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Private Railway Station: कारपोरेट के हवाले हो गए दो ओर बड़े प्लेटफॉर्म

रेल प्रशासन की ओर से दिल्ली के इस रेलवे स्टेशन के अलावा दो ओर बड़े रेलवे स्टेशनों को कारपोरेट के हवाले कर दिया है। जिसके बाद इनके नामों को भी बदल दिया है। 
 
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 Private Railway Station: कारपोरेट के हवाले हो गए दो ओर बड़े प्लेटफॉर्म

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,अगली बार जब आप नई दिल्ली रेलवे स्टेशन (New Delhi Railway Station) पर जाएंगे तो चौंक जाएंगे। चौंकेंगे इसलिए क्योंकि वहां हो सकता है आपकी ट्रेन बैल कोल्हू (Bail Kolhu) या नॉरिश (Nourish) प्लेटफार्म से रवाना हो। जी हां, आप माने न मानें, मगर सच्चाई यही है। रेलवे (Northern Railway) ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के तीन प्लेटफार्मों को ब्रांडिग (Railway Platform Branding) के लिए बीएल एग्रो (BL Agro) के हवाले कर कर दिया है। यह कंपनी बैल कोल्हू के नाम से सरसों तेल बनाती है। इसी ब्रांड के नाम पर अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म नंबर 16 बैल कोल्हू प्लेटफार्म बन गया है।


नई दिल्ली के 14, 15 एवं 16 नंबर प्लेटफार्म का नया नाम
एफएमसीजी कंपनी बीएल एग्रो से मिली जानकारी के अनुसार नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 14, 15 और 16 के नाम रखने के अधिकार पाने वाली वह पहली कंपनी बन गई है। इस कांट्रेक्ट की अवधि (Contract Period) फिलहाल अक्टूबर से एक साल तक के लिए है। उल्लेखनीय है कि रेलवे ने पहली बार निजी संस्थानों से ऐसा अनुबंध किया गया है। इसके अंतर्गत प्रतिष्ठित व्यवसायों या सरकारी संगठनों को यह अधिकार दिया गया है।


16 नंबर बैल कोल्हू तो 14 एवं 15 नंबर नॉरिश
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 16 का नया नाम बैल कोल्हू प्लेटफार्म है। इसके साथ ही प्लेटफार्म नंबर 14 और 15 का नया नाम नॉरिश (Nourish) है। बीएल एग्रो का कहना है कि अब इन प्लेटफार्मों पर बैल कोल्हू और नॉरिश के डिस्प्ले भी लगेंगे। इसके साथ ही प्लेटफार्म एरिया में बैल कोल्हू और नॉरिश के विज्ञापन भी दर्शाये जायेंगे। इस साझेदारी में प्लेटफ़ॉर्म पर यात्रियों के टहलने वाले एरिया में पैनल्स, बिलबोर्ड्स, विनायल रैपिंग और अन्य पर बीएल एग्रो को ब्रांडिंग के भी अधिकार मिले हैं। इन प्लेटफॉर्म्स पर बैल कोल्हू का प्रचार कर रहे मनोज बाजपेयी, पंकज त्रिपाठी और नवाजुद्दीन सिद्दीकी और नरिश की ब्रांड एंबेसडर शिल्पा शेट्टी के विज्ञापन दिखाई देंगे।

रचनात्मक पहल
रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी इसे रचनात्मक पहल बता रहे हैं। उनके अनुसार इस अनूठी पहल के तहत प्लेटफार्म की ब्रांडिंग का लाइसेंस एक निजी संस्था को दिया गया है। इससे रेलवे की आमदनी बढ़ेगी, साथ ही कारपोरेट जगत को ब्रांडिंग का अधिकार मिलेगा। इससे प्लेटफार्म की सुंदरता बढ़ेगी तथा यात्रियों को भी बेहतर अनुभूति होगी।


बिहार और यूपी के लोग हैं महत्वपूर्ण
बीएल एग्रो के एमडी (BL Agro MD) आशीष खंडेलवाल ने अपनी रणनीति बताते हुए कहा, ''हमने प्लेटफार्म नंबर 14, 15 और 16 को इसलिए चुना क्योंकि इन प्लेटफार्म्स से ज्यादातर ट्रेनें बिहार और उत्तर प्रदेश जाती हैं, जिन दो राज्यों में हमारे सबसे ज्यादा लक्षित ग्राहक रहते हैं। औसतन हर प्लेटफॉर्म से रोज 13 से 23 ट्रेनें गुजरती हैं और पूरे स्टेशन पर लगभग दो लाख यात्री आते हैं। त्योहारी सीजन में यह संख्या छह लाख यात्री प्रतिदिन तक पहुंच जाती है। इसने हमें अपने लक्षित बाजार तक पहुंचाने के लिए बिल्कुल नया और असाधारण रास्ता दिखाया है।''


कौन है बीएल एग्रो
उत्तर प्रदेश के बरेली में स्थित बीएल एग्रो इंडस्ट्रीज लिमिटेड (BL Agro Industries) एमएफसीजी क्षेत्र की कंपनी है। यह बैल कोल्हू के ब्रांड नाम से सरसों तेल एवं कुछ अन्य खाद्य पदार्थ बनाती है। कंपनी का दावा है कि उसके पास लगभग 58,000 रिटेलर्स का नेटवर्क है।