरे बीमा कंपनियों के राष्ट्रीयकरण की आवाज तेज होने लगी. इसके बाद 1947 में भारत आजाद हुआ. नए नियम और काननू बने. फिर 19 जनवरी 1956 को भारत में जीवन बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया. राष्ट्रीयकरण के समय भारत में लगभग 154 भारतीय बीमा कंपनियां, 16 गैर-भारतीय कंपनियां और प्रोविडेंट कंपनियां मौजूद थीं.


पांच करोड़ से शुरू हुई LIC


राष्ट्रीयकरण दो चरणों में पूरा किया गया था. शुरुआत में कंपनियों का प्रबंधन एक अध्यादेश के माध्यम से लिया गया और बाद में एक व्यापक बिल के माध्यम से मालिकाना हक भी सरकार ने ले लिया. इसके बाद भारत की संसद ने 19 जून 1956 को जीवन बीमा निगम अधिनियम पारित किया. फिर नींव पड़ी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की. भारत सरकार के 5 करोड़ की पूंजी के योगदान के साथ 1 सितंबर 1956 को भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना की गई. जिसका उद्देश्य जीवन बीमा को अधिक व्यापक रूप से और खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना था. 

Business Idea: 3 महीने में होगी 3 लाख की कमाई, केवल 15 हजार रुपये में शुरू करें ये बिजनेस


इतने ऑफिस के साथ हुई शुरुआत


वर्ष 1956 में एलआईसी के कॉर्पोरेट ऑफिस के अलावा 5 जोनल ऑफिस, 33 मंडल ऑफिस और 212 ब्रांच ऑफिस थे. चूंकि जीवन बीमा एक लॉन्ग टर्म निवेश है. इसलिए बाद में अलग-अलग प्रकार की सर्विस की जरूरत महसूस की गई. बाद के वर्षों में ऑपरेशन के विस्तार के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय में एक एलआईसी की ब्रांच खोलने की योजना बनाई गई.


एलआईसी के पुनर्गठन के बाद बड़ी संख्या में नए ब्रांच ऑफिस खोले गए. तमाम तरह की सर्विस को ब्रांच में ट्रांसफर कर दिया गया और उन्हें अकाउंटिंग यूनिट बना दिया गया. इससे एलआईसी के कारोबार में जबरदस्त सुधार हुआ. 1957 में लगभग 200.00 करोड़ के नए व्यवसाय से कॉरपोरेशन ने साल 1969-70 में ही 1000.00 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया.


पार किए कई मील के पत्थर


तब से अब तक एलआईसी ने कई मील के पत्थर पार किए हैं और लाइफ इंश्योरेंस व्यवसाय के विभिन्न स्तर पर शानदार प्रदर्शन किया है. जिस मकसद के साथ इसकी शुरुआत हुई थी, एलआईसी आज भी उसपर काम कर रही है.

Business Idea: 3 महीने में होगी 3 लाख की कमाई, केवल 15 हजार रुपये में शुरू करें ये बिजनेस

शहर से लेकर गांवों तक बीमा को लेकर जागरुकता फैला रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में देश के 29 करोड़ लोगों के पास एलआईसी की कोई-ना-कोई पॉलिसी थी. एलआईसी ने 15 अक्टूबर 2005 तक 1,01,32,955 नई पॉलिसी को जारी करने के आंकड़े को पार कर लिया था.


एलआईसी का नेटवर्क


आज एलआईसी 2048 पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड ब्रांच ऑफिस, 113 डिविजनल ऑफिस, 8 जोनल ऑफिस, 1381 सैटेलाइट ऑफिस के साथ कारोबार कर रही है. एलआईसी का वाइड एरिया नेटवर्क 113  डिविजनल ऑफिस को कवर करता है और मेट्रो एरिया नेटवर्क के माध्यम से सभी शाखाओं को जोड़ता है. आज LIC का मार्केट कैप चार लाख करोड़ से अधिक है. 
 

News Hub