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मेरी कहानी: आंटी का भीगा बदन देख मेरे तनबदन में लगी आग, फिर हुआ ये...

प्यार की कोई उम्र नहीं होती है ये किसी से भी हो सकता है। इस कहानी में भी कुछ ऐसा ही है। एक लड़के ने अपनी लव स्टोरी के बारे में बताया है उसे अपने से दोगुनी उम्र की एक महिला से प्यार हो जाता है। पढ़ें पूरी कहानी-  
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HR Breaking News (ब्यूरो) मैं 20 साल का अविवाहित लड़का हूं। मेरा नाम विनोद है। मैं घर पर ही स्टडी करता हूं। मेरे पिता एक डॉक्टर है वो ज्यादातर काम से बाहर ही रहते हैं। मैं घर अकेला रहता हूं। हाल ही में एक आंटी ने हमारे घर के पास वाला घर किराए पर लिया है। आंटी का पहले से ही तलाक हो चुका है वो उस घर में अकेली रहती हैं। कई बार काम से वो हमारे घर आती हैं, दिखने में आंटी बेहद खूबसूरत है मुझे उसे कुछ-कुछ होने लगता है मुझे उसे देखते ही प्यार हो गया।

 

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तेज बारिश में भीगा आंटी का बदन

एक दिन मैं घर अकेला था और बाहर बहुत-तेज बारिश हो रही थी। मैं अकेला बैठा टीवी देख रहा था। इतने में वहां आंटी गई। वो किसी काम से आई थी। उनकी मेरे पिता के साथ किसी काम को लेकर एक डिल हुई थी। मैंने कहा वो दो-तीन दिन में लोटेंगे। वैसे वो घर पर अकेली रहती हैं तो मैने आंटी को हमारे घर रूकने के लिए पूछ लिया। उन्होनें पहले तो मना कर दिया। मैंने कुछ बहाना बना दिया की मुझे अकेले में डर लगता है।

लेकिन तेज बारिश में वो और नहीं भीगना चाहती थी। इसलिए वो एक रात के लिए हमारे घर रूक गई। मैंने देखा उनका बदन पूरा भीगा हुआ था। आंटी के लंबे बाल उनकी कमर तक रहे थे भीगे बालों से पानी कमर पर रहा था। मेरी आंखें उनकी कमर से हटने का नाम नहीं ले रही थी। मेरी झुकी नजरें देखकर आंटी भी समझने लगी थी। उसने धीरे से मेरी गाल को छूआ और उन्होंने कहा कहां खो गए। मैं उसे देखने में इतना खो गया कि मुझे और कुछ नजर नहीं रहा था।

मैंने उसे अंदर आने को कहा

बारिश में भीगने के कारण आंटी को सर्दी लगने लगी और वो अपने बोलों को सहलाती हुई अंदर गई। फिर वो बाथरूम में चली गई लेकिन वो दरवाजा बंद करना भुल गई, मैं उनकी और ही देख रहा था कि इतने में आंटी ने दरवाजा बंद कर लिया था। फिर वो कुछ देर में बाहर आई। उन्होनें मेरे पिता की एक व्हाइट शर्ट डाली हुई थी। मैं आंटी की हॉनेस को देखकर मदहोश हो गया। वो आकर सोफे पर बैठ गई, और उसने अपनी साड़ी मुझे दे दी। मैं उसकी साड़ी को सुखाने के लिए ऊपर कमरे में गया। वापस आया तो आंटी सोफे पर लेटी हुई थी।

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सोफे पर लेटी आंटी

मैं उसके लिए चाय लेकर आया। आंटी और मैं दोनों एक ही प्याली में चाय पीने लगे। मैंने उसकी कमर को छूने की कोशिश की तो उसने मेरा हाथ हटा दिया। लेकिन मैं एक बार फिर कमर पर हाथ रखकर सहलाने लगा। इस बाहर आंटी को अच्छा हो लगने लगा। उसने मुझे कुछ नहीं कहा, मैं धीरे-धीरे उसके करीब आने लगा वो सोफे पर लेट गई मैं उसे उठाकर अपने कमरे के अंदर ले गया। मैंने उसे अपने बेड पर लेटा दिया और मैं बत्ती बुझाने के लिए गया तो उसने मुझे मना कर दिया। जैसे ही उसके बदन को छूआ तो वो आग की तरह तप रही थी। हम दोनों किस करने लगे। उस समय मुझे आभास हुआ कि आंटी सालों से प्यासी थी। आंटी ने रातभर मुझे एक पल भी नहीं सोने दिया।