Rajani Pandit : ये है भारत की पहली महिला जासूस, भेष बदलकर सुलझाती है मामले
भारत की महिलाएं पुलिस, एयरफोर्स, नेवी और अन्य कई रक्षा विभाग से जुड़े क्षेत्रों में काम कर रही हैं। महिलाएं खाकी वर्दी में अपराधी की गिरफ्तारी से लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम कर रही हैं, लेकिन भारत में एक महिला ऐसी भी है, जो जासूसी के मामले में जैम्स बाॅन्ड से कम नहीं।

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। भारत की महिलाएं पुलिस, एयरफोर्स, नेवी और अन्य कई रक्षा विभाग से जुड़े क्षेत्रों में काम कर रही हैं। महिलाएं खाकी वर्दी में अपराधी की गिरफ्तारी से लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम कर रही हैं, तो वहीं देश की सीमा की रक्षा के लिए लड़ाकू विमान उड़ाने की जिम्मेदारी भी उठा रही हैं। लेकिन भारत में एक महिला ऐसी भी है, जो जासूसी के मामले में जैम्स बाॅन्ड से कम नहीं।
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देश के जासूसों का नाम लिया जाए तो सबसे पहले एक महिला जासूस का जिक्र होना जरूरी है। देश की सबसे पहली महिला जासूस रजनी पंडित हैं। रजनी पंडित को भारत का जेम्स बाॅन्ड भी कहा जाता है। उनकी जिंदगी में कई मुश्किलें आईं लेकिन रजनी पंडित ने सबका सामना किया और कभी हार नहीं मानी। चलिए जानते हैं कि रजनी पंडित के बारे में, कैसे एक महिला बन गईं देश की मशहूर जासूस।
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कौन हैं रजनी पंडित?
रजनी पंडित एक आम परिवार की लड़कियों की तरह ही थीं। एक साधारण परिवार की लड़की, जो अपने पैरों पर खड़े होना चाहती थी। जब वह ग्रेजुएशन के पहले साल में थीं, तो इसी ख्वाहिश को पूरा करने के लिए उन्होंने एक ऑफिस मे क्लर्क की नौकरी कर ली। नौकरी के दौरान उनके ही कार्यालय की एक महिला के घर पर चोरी हो गई। महिला को इस चोरी का शक अपनी नई बहू पर था।
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रजनी पंडित का पहला केस
यह रजनी का पहला केस था। उस महिला ने अपने घर पर हुई चोरी की छानबीन के लिए रजनी से कहा। रजनी ने जब चोरी की जांच शुरु की तो पता चला कि चोरी महिल की बहू ने नहीं, बल्कि बेटे ने की थी। पूछताछ में बेटे ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। रजनी ने जब अपना यह पहला केस हल किया तो उनकी उम्र 22 साल थी।
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जासूसी करियर की शुरुआत
रजनी पंडित के पिता सीआईडी में थे। पिता एक जासूस थे। ऐसे में रजनी को जासूसी के बारे में अच्छा ज्ञान होने लगा था। रजनी पंडित के जासूसी केस साॅल्व करने की जानकारी लोगों के बीच फैली तो लोग उनके पास अपने मामले लेकर आते थे। उसके बाद रजनी मशहूर होने लगी। उनकी पहचान भारत की पहली महिला जासूस के तौर पर बनने लगी। लेकिन उनके पिता को अब तक रजनी के जासूसी हुनर के बारे में जानकारी नहीं थी।
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पिता का मिला साथ
जब रजनी के पिता को बेटी के इस काम की जानकारी हुई, तो उन्होंने रजनी को रोका नहीं लेकिन आने वाली मुसीबतों के बारे में आगह जरूर किया। पिता का साथ मिलने के बाद रजनी ने जासूसी में खुल कर काम करना शुरु किया। रजनी ने हजारों केस सुलझाए। कभी नौकरानी तो कभी गर्भवती औरत का भेष लेकर वह पेचीदा से पेचीदा केस हल करने लगीं।
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रजनी के जीवन का सबसे मुश्किल केस
भारतीय पहली महिला जासूस बन चुकी रजनी के लिए एक केस काफी मुश्किल था। शहर में एक पिता और उसके बेटे का डबल मर्डर हुआ था। हत्या करने वाले का कोई सुराग नहीं मिल रहा था। रजनी को यह केस मिला, तो वह हत्या का पता लगाने के लिए पिता और पुत्र के घर पर ही नौकरानी का भेष लेकर पहुंची। छह महीने नौकरानी के तौर पर काम करने के बाद उन्हें असली हत्यारे का पता चल गया। घर में मौजूद महिला ने ही अपने प्रेमी के साथ मिलकर पिता और पुत्र की हत्या की थी।
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रजनी की जासूस एजेंसी
काम बढ़ा तो रजनी ने 1991 में अपनी जासूसी एजेंसी खोल ली, जो इसी तरह के केस को हल किया करती थी। छोटे बड़े मिलाकर रजनी ने 80 हजार से ज्यादा केस हल किए थे। उन्हें कई अवार्ड्स से सम्मानित किया गया। एक केस के दौरान उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था। आरोप था कि उन्होंने केस साॅल्व करने के लिए गलत तरीके से काॅल डिटेल्स निकलवाईं थीं। लेकिन रजनी ने अपने बचाव में कहा था कि बतौर जासूस यह उनके काम का हिस्सा है।